हलिया (मिर्जापुर)।
क्षेत्र के वन्यजीव अभयारण्य क्षेत्र से होकर गुजरने वाली सात सड़कें अनापत्ति प्रमाण पत्र न मिलने के कारण नहीं बन पा रही हैं, जिससे इन रास्तों से होकर आवागमन करने वाले ग्रामीणों को काफी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है। दुर्गम व क्षतिग्रस्त रास्तों से होकर गुजरना पड़ रहा है।
हलिया क्षेत्र के नक्सल प्रभावित गांव मतवार, सगरा, कुशियरा गांव की गरीब चालीस हजार से अधिक आबादी प्रभावित हैं। ब्लाक मुख्यालय से करीब तीस किलोमीटर दूर मतवार सगरा, कुशियरा सहित कई गांवों के लोगों को अपने घर तक पंहुचने के लिए एकमात्र रास्ता है, इसमें वन्यजीव अभयारण्य ओर से लगी रोक के चलते सड़क निर्माण नहीं हो पा रहा है। अभ्यारण्य वन क्षेत्र से होकर जा रहे संपर्क मार्ग पर गढ्ढे हो गये है। सड़क क्षतिग्रस्त हो गई है। वन क्षेत्र के हलिया मतवार मार्ग पर दोनों तरफ लोक निर्माण विभाग की ओर से सड़क तो बनाई गई है, लेकिन वन क्षेत्र में मौजूद सड़क का निर्माण न होने से ग्रामीण परेशान हैं। वन विभाग यह कहकर पल्ला झाड़ ले रहा है कि लोक निर्माण विभाग सड़क बनाने के लिए अनापत्ति प्रमाण ले, तब सड़क का निर्माण कार्य करने दिया जाएगा। सड़क निर्माण न होने से प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र, ब्लाक मुख्यालय, थाना सहित जिला मुख्यालय पंहुचने के लिए दुर्गम रास्ते से होकर गुजरने के लिए मजबूर हैं। इसके चलते मतवार, कुशियरा, सगरा, मटिहरा, नंदना, बेलाही, मतवरिया, हर्रा आदि गांवों के बच्चों को जूनियर हाईस्कूल के बाद उच्च शिक्षा के लिए सड़क के चलते पढ़ाई नहीं कर पा रहे हैं। इस संबंध में प्रभागीय वनाधिकारी कैमूर वन्यजीव प्रभाग अरविंद कुमार यादव ने बताया कि अनापत्ति प्रमाण वन विभाग नहीं भारत सरकार देती है। प्रांतीय खंड लोक निर्माण विभाग की तरफ से कुल सात सड़कों के निर्माण के बाबत अनापत्ति प्रमाण पत्र के लिए आवेदन किया है। अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी होते ही निर्माण कार्य कराने दिया जायेगा।