अपर जिलाधिकारी ने जल जीवन मिशन कार्यक्रम की समीक्षा कर पेयजल आपूर्ति की वास्तविक स्थिति के बारे में ली जानकारी
मीरजापुर 21 जून 2024- जिलाधिकारी प्रियंका निरंजन द्वारा जल जीवन मिशन कार्यक्रम की समीक्षा के दौरान मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार को निर्देशित किया गया था कि जल जीवन मिशन कार्यकम के अन्तर्गत जनपद के समस्त ग्रामों में पेयजल आपूर्ति की वास्तविक स्थिति के सत्यापन के लिए विकास खण्डवार ग्राम प्रधानों एवं ग्राम सचिवों की बैठक करायी जाय। उक्त के अनुपालन में पूर्व निर्धारित कार्यक्रम के अनुसार अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, देवेन्द्र प्रताप सिंह की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभागार में विकास खण्ड सिटी में जल जीवन मिशन कार्यक्रम के अन्तर्गत पेयजल आपूर्ति व्यवस्था की समीक्षा बैठक आयोजित की गयी, जिसमें कुल 41 ग्राम पंचायतों के ग्राम प्रधान/प्रतिनिधि, 18 ग्राम पंचायतों के ग्राम विकास अधिकारी/सचिव, सहायक विकास अधिकारी (पंचायत) एवं खण्ड विकास अधिकारी शरद कुमार सिंह, अपर जिलाधिकारी, नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, अधिशासी अभियन्ता, खण्ड कार्यालय, उ0प्र0 जल निगम (ग्रामीण), मीरजापुर तथा कार्यदायी फर्म मे0 एन0सीसी0 लिमिटेड एवं जी0ए0 इन्फा के प्रोजेक्ट मैनेजर अपनी टीम के साथ उपस्थित रहे। गहन समीक्षा के दौरान पाया गया कि लगभग 10 ग्रामों पंचायतों में 80 से 90 प्रतिशत घरों में जलापूर्ति की जा रही है शेष ग्राम पंचायतों में 40-60 प्रतिशत घरों में जलापूर्ति हो रही है. कुछ ग्रामों में पाइप लाइन चोक होने, लीकेज होने तथा अन्य कार्यदायी संस्थाओं द्वारा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त किये जाने की शिकायतें प्राप्त हुयी जिसे अविलम्ब ठीक कराने हेतु कार्यदायी फर्म को निर्देशित किया गया। 07 राजस्व ग्रामों में जलापूर्ति प्रारम्भ नहीं की जा सकी है। इस सम्बन्ध में पृच्छा करने पर कार्यदायी फर्म द्वारा अवगत कराया गया कि उपरोक्त ग्रामों में पाइप लाइन टेस्टिंग एवं कमीशनिंग का कार्य प्रगति पर है। इसके अतिरिक्त कुछ ग्रामों में स्थल विवाद तथा अन्य कार्यदायी एजेन्सियो द्वारा पाइप लाइन क्षतिग्रस्त किये जाने के कारण प्रगति बाधित है। अपर जिलाधिकारी नमामि गंगे एवं ग्रामीण जलापूर्ति, मीरजापुर द्वारा कार्यदायी फर्मों के साथ-साथ कन्सलटेन्सी एजेन्सी पी0एम0सी0, टी0पी0आई0 एवं जल निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया गया कि स्थलीय निरीक्षण करते हुये समस्त कमियों को प्राथमिकता के आधार पर दूर करें, जिससे आम जनमानस को स्वच्छ पेयजल उपलब्ध हो सकें।