धर्म संस्कृति

तीर्थो का विकास संस्कृति का विकास है और संस्कृति का विकास मानवता का विकास है: जगद्गुरु शंकर विजयेंद्र सरस्वती

0 विंध्य कॉरिडोर का काम अनुकरणीय पहल

विन्ध्याचल, मीरजापुर।

वृहस्पतिवार को सायं मां विंध्यवासिनी के चरणों में स्वामिगल कांची कामकोटी पीठ के 70 वें जगतगुरु शंकर विजयेंद्र सरस्वती ने मत्था टेका। दर्शन पूजन के दौरान श्रवण वेद पाठशाला के आचार्य पंडित अगत्स्य द्विवेदी अपने पाठशाला के विद्यार्थियों के साथ शंकराचार्य जी के दर्शन पूजन के दौरान मधुर स्वर में मंत्रोच्चारण के साथ डमरू और ध्वनि विस्तारक यंत्रों से पूरा मंदिर भक्तिमय कर दिए। शंकराचार्य ने मां विंध्यवासिनी के गर्भगृह में विधिवत दर्शन पूजन करने के पश्चात पत्रकारों से कहा कि ललिता सहस्रनाम में विंध्याचल निवासिनी , विधात्री,वेद जननी का उल्लेख है। प्रयागराज और वाराणसी आना होता था काफी दिनों से मां के दर्शन का संकल्प था जो आज पूरा हुआ। यहां आकर विंध्य कॉरिडोर के निर्माण को देखकर काफी प्रसन्नता हुई।

विंध्याचल कॉरिडोर में अष्टकोण का निर्माण श्रद्धालुओं के दर्शन पूजन की सुगम व्यवस्था के लिए जरूरत थी। जगद्गुरु ने बताया कि वाराणसी में मुख्यमंत्री से मुलाकात के दौरान उन्होंने धार्मिक स्थलों के विस्तार के बारे में बताया था। उन्होंने कहा कि धार्मिक स्थलों का विकास अपने संस्कृति का विकास है और संस्कृति का विकास मानवता का विकास है और मानवता का विकास अपने धर्म का विकास है। जगद्गुरु ने कहा कि कांची कामकोटी पीठ वेद पाठ शाला से जो भी छात्र पढ़े हैं आज अध्यापक का कार्य कर रहे है। उनके द्वारा 50 विद्यार्थियों को पठन पूजन एवम भोजन आदि की व्यवस्था अयोध्या, चित्रकूट, लखनऊ, वाराणसी आदि में किया गया है। मां विन्ध्यवासिनी के दरबार मे भी ऐसे कार्य हो जिससे धर्म को बढ़ावा मिल सके। विन्ध्याचल कॉरिडोर का काम बहुत सुंदर है। आने वाले भक्तों को काफी सुविधा होगी। इस दौरान धाम चौकी प्रभारी दया शंकर ओझा, नायब तहसीलदार राहुल मिश्र रहें। दर्शन पूजन धीरज मिश्रा ने कराया। इस दौरान सुरक्षा के कड़े प्रबंध रहे।

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