मिर्जापुर।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर शनिवार को अखंड रामायण पाठ का समापन हुआ। आरती पूजन के उपरान्त स्वयंसेवको ने प्रसाद ग्रहण किया। शुक्रवार को सुबह नगर के दुर्गा बाजार स्थित केशव धाम संघ कार्यालय पर यजमान सह जिला कार्यवाह एडवोकेट सुनील दुबे ने सपत्नीक वैदिक मंत्रोच्चार के बीच पूजन कर अखंड श्री रामचरित मानस पाठ का शुभारंभ किया। नगर के विभिन्न शाखाओ से स्वयंसेवकगण ने क्रमशः पहुचकर पूरे 24 घंटे मे श्री रामचरित मानस संपन्न किया। शनिवार को सुबह मानस संपन्न होने के उपरान्त आरती पूजन हवन कार्यक्रम जिला धर्म जागरण प्रमुख इन्द्रजीत शुक्ल ने संपन्न कराया। तदुपरान्त प्रसाद वितरण किया गया। संघ विचार परिवार के सैकडो कार्यकर्ता स्वयंसेवको ने भंडारे मे प्रसाद ग्रहण किया। इस अवसर पर विभाग प्रचारक प्रतोष जी, जिला प्रचारक धीरज जी, नगर प्रचारक राजेन्द्र जी प्रथम, विभाग संघचालक एडवोकेट तिलकधारी जी, सह विभाग संघचालक धर्मराज जी, विभाग कार्यवाह सच्चिदानंद जी, जिला संघचालक शरद चंद्र उपाध्याय जी, जिला कार्यवाह चंद्रमोहन जी, नगर कार्यवाह लखन अग्रवाल जी, अहरौरा नगर प्रचारक रवींद्र जी, भदोही से विस्तारक दीपेश जी सहित मिर्जापुर एवं भदोही के तमाम स्वयंसेवकगण एवं विचार परिवार के कार्यकर्तागण ने प्रसाद ग्रहण किया।
शरद पूर्णिमा पर हजारों भक्तों ने गड़बड़ा धाम दरबार में टेका मत्था
हलिया (मिर्जापुर)।
शरद पूर्णिमा के अवसर पर गड़बड़ा धाम में मां शीतला के दरबार में हजारों भक्तों ने माथा टेकर मनोकामनाएं पूरी की। गड़बड़ा धाम मां शीतला के दरबार में दर्शन पूजन के लिये मंदिर का कपाट खुलते ही मां की जयकारे से मंदिर परिसर गुजता रहा। गड़बड़ा धाम में श्रद्धालुओं की दर्शन पूजन के लिए भक्तों ने दर्शन पूजन कर मंगल कामनाएं की।पुरुष महिला भक्त अलग-अलग कतारो धीरे-धीरे चलकर मां की एक झलक पाने में लालाइत रहे। जगत जननी माता शीतला की दरबार पर शीश नवाने के लिए पुरुष महिला श्रद्धालु सुबह से सेवटी नदी में डुबकी लगाई। आस्थावान मां देवी भगवती के चरणों में श्रद्धा सुमन नमन करते हुए दर्शन पूजन कर सुखमय जीवन की मंगल कामना किया। माता के जयकारे से मंदिर परिषद गूंजता रहा देवी के दरबार में भक्तों ने शीश नवाया महिला पुरुष के साथ बच्चों ने माता का दर्शन पाकर निहाल को उठे पुरुष महिला सभी भक्त मां शीतला के दर्शन की एक नजर पाने में लीन रहे घंटा घड़ियाल से धाम में मां की जय कारे लगते रहे। भक्तों ने श्रृंगार के समान बास के बर्तन लाई जलेबी खरीदे।