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गुटका, गुल एवं शराब के सेवन से बचाने के लिए जागरूकता शिविर का आयोजन

मीरजापुर। जिला विधिक सेवा प्राधिकरण मीरजापुर तथा स्वास्थ्य विभाग के संयुक्त तत्वावधान में जनपद न्यायाधीश / अध्यक्ष जिला विधिक सेवा प्राधिकरण अनमोल पाल के आदेशानुसार ग्राम अर्जुनपुर स्थित एक स्कूल में तम्बाकू गुटका, गुल एवं शराब के सेवन से बचाने के लिए स्कूल के छात्र/छात्राओं के हितार्थ जागरूकता शिविर का आयोजन किया गया। शिविर का शुभारम्भ अपर जनपद न्यायाधीश / सचिव डीएलएसए श्री विनय आर्या ने माँ सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यापर्ण व दीप प्रज्जवलित कर किया।

जिला विधिक सेवा प्राधिकरण सचिव अपर जनपद न्यायाधीश श्री विनय आर्या ने उपस्थित बालक / बालिकाओं, टीचर, एवं स्टाफ को तम्बाकू गुटका का सेवन न करने का संकल्प दिलाये कि “खुद भी नशा नहीं करेगें और अन्य लोगों को भी नशा न करने की नसीहत से प्रोत्साहित करेंगे”। उन्होने बताया कि तम्बाकू पान, बीडी, सिगरेट, गुटका, के सेवन करने वाले व्यक्ति को हृदयरोग, मुघमेह, टीबी, लकवा, दृष्टि विहीनता, फेफडे के रोग व कैंसर नामक की बीमारी हो जाती है। इन बीमारियों से प्रत्येक 6.5 सेकेण्ड में एक व्यक्ति की मौत हो जाती है।

तम्बाकू में निकोटिन नामक तत्व की मात्रा ज्यादा होने के कारण इन्सान को नशे का आदी तो बनाता ही है, साथ ही उसके दुष्प्रभाव से मानव के शरीर में अनेकों बीमारियों जन्म लेने लगती हैं। उन्होने यह भी बताया कि नशा छोड़ने के लिए दृढ़ इच्छा शक्ति का होना अति आवश्यक है, तभी तम्बाकू शराब, पान, बीडी सिगरेट, गुटका, गुल मंजन आदि को छोड़ने में सफलता मिलेगी। उन्होने महिलाओं के उत्पीड़न, तथा कार्य स्थल पर महिलाओं के यौन उत्पीड़न सरकारी कार्यालयों निजी क्षेत्र, गैर सरकारी संगठनों और असंगठित क्षेत्र के निवारण हेतु निवारण निषेध एवं निदान अधिनियम-2013 कानून बना है जिसमें अपराधी को सजा हो सकती है। इस सन्दर्भ में अधिक जानकारी प्राप्त करने के लिए डीएलएसए कार्यालय में प्रार्थना पत्र प्रस्तुत करने पर तथा हेल्प लाईन नं० 15100 पर प्राप्त हो सकती है।

तम्बाकू निषेद्य विशेषज्ञ डाक्टर राजेश कुमार यादव, ने उपस्थित बालक बालिकाओं को बताया कि तम्बाकू का सेवन करना स्वास्थ्य के लिए काफी हानिकारक है, जिसके सेवन से विश्व भर में 60 लाख लोग हर साल अपनी जान गवाते है। और 9 लाख भारतीय प्रतिवर्ष तम्बाकू के सेवन से मरते है। तम्बाकू गुटका, पान मसाला का सेवन काफी प्रतिशत में पुरुष, महिलांये, बच्चे कर रहे है। काफी हद तक तो 15 वर्ष की आयु युवापीढ़ी के लोग नशा कर रहे है। नशा करने का दुष्परिणाम उन्हें बाद में मालूम होता है, जब शरीर में कैंसर जैसी बिमारियों उत्पन्न होने लगती है।

स्कूल प्रिंसिपल श्रीमती अंकिता वर्मा ने अतिथियों का पुष्पगुच्छ प्रदान कर स्वागत की और भूरि भूरि प्रसंशा की और टीचर श्रीमती शिखा पाण्डेय, सुश्री सूमाईल उजमा, विजय कुमार, शाहिल केशरी ने शिविर का संचालन एवं अपने विचारों से व्यक्त किए।
जागरूकता शिविर में वरिष्ठ सहायक श्री दीपक कुमार श्रीवास्तव, पीएलवी जय प्रकाश सरोज, ओम प्रकाश कसेरा, अंगद यादव, अरूण तोमर एवं स्कूल के समस्त टीचर एवं स्टाफ उपस्थित होकर जागरूकता शिविर कार्यक्रम को सफल बनाये और अपना सहयोग प्रदान किया

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