असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तकों ने अपने हुनर का किया प्रदर्शन
0 लक्षणधारी बिंद रायपुर सौनहा (गैपुरा) के रिसर्च साइकिल को मिला प्रथम स्थान, पेटेंट रिसर्च के लिए की गई सेलेक्ट
0 नव प्रवर्तन पर आयोजित व्याख्यान मे वैज्ञानिको ने रखे विचार
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मिर्जापुर।
विज्ञान एवम प्रौद्योगिकी परिषद उत्तर प्रदेश द्वारा संचालित जिला विज्ञान क्लब मिर्जापुर के तत्वाधान में असंगठित क्षेत्र के नव प्रवर्तकों की प्रदर्शनी एवम वैज्ञानिक व्याख्यान का आयोजन सोमवार, 25 दिसंबर को राजकीय इंटर कॉलेज मिर्जापुर के परिसर में आयोजित किया गया। प्रदर्शनी का उद्घाटन राजकीय बालिका इंटर कॉलेज विंध्याचल के प्रधानाचार्य महेंद्र सोनकर, डॉक्टर जय पी राय वरिष्ठ वैज्ञानिक वीएचयू, जिला समन्वयक सुशील कुमार पांडेय ने दीप प्रज्वलित करके किया। जिला विज्ञान क्लब समन्यवयक सुशील कुमार पांडेय ने विशेषज्ञों का स्वागत करते हुए कहाकि असंगठित क्षेत्र के नवप्रवर्तक का मतलब समाज के ऐसे वैज्ञानिकों से है, जिन्होंने कभी विज्ञान नहीं पढ़ा हो और समाज की मुख्य धारा से अलग थलग पड़े हैं। उनको जिला विज्ञान क्लब पहचान दिलाने का कार्य कर रहा है। इस गतिविधि का संचालन करने के लिए ग्रामीण क्षेत्र एवम शहरी क्षेत्र के ऐसे नवप्रवर्तक को परिषद में स्थापित नवप्रवर्तन केंद्र ऐसे लोगो के अन्वेषण एवम परंपरागत ज्ञान के संरक्षण के अवसर प्रदान करने हेतु निरंतर प्रयासरत है। नवप्रवर्तको की मौलिक अन्वेषण को पेटेंट कराने का प्रयास किया जा रहा है। महेंद्र सोनकर प्रधानाचार्य ने सभी नवप्रवर्तकों एवम विशेषज्ञों का स्वागत किया। विशेषज्ञ के रूप में डॉक्टर जय पी राय वरिष्ट वैज्ञानिक वीएचयू, डॉक्टर एस के गोयल, डॉक्टर एसएन सिंह, प्रिंसी पांडे प्रवक्ता अभियांत्रिकी राजकीय पॉलीटेक्निक रही। नवप्रवर्तन पर व्याख्यान की श्रृंखला में डॉक्टर जय पी राय ने कहाकि किसी समस्या का तुरंत समाधान करने की क्रिया नवप्रवर्तन कह सकते है। डॉक्टर एसके गोयल ने कहाकि अलग सोचने की विधि नव प्रवर्तन कहलाती है। किसी समस्या को चिन्हित करना भी नवप्रवर्तन कहलाता है। डॉक्टर एस एन सिंह ने मिट्टी में हम कैसे नव प्रवर्तन कर सकते है व्याख्यान देते हुए कहा कि एक कौआ अपने लिए पानी पीने के लिएकंकड़ डाल कर पानी को ऊपर उठाकर पानी की प्यास बुझाया। उससे बड़ा नव प्रवर्तक कौन होगा। प्रिंसी पांडे प्रवक्ता राजकीय पॉलीटेक्निक मिर्जापुर ने कहाकि आप सभी बच्चे अपने आस पास की समस्या की समझ रखकर उनके समाधान के लिए माडल तैयार करते है, ये बहुत ही अच्छा कार्य कर रहे है। नवप्रवर्तक देश के बड़े वैज्ञानिक है। प्रदर्शनी में 15 नवप्रवर्तको ने अपने नवप्रवर्तन का प्रदर्शन किया। लक्षणधारी बिंद रायपुर सौनहा (गैपुरा) ने रिसर्च साइकिल को मोटर साइकिल में नव प्रवर्तन, प्रिंस कुमार अहरौरा ने धान से खरपतवार निकालने की मशीन, सुबास चंद्र सिंह फत्तेपुर चुनार ने ईट बनाने की नई तकनीकी सोलर एनर्जी से ईट पकाना, कृष्णा जायसवाल घाम्हा पुर ने जंगली जानवर को भगाने वाले यंत्र, रोहित मौर्य अहरौरा की मिट्टी की वाटर बोतल बनाने किमशीन, सौरभ विश्वकर्मा अहरौरा ने ऊंचाई से बल्ब उतारने की मशीन, चंदन ने ईट उठाने की मशीन, प्रिंस कुमार ने पौधो को खाद देने की मशीन, हिमांशु शर्मा ने बीज मिलाने की मशीन, जयप्रकाश बिंद ने सफाईकर्मियों के लिए सफाई करने की मशीन, ओणम सिंह ने सभी प्रकार की सब्जियों को धोने की मशीन, आर्यन प्रसाद नेगोभी काटने एवम गाजर घास उखाड़ने की मशीन नवप्रवर्तन प्रस्तुत किया। निर्णायक मंडल ने प्रथम पुरस्कार लक्षण धारी बिंद की रिसर्च साइकिल, द्वितीय पुरस्कार आर्यन प्रसाद अहरौरा की गोभी उखाड़ने की मशीन, तृतीय पुरस्कार रोहित मौर्य की मिट्टी की बोतल बनाने की मशीन को मिला। लक्षण धारी बिंद की रिसर्च साइकिल को पेटेंट रिसर्च के लिए चयनित किया गया और विशेषग्यो ने उसका नाम लक्षन बाईक दिया। वही, सांत्वना पुरस्कार के लिए सुबास सिंह, प्रिंस कुमार सत्यान गंज, जय प्रकाश बिंद, प्रिंस कुमार, सौरभ विश्वकर्मा रहे। प्रथम पुरस्कार स्वरूप 8000 रुपए, द्वितीय पुरस्कार किए 5000 रुपए, तृतीय पुरस्कार स्वरूप 3000 रुपए तथा पांच को सांत्वना पुरस्कार 2000 रुपए की धनराशि खाते में भेजी जाएगी।सभी प्रतिभागियों को प्रमाणपत्र, स्मृति चिन्ह विशेषज्ञों एवम प्रधानाचार्य ने प्रदान किए। इस कार्यक्रम में विमलेश अग्रहरी उप/सह समन्वयक राष्ट्रीय बाल विज्ञान कांग्रेस मिर्जापुर, सिद्धार्थ सिंह, यथार्थ पांडेय, राजेंद्र मौर्य, पंकज ने सहयोग किया।