आध्यात्मिक स्वरूप की कामना के साथ संतों-भक्तों ने 200 किमी की परिक्रमा
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मिर्जापुर। “जह – जह चरण पड़े प्रभु राम के” स्थानों के दर्शन और उसे भव्य आध्यात्मिक स्वरूप की कामना के साथ संतों और भक्तों ने 200 किमी की परिक्रमा किया। आस्था स्थलों की माटी को नमन करते हुए भगवान श्रीराम वन गमन मार्गो और स्थानों को सजाने संवारने की संकल्प को पूरा करने के लिए आराध्य मर्यादा पुरुषोत्तम श्रीरामचंद्र से शक्ति सामर्थ्य की कामना की।
प्रयागराज विद्त परिषद के नेतृत्व में यात्रा भारद्वाज मुनि के आश्रम से आरंभ हुई । भगवान श्रीराम वनगमन के दौरान जहा विश्राम किया वहा पहुंची। भगवान श्रीराम के आगमन की ऐतिहासिकता और प्रामाणिकता के लिए संतों के नेतृत्व में यात्रा किया गया। प्रयागराज से निकली यात्रा सुजावन देव जसरा के मानपुर गांव पहुंची। इसके बाद काफिला इमलिया, प्रतापपुर, मनकामेश्वर, ऋषियन आश्रम, वाल्मीकि आश्रम, लालापुर एवं मौरी आदि 81 जगह से होकर चित्रकूट के कामत गिरी पर्वत पर पहुंची। गिरी राज का दर्शन पूजन के साथ यात्रा ने विश्राम किया।
करीब 200 किलोमीटर की यात्रा में पूज्य चैतन्य महाराज, जगतगुरु रामानुजाचार्य, यमुना पुरी जी महाराज, चैतन्य जी महाराज, सच्चा आश्रम के महंत रामरत्न, फलाहारी बाबा एवं संत अर्जुन दास जी आदि प्रमुख रुप से शामिल थे।
इसके अलावा यात्रा की कमान सेवानिवृत्ति आईजी लालजी शुक्ला ने सम्हाल रखा था। यात्रा में विहिप के पूर्व प्रांत संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव, देवेंद्र सिंह, डॉ. प्रमोद शुक्ला, विपिन गुप्ता, वीरेंद्र पाठक, दिनेश शर्मा, अंबुज एवं संतोष दुबे आदि शामिल रहे।