मिर्जापुर।
संसार एक रंग मंच है, यहां सभी को अपने-अपने किरदार का शत प्रतिशत अभिनय करना होता है। अभिनय की सफलता ही जीवन की सफलता होती है। व्यक्ति के नियत को तो केवल भगवान जानता है। संसार व्यक्ति के अभिनय को देखता जानता है।
मंचीय अभिनय में आंगिक प्रदर्शन, शब्दों का चयन, भाव भंगिमा, परिधान, ध्वनि एवं प्रकाश सबके सम्मिलित प्रभाव से दर्शक के ऊपर जो प्रभाव पड़ता है वह मन को छूते हृदय की गहराई से गुजरते हुए आत्मा के स्तर तक पहुंच जाती है। अभिनय कला की सजीव एवं श्रेष्ठ पद्धति है।
यह उद्गार विंध्याचल में होने वाले नाट्य कार्यशाला की रचना निर्माण के समय संस्कार भारती काशी प्रांत अध्यक्ष गणेश प्रसाद अवस्थी ने संस्कार भारती की बैठक मे व्यक्त किया।
इस अवसर पर संस्कार भारती मिर्जापुर के महामंत्री शिवराम शर्मा ने बताया कि आगामी 2 जून 2024 से 21 जून 2024 तक 20 दिवसीय नाटक कार्यशाला का आयोजन विंध्याचल में किया जा रहा है, जिसमें बाहर से नाट्य प्रशिक्षक आ रहे हैं। प्रशिक्षण के बाद 23 जून को इसका मन्चीय प्रदर्शन भी किया जाएगा।
बैठक में सोमेश्वर पति त्रिपाठी को संयोजक एवम कृष्ण कुमार अग्रहरी को सहसंयोजक बनाया गया। इस कार्यशाला में सम्मिलित होने के लिए एक जून 2024 तक पंजीकरण कराना आवश्यक होगा। बैठक की अध्यक्षता अगस्त्य द्विवेदी व संचालन शिवराम शर्मा ने किया। इस अवसर पर संजय श्रीवास्तव, अश्वनी पांडे, राज कुमार चौधरी, राकेश वर्मा, राम धनी पाल, शिवलाल गुप्ता, डा अरविंद अवस्थी उपस्थित रहे।
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