0 देवरहा तत्व का मोदी सरकार को तीसरे बार सत्ता में लाने का प्रयोजन अखंड वृहद भारत का निर्माण करना है
0 बाबा के आश्रम में १८ जून के अनुष्ठान में सभी मुख्य बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी के नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा
विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
जैसा की गीता में भगवान कृष्ण ने अर्जुन को बताया था कि जो कुछ लौकिक स्थूल जगत में घटित होता है, उसके पूर्व यह सूक्ष्म अलौकिक अदृश्य जगत में हो चुका होता है। भारतवर्ष में सनातन धर्म (बीजेपी) की सरकार २०१४ में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में लौकिक जगत की व्यवस्थाओं (संविधान, चुनाव, राजनीतिक दल, चुनाव आयोग इत्यादि) के अंतर्गत, स्थूल जगत में दृश्यमान हुई। उसके पहिमले दिसंबर २००४ में भारत के एजलेस महायोगी सम्राट ब्रह्मऋषि देवरहा बाबाजी ने सूक्ष्म जगत में नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनाने का निर्णय ले लिया था।
न्यासी ब्रह्मवेत्ता श्री देवरहा हंस बाबा आश्रम विंध्याचल अतुल कुमार सक्सेना ने बताया कि
दिसंबर २००४ में जब वर्तमान संघ प्रमुख मोहन भागवत बाबाजी के विंध्याचल आश्रम में आए थे, तब ब्रह्मवेत्ता देवरहा हंस बाबा ने उनको सचेत किया था कि चीन की गिद्धदृष्टि भारत के ऊपर लगी हुई है और उन्हें भारत की रक्षा करनी होगी। तभी उनके सदगुरु ब्रह्मऋषि देवरहा बाबाजी (जो सूक्ष्म शरीर और आत्मा के साथ अपने अंतरंग स्वरूप ब्रह्मवेत्ता देवरहा हंस बाबा की पवित्र काया में ही रहते हैं, ऐसी मान्यता है) ने हंस बाबाजी को बताया कि भारत की रक्षा के लिए, मोहन भागवत को एक बहुत कुशल और निर्भीक शासक देना होगा, जो की २००४ में गुजरात का मुख्यमंत्री था। इस प्रकार से ब्रह्मऋषि देवरहा बाबा ने नरेंद्र मोदी को देश का प्रधानमंत्री बनवाया। २००४ से २०१४ तक देवरहा हंस बाबा ने अपनी योगिक क्रियाओं के द्वारा नरेंद्र मोदी को प्रधानमंत्री बनबाने के लिए भारत की आर्थिक और राजनीतिक परिस्थितियों में परिवर्तन करवाकर भारत में सनातन धर्म की पहली सरकार को नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में स्थापित करने के लिए ग्रूम किया और इस के कारण भारत की सनातन धर्म की पहली सरकार मई २०१४ में मोदी के नेतृत्व में स्थापित हो गई।
बाबाजी ने अनेकों बार बताया है की मोहन भागवत, नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ को सूक्ष्म जगत की आध्यात्मिक शक्तियों द्वारा और वास्तविकता में देवरहा तत्व के द्वारा अखंड भारत के निर्माण और सनातन धर्म को विश्वव्यापी कराने के लिए चुना गया है। बाबाजी के संकल्प, आशीर्वाद और भविष्यवाणी के अनुसार अखंड भारत का निर्माण सुनिश्चित करवाने के लिए ही इन तीनों नेताओं को चुना गया है और शासक बना कर राजनेतिक जगत के सर्वोच्च पद पर बिठाया गया है।
जो कुछ सूक्ष्म जगत में हो जाता है उसी की अभिव्यक्ति स्थूल जगत में होना अवश्यंभावी होता है। २०१४, २०१९ और अब २०२४ में सनातन धर्म की तीसरी सरकार मोदी के नेतृत्व में स्थापित होने वाली है। बाबाजी ने बहुत पहले ही यह निर्णय लिया था की ब्रह्मर्षि देवरहा बाबा और हनुमान जी को ५५१ मन देशी घी के लड्डुओं का प्रसाद १७ और १८ जून २०२४ को विंध्याचल आश्रम में अर्पित किया जायेगा। इसी के साथ कैलाश मानसरोवर को भारत में वापिसी की प्रार्थना भी की जाएगी। मोदी के नेतृत्व में सनातन धर्म की तीसरी भारत की सरकार के समय में भारत की सीमाओं का बहुत अधिक विस्तार होगा और भारत की सारी छिनी हुई भूमि भारत में वापिस आयेगी। महायोगियों यानी देवरहा तत्व का मोदी सरकार को तीसरे बार सत्ता में लाने का प्रयोजन अखंड वृहद भारत का निर्माण करना है। बाबाजी के आश्रम में होने वाले १८ जून के अनुष्ठान में सभी मुख्य बीजेपी, आरएसएस और वीएचपी के नेताओं को निमंत्रण भेजा जाएगा। भारत की आर्थिक उन्नति को सुनिश्चित करने वाले उद्योगपतियों और व्यापारियों आदि को भी निमंत्रित किया जा रहा है। भारत के सभी बड़े मीडिया हाउसेस को भी निमंत्रण भेजा जाएगा। सरकार में कार्यरत अधिकारी और शैक्षिक संस्थाओं के शीर्ष नेतृत्व को भी निमंत्रित किया जाएगा। इंडिया से अखंड भारत बनने की कहानी एक बहुत बड़ा इतिहास है, जिससे की सनातन धर्म के स्तंभों यानी महायोगियों का योगदान लाखों वर्षों तक याद किया जाएगा। देवरहा तत्व के द्वारा अखंड भारत का निर्माण इस शताब्दी की सबसे बड़ी घटना है और पूरा इतिहास है जिसको जानना देशवासियों की वर्तमान और भविष्य की पीढ़ियों के लिए परम आवश्यक है।
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