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हीट वेव में बरतें सावधानियां, तभी अपने कार्यों को पूर्ण करें; 25 मई से चल रहा नौतपा, दो जून तक राहत के आसार नही
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मिर्जापुर।
जिलाधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन के निर्देशन में एवं अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0)/प्रभारी अधिकारी (आपदा प्रबंधन) शिव प्रताप शुक्ल के मार्गदर्शन में हीट वेव के दृष्टिगत जिले स्तर पर पेयजल संबंधित समस्याओं के निस्तारण हेतु कंट्रोल रूम की स्थापना की गई है जिसका संपर्क सूत्र 0542-253624/253627 है। उपरोक्त के अतिरिक्त जनपद के 14 भीड़ केंद्रित स्थलों पर नए वाटर कूलर लगाए गए हैं जैसे की घंटाघर, कंतित बालाजी मंदिर, चौबे घाट, शिवपुरी स्टेट बैंक समीप, बसही, चौबे टोला भैरव मंदिर के पास, शुक्लहा अनगढ़ तिराहा, शीतला मंदि, बरौंधा निरंकारी भवन इत्यादि l जनपद कि समस्त 53 स्वास्थ्य इकाइयों में कोल्ड रूम कि स्थापना कि गयी है एवं कई सरकारी कार्यालयों में आम जनमानस के दृष्टिगत वाटर कूलर लगाये गये हैं। आगामी 01 जून को जनपद के पोलिंग बूथ पर होने वाली वोटिंग के दृष्टिगत जनपद के समस्त पोलिंग बूथ पर स्वास्थ्य विभाग की टीम के माध्यम से हेल्थ कॉर्नर पर प्राथमिक चिकित्सा की व्यवस्था एवं ओoआरoएस कॉर्नर की स्थापना कि गयी है, समस्त बूथों पर साथ स्वच्छ पेयजल एवं अन्य मूलभूत सुविधाओं की व्यवस्था की गई है। उपरोक्त के अतिरिक्त तहसील एवं नेहरू युवा केंद्र संगठन के वॉलिंटियर्स के माध्यम से जनपद में हीट वेव की सावधानियां को लेकर जागरूकता फैलाई जा रही है।

इनसेट मे…
लू तापघात से बचाव के मुख्य उपाय- क्या करें
सफेद या हल्के रंग के सूती कपड़े पहनें, प्यास की इच्छा न होने पर भी समय-समय पर निरंतर पानी पियें, बुजुर्गों-बच्चों एवं गर्भवती महिलाओं का विशेष ध्यान रखें, बाहर जाते समय सिर पर हल्का गीला कपड़ा रखें, घर की छत पर चुना या सफेद रंग का पेंट करें जिससे की छत के नीचे का हिस्सा ठंडा रहे, सफर में अपने साथ पानी रखें, घर में बना पेय पदार्थ जैसे की लस्सी-नमक चीनी का घोल-नींबू पानी-छाछ-आम का पन्ना इत्यादि का सेवन करें, तथा जानवरों को छांव में रखें और उन्हें खूब पानी पीने को दें, खिड़की को गत्ता-एल्यूमीनियम पन्नी इत्यादि से ढक कर रखें ताकि बाहर की गर्मी को अंदर आने से रोका जा सके।

इनसेट मे…
लू तापघात के दौरान क्या ना करें
कड़ी धूप में खासकर दोपहर 12:00 से 3:00 के दौरान घर से बाहर न निकलें, खाना बनाते समय कमरे के खिड़की एवं दरवाजे बंद ना रखें जिससे कि हवा की आवा-जाही बनी रहे, नशीले पदार्थ जैसे शराब इत्यादि का सेवन न करें, उच्च प्रोटीन युक्त खाद्य पदार्थ एवं बासी भोजन का सेवन करने से बचें, स्थानीय मौसम के पूर्वानुमान को सुने एवं आगामी तापमान में होने वाले परिवर्तन के प्रति सतर्क रहें, बच्चों एवं पालतू जानवरों को बंद वाहन में अकेला ना छोड़े, संतुलित हल्का एवं नियमित भोजन करें l
*लू तापघात के मुख्य लक्षण*
त्वचा का सूखा एवं लाल होना, उल्टी-दस्त होना, मांसपेशियों में ऐंठन, सिरदर्द होना या सर का भारीपन महसूस होना, शरीर का तापमान बढ़ता इत्यादि।

इनसेट मे…
लू तापघात के प्राथमिक उपचार
108 पर एंबुलेंस को फोन करें एवं नजदीक के स्वास्थ्य केंद्र पर तत्काल जाएं, जितना हो सके कपड़े शरीर से निकाल दें, पंखे से शरीर पर हवा डालें, व्यक्ति के पैर को बिस्तर से थोड़ा ऊपर रखकर सुला दें, शरीर के ऊपर पानी से हल्का-हल्का स्प्रे करें, प्रभावित व्यक्ति को ठंडा एवं छायादार स्थान पर ले जाएं, अगर बेहोश ना हो तो ठंडा पानी पिलायें, गीले कपड़े से या स्पंज करें।

 

जाने, क्या है नौतपा? नौतपा अगर न तपे तो क्या होता है?

इस बार रोहिणी नक्षत्र में सूर्यदेव का प्रवेश 25 मई से हो चुका है. जिसके बाद अगले 9 दिन तक भीषण गर्मी पड़ेगी. इस अवधि को नौतपा कहा जाता है। घाघ भडडरी की कहावत के मुताबिक-
दो मूसा, दो कातरा, दो तीड़ी, दो ताय
दो की बादी जळ हरै, दो विश्वर दो वाय

अर्थ:- नौतपा के पहले दो दिन लू न चली तो चूहे बहुत हो जाएंगे। अगले दो दिन न चली तो कातरा (फसल को नुकसान पहुंचाने वाला कीट) बहुत हो जाएंगे। तीसरे दिन से दो दिन लू नही चली तो टिड्डियों के अंडे नष्ट नहीं होंगे। चौथे दिन से दो दिन नहीं तपा तो बुखार लाने वाले जीवाणु नहीं मरेंगे। इसके बाद दो दिन लू न चली तो विषधर
यानी सांप-बिच्छू नियंत्रण से बाहर हो जाएंगे। आखिरी दो दिन भी नहीं चली तो आंधियां अधिक चलेंगी। फसलें चौपट कर देंगी।

 

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