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स्व. अजीता ने कजरी को सिर्फ जनपद-प्रदेश ही नहीं, बल्कि राष्ट्रीय-अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय बनाया: गणेश गंभीर

मिर्जापुर।
“पद्मश्री” से विभूषित, विभिन्न राष्ट्रीय व प्रांतीय सम्मानों से अलंकृत, लोकगायकी की उत्कृष्ट विधा कजरी की सुविख्यात गायिका स्व. अजीता श्रीवास्तव जी के निधन पर अग्रणी सामाजिक संस्था “के. एस. पी. ट्रस्ट” द्वारा स्थानीय बरियाघाट स्थित श्री चित्रगुप्त मंदिर पर शोक सभा का आयोजन किया गया।

शोक सभा में वरिष्ठ साहित्यकार गणेश गंभीर ने कहा कि अजीता जी ने कजरी लोकगीतों को सिर्फ जनपद व प्रदेश ही नहीं बल्कि राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी लोकप्रिय बनाया। इस अवसर पर देश ही नहीं विदेशों तक में अपने गायन का जादू बिखेरने वाली लोकगायिका “पद्मश्री” उर्मिला श्रीवास्तव ने कहा कि प्रयागराज, गोरखपुर व वाराणसी से शिक्षा ग्रहण करने के पश्चात मीरजापुर को अपनी कर्मभूमि बनाने वाली अजीता जी ने चार दशक से भी अधिक समय देकर कजली को काफी समृद्ध किया।

ट्रस्ट के अध्यक्ष डॉ. शक्ति श्रीवास्तव ने कहा कि कजली कोकिला, सार्क पुरस्कार, नारी शक्ति सम्मान, नमामि जागृति सम्मान व कजरी सम्राज्ञी से विभूषित स्व. अजीता जी ने लोकगीतों के प्रचार, प्रसार, संरक्षण, उन्नयन व लोकप्रियता हेतु अपना पूरा जीवन समर्पित कर दिया। इस अवसर पर स्व. अजीता श्रीवास्तव जी के सुपुत्र अनुराग आनंद व भांजे जय कुमार जी भी मौजूद रहे।

इस शोक सभा में मुख्य रूप से “पद्मश्री” उर्मिला श्रीवास्तव, डॉ. शक्ति श्रीवास्तव, एड. दिलीप श्रीवास्तव, शिवम श्रीवास्तव, मनोज चित्रांश, सुशील श्रीवास्तव, श्रीश श्रीवास्तव, राजेन्द्र तिवारी “लल्लू”, सुधीर श्रीवास्तव, एड. सुधांशु श्रीवास्तव, अनुज प्रताप सिंह, भोला नाथ कुशवाहा, शंकर राय, केदार नाथ सविता, डॉ. रमा शंकर शुक्ल, आनंद अमित, नंदिनी वर्मा, शैला श्रीवास्तव व अच्युतानंद शुक्ल इत्यादि प्रमुख रूप से शामिल रहे।

 

 

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