0 मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की अध्यक्षता में कैबिनेट ने दी मंजूरी
0 विंध्याचल मंडल में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में यह विश्वविद्यालय मील का पत्थर साबित होगा: अनुप्रिया पटेल
मिर्जापुर।
मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में मंगलवार को हुई कैबिनेट की बैठक में मीरजापुर जनपद में खुलने वाले मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय को मंजूरी दे दी गई है। कैबिनेट की मंजूरी के बाद जनपद में विश्वविद्यालय स्थापना का रास्ता साफ हो गया है। अब विश्वविद्यालय के स्थापना में तेजी आ जाएगी। जनपद की लोकप्रिय सांसद एवं भारत सरकार में वाणिज्य व उद्योग राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल ने यूपी कैबिनेट के इस सराहनीय फैसले पर प्रसन्नता व्यक्त करते हुए आदरणीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एवं मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के प्रति आभार व्यक्त किया है। केंद्रीय मंत्री श्रीमती पटेल ने कहा कि यह विश्वविद्यालय आने वाले समय में विंध्याचल मंडल में शिक्षा के प्रचार-प्रसार में मील का पत्थर साबित होगा।
बता दें कि मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु केंद्रीय मंत्री अनुप्रिया पटेल पिछले कई सालों से प्रयासरत थीं। श्रीमती पटेल इस बाबत माननीय मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को पत्र लिखकर कई बार अनुरोध कर चुकी हैं। मुख्यमंत्री श योगी आदित्यनाथ के 29 जनवरी 2020 में मीरजापुर दौरा के दौरान अनुप्रिया पटेल ने विश्वविद्यालय स्थापना की मांग की थी।
उधर, उत्तर प्रदेश के कैबिनेट मंत्री आशीष पटेल ने मां विंध्यवासिनी विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 16 जनवरी 2023 में प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री श्री योगेश उपाध्याय जी से मुलाकात कर अनुरोध किया था। तत्पश्चात इस साल 2023-24 के वित्तिय बजट में विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु 50 करोड़ रुपए बजट का प्रावधान किया गया। विश्वविद्यालय की स्थापना हेतु जनपद के मडिहान के देवरी ग्राम सभा की भूमि को चिन्हित किया गया है। अनुप्रिया पटेल का कहना है कि विंध्याचल मंडल अनुसूचित जाति/जनजाति बाहुल्य क्षेत्र है। विंध्याचल मंडल में राज्य विश्वविद्यालय की स्थापना होने से क्षेत्रीय गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने के लिए बड़े महानगरों अथवा अन्य जनपदों में जाने की जरूरत नहीं पड़ेगी। बता दें कि केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग राज्य मंत्री श्रीमती अनुप्रिया पटेल के विशेष प्रयास से विंध्याचल मंडल में तेजी से विकास हो रहा है। यहां पर स्वास्थ्य, शिक्षा एवं परिवहन जैसी बुनियादी जरूरतों को प्राथमिकता के आधार पर सुदृढ़ किया गया है।