मिर्जापुर।
एपेक्स ट्रस्ट हॉस्पिटल चुनार के ऑक्यूपेशनल थेरेपी विभाग द्वारा ऑटिज्म जागरूकता को समर्थन एवं सक्रिय रूप से योगदान देने के उद्देश्य से हॉस्पिटल कर्मचारियों, नर्सिंग, पैरामेडिकल, आयुर्वेद, फार्मेसी के छात्रों एवं फैकल्टी के विश्व ऑटिज़म दिवस के अवसर पर जागरूकता सत्र आयोजित किया गया।
सत्र का शुभारंभ करते हुए एपेक्स के चेयरमैन डॉ एसके सिंह, डीन प्रो सुनील मिस्त्री एवं नर्सिंग प्रधानाचार्य डॉ एस एस गोपी ने अपने संभाषण में कहा कि ऑटिज्म एक सामाजिक समस्या है जो विभिन्न रूपों में प्रकट हो सकती है और इस मुद्दे से निपटने के लिए ऑटिज्म से प्रभावित लोगों के प्रति समझ और समर्थन को बढ़ाना ही हमारा लक्ष्य होना चाहिए। एपेक्स की ऑक्यूपेशनल थेरेपी विशेषज्ञ डॉ सौम्याश्री ने वीडियो के माध्यम से इसके लक्षणों एवं व्यावहारिक व्यायामों द्वारा इसके प्रबंधन को समझाते हुए ऑटिज्म से प्रभावित बच्चों के परिवार जनों से थेरेपी द्वारा उन्हें अपना कार्य स्वयं करने के लिए सक्षम बनाने में सहयोग करने की अपील की।
जागरूकता सत्र में अन्य वक्ताओ प्रो परमेश्वरी ने आटिज्म स्टिग्माटाईजेशन, एसोसिएट प्रो अनुशी ने आटिज्म प्रबंधन में नर्सिंग की भूमिका, बीएएमएस इंस्टिट्यूट के एकेडमिक हेड प्रो यसवंत चौहान एवं कायचिक्त्सा विशेषज्ञ डॉ गौरी चौहान ने आटिज्म के आयुर्वेदिक पहलू पर अपना वयाख्यान प्रस्तुत किया। इस अवसर पर मुख्य अतिथि ऑटिस्टिक बच्चो के लिए स्पेशल प्रसिक्षण स्कूल तारो के बच्चे की संस्थापक मिस मैर्री को एपेक्स ट्रस्ट हॉस्पिटल द्वारा सम्मानित करते हुए अलग रूप से सक्षम बच्चों को उपहार भेंट कर, नीले गगन में गुबारे छोड़ कर उनके मनोबल को बढ़ावा दिया गया। जागरूकता सत्र का सयोंजन एवं संचालन प्रबंधक नवीन सिंह, विनोद वर्मा, फार्मेसी फैकल्टी दीक्षा अग्रहरी, आयुर्वेद फैकल्टी डॉ सुनील सिंह, नर्सिंग फैकल्टी प्रदीपिका एवं स्वेता सिंह के द्वारा किया गया।