दादा-दादी जीवन की गतिशीलता समझते हैं और बच्चों को सीखने-विकसित करने में मदद करते हैं: श्वेता मेहरोत्रा
फोटोसहित
मिर्जापुर।
रविवार को सेम्फोर्ड स्कूल नटवा शाखा के छात्र- छात्राओं एवं नन्हे- मुन्ने बच्चों द्वारा रंगारंग कार्यक्रम प्रस्तुत किया गया। इस अवसर पर विद्यालय प्रशासन द्वारा बच्चों के दादा- दादी और नाना- नानी को आमंत्रित किया गया। कार्यक्रम का प्रारंभ शहर में स्थित वृद्धा आश्रम के वयोवृद्ध एवं लिनेस क्लब की मेंबरों द्वारा मां सरस्वती की प्रतिमा पर माल्यार्पण एवं सरस्वती वंदना से किया गया। तत्पश्चात विद्यालय की निर्देशिका श्रीमती शिप्रा बरनवाल एवं प्रधानाचार्य श्रीमती श्वेता मेहरोत्रा द्वारा कार्यक्रम में आए हुए अतिथियों को अंग वस्त्र स्मृति चिन्ह तथा बैच अलंकरण के द्वारा स्वागत किया गया। विद्यालय की प्रधानाचार्य श्रीमती मेहरोत्रा ने अपनी मधुर वाणी से अतिथियों का स्वागत करते हुए कहा कि आज इस ज्ञान के मंदिर में परिवार के जड़ को अपने प्यार एवं अनुभव से सीचने वाले दादा-दादी का हार्दिक स्वागत एवं अभिनंदन करती हूं। उन्होंने कहा कि परिवार की जड़ दादा-दादी नाना नानी है। उनके पास जानकारी, अनुभव और ज्ञान का खजाना है। दादा दादी जीवन की गतिशीलता को अच्छे से समझते हैं और बच्चों को सीखने और विकसित करने में मदद करते हैं। बच्चों की अच्छी परवरिश के लिए दादा-दादी का योगदान बहुत जरूरी होता है छात्र-छात्राओं एवं नन्हे मुन्ने बच्चों द्वारा नृत्य एवं नाटक के माध्यम से दादा-दादी एवं नाना-नानी के जीवन का मूल महत्व प्रस्तुत किया गया जिसे दर्शकों द्वारा सराहा गया। कार्यक्रम में आगंतुक अतिथियों का विद्यालय की उप प्रधानाचार्य श्रीमती रेखा श्रीवास्तव ने आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर कोऑर्डिनेटर मंजरी खरे एवं मुदिता खरे सहित सभी शिक्षक गण उपस्थित थे।