मिर्जापुर।
प्रत्येक वर्ष की भांति सिद्ध चिकित्सा पद्धति को बढ़ावा देने के उद्देश्य से महर्षि अगस्त मुनि के जन्मदिन पर एन सी आई एस एम, आयुष मंत्रालय भारत सरकार, केंद्रीय सिद्ध अनुसंधान परिषद, राष्ट्रीय सिद्ध संस्थान तथा तमिलनाडु सरकार के भारतीय चिकित्सा निदेशालय द्वारा संयुक्त रूप से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ एवं आयुष राज्य मंत्री दयाशंकर मिश्र ‘दयालु’ जी के नेतृत्व में काशी तमिल संगमम, नमो घाट पर आयोजित सातवें सिद्ध दिवस समारोह में गणमान्य अतिथियों वैद्य रघुराम भट्ट, चेयरमैन रेटिंग बोर्ड, एनसीआईएसएम, प्रो केके द्विवेदी, नोडल ऑफिसर की गरिमामय उपस्थति में एपेक्स इंस्टिट्यूट ऑफ आयुर्वेदिक मेडिसन एंड हॉस्पिटल चुनार के डीन प्रो सुनील मिस्त्री, प्रधानाचार्य प्रो पीके सिंह, एकेडेमिक हेड प्रो यशवंत चोहान, बीएएमएस छात्रों सहित महर्षि अगस्त मुनि पर माल्यार्पण एवं दीप प्रज्ज्वलित कर समारोह का शुभारंभ किया गया।
समारोह में आयुष विद्वानों एवं शिक्षाविदों द्वारा स्वास्थ्य देखभाल की सबसे पुरानी संहिताबद्ध परंपराओं, कई जटिल, अभिनव चिकित्सीय उपाय और उपचार के तौर-तरीके, संक्रामक रोगों के लिए सिद्ध चिकित्सा की शक्ति विषय पर प्रतिभागी सम्मानित गणमान्य अतिथियों, सिद्ध डॉक्टर, संकाय सदस्य और आयुष कॉलेजों के छात्रों के समक्ष ज्ञान वर्धन व्याख्यान प्रस्तुत किए गए और सिद्ध विधा को अपनाने हेतु प्रेरित किया गया। एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह ने समारोह की सराहना करते हुए कहा कि सार्वजनिक तथा निजी स्वास्थ्य देखभाल की सबसे पुरानी संहिताबद्ध सिद्ध चिकित्सा पद्धति, परंपराओं और सुविधाओं के माध्यम से जनसंख्या का एक बड़ा हिस्सा लाभान्वित होता है। संयोजन प्रबंधक हिमांशु त्रिपाठी द्वारा किया गया।