मिर्जापुर।
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मिर्ज़ापुर नगर के तत्वावधान में संघ परिचय बैठक का आयोजन दुर्गा बाजार संघ कार्यालय केशव धाम के सभागार में रविवार को सायं संपन्न हुआ। इस बैठक के माध्यम से प्रभु श्री राम लला के निमंत्रण स्वरूप अक्षत वितरण कार्यक्रम में सहभागी बने समाज समाज को संघ से परिचित करते हुए संघ परिवार के रीति नीति से अवगत कराया गया। साथ ही संघ स्थान केशव शाखा पर शाखा लगाकर संघ की शाखाओ मे होने वाले शारीरिक एवं विभिन्न खेल सहित संघ प्रार्थना कराई गयी। शाखा विकिर के उपरान्त जलपान उपरान्त कार्यक्रम का समापन किया गया। इस अवसर पर विन्ध्याचल विभाग के विभाग कार्यवाह तिलकधारी जी का पाथेय (बौद्धिक) प्राप्त हुआ।
बौद्धिक मे विचार व्यक्त करते हुए विभाग कार्यवाह तिलकधारी जी ने कहाकि समाज संघ की शाखाओ के करीब आए और शाखाओ से जुडे, जहा भारत माता और भारतवर्ष की भाव और भावना पैदा होती है। शाखा मे निरंतर चलने वाले राष्ट्रभाव की प्रत्यक्षानुभूति करें। संघ की स्थापना 1925 मे हुई और 2025 मे 100 वें वर्ष मे प्रवेश करने जा रहे हैं। ऐसे मे हम अपने संघ एवं सिद्धांतो को संपूर्ण समाज तक पहुचाने के लिए समाज को प्रेरित करने का काम कर रहे है।
उन्होने कहाकि निरंतर लगने वाली शाखा मे समाज का हर व्यक्ति जो राष्ट्रभाव से प्रेरित हो जुडकर राष्ट्र को परं वैभव की और ले जाने के हमारे ध्येय पथ पर चल सकता है। क्योंकि देश और समाज के लिए व्यक्ति निर्माण आवश्यक है और इसी भाव से संघ संस्थापक डाक्टर हेडगेवार ने अपना सर्वस्व त्याग कर देशभक्त और चरित्रवान नौजवान खडा करके आरएसएस की स्थापना की, हर प्रान्त मे संघ की शाखाए शुरू की। डाक्टर साहब यूपी के काशी आए, लखनऊ मे भाऊराव देवरस को भेजा जहा उन्होने अखबार तक बेचा और शाखा विस्तार के साथ बीकाम एलएलबी की। भाऊराव की शाखा से ही अटल जी, दीनदयाल उपाध्याय जी, अशोक सिंघल और जोशी जी ने संघ कार्य को आगे बढाया। डाक्टर साहब ने माधवराव मुरे को नागपुर से दिल्ल
का टिकट दिया और कहा दिल्ली मे संघ विस्तार करो और इस टीकट के अलावा मै तुम्हे कुछ भी नही दे सकता। मुरे दिल्ली गये और फिर घर नही लौटे आजन्म संघ कार्य किया और सरकार्यवाह रहते हुए 23 जून 1940 को उनका निधन हुआ। ऐसे मनीषि के सानिध्य का सौभाग्य हमे भी मिला।
1889 मे नागपुर मे जन्मे डाक्टर हेडगेवार के देशभक्ति पर चर्चा करते हुए बताया कि 1897 मे विक्टरिया के हीरक जयंती समारोह मे जब उनके स्कूल मे बच्चो की मिठाई मिली तो उन्होने उसे कूड़ेदान मे फेक दिया। जब हाईस्कूल मे थे तो डीआईओएस के निरीक्षण के दौरान वंदे मातरम से उनका स्वागत किया। डाक्टरी पढने कलकत्ता गये और आजादी के आन्दोलनो मे भाग लिया। नागपुर आए और 1920 मे काग्रेस की सदस्यता ली और अधिवेशन मे सर्व व्यवस्था प्रमुख रहे। 1930 मे सत्याग्रह मे जेल भी गये। इतिहास मे अनुपलब्ध है लेकिन जब जेल से आये तो गेट पर रिसीव करने मोतीलाल नेहरू सहित अन्य लोग भी गये। ऐसा जीवन संघ संस्थापक का रहा। लेकिन इन सब को त्याग कर उन्होने जब संघ की स्थापना की और उसके बाद का समस्त जीवन पढेंगे और जानेंगे तो उनके संघर्षो से सबक लेगे और आंसू भी आएगे।
इस अवसर पर प्रमुख रूप से जिला प्रचारक धीरज जी, नगर संघ चालक अशोक कुमार सोनी जी, नगर प्रचारक राजेंद्र जी प्रथम, नगर कार्यवाह लखन कुमार जी, सह नगर कार्यवाह शैलेश जायसवाल जी, नगर व्यवस्था प्रमुख विनोद यादव जी, सह नगर व्यवस्था प्रमुख प्रदीप पांडे जी, नगर प्रचार प्रमुख विमलेश अग्रहरि जी, नगर शारीरिक प्रमुख अखिलेश यादव जी, नगर धर्म जागरण प्रमुख बालाजी कसेरा जी समेत सैकडो स्वयंसेवकगण मौजूद रहे।