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पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रधानमंत्री को नोप्रुफ के राष्ट्रीय अध्यक्ष ने दिया ज्ञापन

मीरजापुर।
राष्ट्रीय पुरानी पेंशन बहाली संयुक्त मोर्चा ने यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध करते हुए पुरानी पेंशन बहाली के लिए प्रधानमंत्री को ज्ञापन दिया है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि पुरानी पेंशन के सिवा और कुछ नहीं चाहिए पुरानी पेंशन बहाली तक देश के सभी कर्मचारी, शिक्षक, अधिकारी डाक्टर,नर्सिंग अधिकारी, पुलिस कर्मी, रेलवे कर्मी ,बैंक कर्मी, सफाई कर्मी इंजीनियर लेखपाल पटवारी लगातार संघर्ष करते रहेंगे।

बी पी सिंह रावत ने कहा है कि  देश के एक करोड़ एनपीएस कार्मिकों ने पुरानी पेंशन बहाली के लिए संघर्ष किया है न कि यूनिफाइड पेंशन स्कीम के लिए। देश के सभी एनपीएस कार्मिक आक्रोश में लगातार यूनिफाइड पेंशन स्कीम का विरोध कर रहे है।प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी को ज्ञापन के माध्यम से साफ शब्दों में कहा है कि पुरानी पेंशन हर हाल में बहाल करनी होगी नही तो आगामी सभी  विधान सभा चुनाव में वोट फॉर ओ पी एस के लिए प्रचार प्रसार तेज किया जाएगा, जिसमे देश की जनता को भी पुरानी पेंशन बहाली मुद्दे से जोड़ा जाएगा।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने कहा है कि जब एक दिन के कार्यकाल में विधायक सांसद को पुरानी पेंशन का लाभ मिल सकता है तो सरकारी कर्मचारी को क्यों नहीं।

राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने साफ शब्दों में कहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने  यूनिफाइड पेंशन स्कीम से कर्मचारियों को बाटने का काम किया है केंद्र सरकार ने कर्मचारियों को तीन भागों में बांटकर रख दिया है ओ पी एस एनपीएस और यूपीएस जिसका हम विरोध करते है।

Ups यूनिफाइड पेंशन स्कीम कर्मचारियों के हित में बिलकुल भी नहीं है एनपीएस काला कानून की तरह ही  यूनिफाइड पेंशन स्कीम भी काला कानून की तरह है केंद्र सरकार को पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय लेना चाहिए था। यूनिफाइड पेंशन स्कीम से देश के एक करोड़ एनपीएस कार्मिकों को जुमला दे दिया है केंद्र सरकार ने जिसका विरोध पूरे देश भर में हो रहा है।

एक तरफ प्रधानमंत्री एक नेशन एक इलेक्शन की बात करते है वही दूसरी तरफ देश के सरकारी कर्मचारियों को अलग अलग भागो में बाटने का काम करते है जो देश हित में नहीं है। राष्ट्रीय अध्यक्ष बी पी सिंह रावत ने ज्ञापन के माध्यम से सरकार को जल्द पुरानी पेंशन बहाली का निर्णय लेने के लिए कहा है नहीं तो आने वाले समय बड़ा आंदोलन होगा जिसकी समस्त एक जिम्मेदारी केंद्र सरकार की होगी।

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