0 जीडी बिनानी पीजी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई प्रथम एवं द्वितीय के शिविर का तृतीय दिवस
मिर्जापुर।
भरूहना एवं कतरन गांव का चयन कर वीएसपी कान्वेंट स्कूल में संचालित जीडी बिनानी पीजी कॉलेज की राष्ट्रीय सेवा योजना इकाई प्रथम एवं द्वितीय के विशेष शिविर के तीसरे दिवस की शुरु साड़ी या किसी अन्य प्रलोभन में न पड़कर बिना किसी भय के कर्म पर आधारित वोट देंगे तभी एक अच्छी सरकार चुन सकते आत जेपी सिंह द्वारा योग के माध्यम से हुई।
स्वयंसेवकों को सूर्य नमस्कार एवं प्राणायाम के बारे में बताते हुए अभ्यास कराया गया। नाश्ता के पश्चात स्वयंसेवकों ने चयनित ग्राम में मतदाता जागरूकता रैली का आयोजन किया, जिसका नेतृत्व वरिष्ठ कार्यक्रम अधिकारी डा ऋषभ कुमार एवं डॉ आशुतोष कुमार तिवारी के द्वारा किया गया। सहयोग के लिए अरविंद दुबे भी उपस्थित रहे।
स्वयंसेवकों ने आगामी लोकसभा चुनाव में सभी को अपना मतदान देने के लिए प्रेरित करने हेतु गांव के पगडंडियों से होते हुए विभिन्न कोनों में जाकर सारे काम छोड़ दो सबसे पहले वोट दो, जो बाटे शराब नोट उसको कभी न देना वोट आदि महत्वपूर्ण नारों के साथ जागृत किया।
स्वयंसेवकों ने कई जगह टोली बनाकर गांव वालों के साथ बातचीत कर सभी को अनिवार्य रूप से अपना मत देने के लिए समझाया। वापस शिविर स्थल पर आकर स्वयंसेवकों ने वन नेशन वन इलेक्शन विषयक निबंध प्रतियोगिता में प्रतिभाग किया। भोजन के पश्चात आयोजित बौद्धिक सत्र में महाविद्यालय के शिक्षा विभाग विभाग अध्यक्ष प्रोफेसर उमेश सिंह सर ने स्वयंसेवकों को अनुशासित रहने का निर्देश देते हुए शिविर के सफल होने की शुभकामना दी। वहीं पूर्व कार्यक्रम अधिकारी डा शशिधर शुक्ला ने समर्पित भाव से स्वयंसेवकों को शिविर में प्रतिभाग करने एवं नई चीज़ सीखने के लिए प्रेरित किया। तृतीय दिवस की थीम के अनुरूप महाविद्यालय के सहायक आचार्य वशीम अकरम अंसारी ने स्वयंसेवकों को लोकतंत्र में चुनाव एवम मतदान करने की महत्ता के बारे में बताते हुए वर्तमान में ज्वलंत विषय वन नेशन वन इलेक्शन पर स्वयंसेवकों से साथ चर्चा परिचर्चा की। वशीम अकरम ने बताया कि यदि हम नोट या साड़ी या किसी अन्य प्रलोभन में न पड़कर बिना किसी भय के कर्म पर आधारित वोट देंगे तभी एक अच्छी सरकार चुन सकते है। चर्चा से यह निष्कर्ष निकला कि भारत जैसे विशाल देश में वन नेशन वन इलेक्शन को लागू करना आर्थिक दृष्टिकोण से आवश्यक है परंतु इसे पूरी सावधानी से लागू करने की आवश्यकता है। बौद्धिक सत्र के पश्चात स्वयंसेवकों ने सांस्कृतिक संध्या के अंतर्गत विभिन्न कार्यक्रम प्रस्तुत किया। सायं काल में स्वयंसेवकों ने गांव का दौरा कर लोगो से बातचीत करते हुए गांव के रहन सहन के बारे में जानकारी ली। सायं काल में महाविद्यालय की प्राचार्य प्रो वीना सिंह ने शिविर का निरीक्षण किया एवम स्वयंसेवकों से फीडबैक प्राप्त किया।