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गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का 63 वर्ष की उम्र में निधन, पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे पर्रिकर

Vindhy News Bureau.

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर का रविवार को 63 वर्ष की उम्र में निधन हो गया। यह दुखद सूचना राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन की जानकारी दी। वह पैनक्रियाटिक कैंसर से जूझ रहे थे। उल्लेखनीय है कि गोवा के मुख्यमंत्री कार्यालय की ओर से बयान जारी किया गया था कि मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर की स्वास्थ्य स्थिति अत्यंत गंभीर है। डॉक्टर पूरी कोशिश कर रहे हैं। इसके बाद मनोहर पर्रिकर के आवास के बाहर सुरक्षा बढ़ा दी गई है। मुख्य सचिव और डीजीपी सीएम आवास पहुंचे। केंद्रीय आयुष मंत्री और उत्तरी गोवा के सांसद श्रीपद नाइक भी पर्रिकर के आवास पर पहुंचे।

बताया जाता है कि मुख्यमंत्री पर्रिकर एडवांस्ड पैंक्रियाटिक कैंसर से ग्रस्त थे, जिसका पता पिछले साल फरवरी में चला था। उसके बाद उन्होंने गोवा, मुंबई, दिल्ली और न्यूयॉर्क के अस्पतालों में इलाज कराया। इस समय उनके निजी निवास पर उनका इलाज चल रहा था। राष्ट्रपति ने ट्वीट किया, ‘गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के निधन के बारे में सुनकर अत्यंत खेद हुआ। सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण का एक प्रतीक, गोवा और भारत के लोगों के लिए उनकी सेवा को नहीं भुलाया जाएगा।’
बताते चले पर्रिकर को 31 जनवरी को अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (ऐम्स) में भर्ती कराया गया था। हाल ही में बीमार मुख्यमंत्री ने 3 मार्च को गोवा मेडिकल कॉलेज और अस्पताल (जीएमसीएच) में चेक-अप कराया था। फरवरी में पर्रिकर का जीएमसीएच में एक ऑपरेशन भी हुआ था। कुछ दिनों पहले गोवा विधानसभा के डिप्टी स्पीकर और बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने बयान दिया था कि मनोहर पर्रिकर बहुत बीमार हैं। लोगों को समझना होगा कि उनका स्वास्थ्य ठीक नहीं है. लोबो ने कहा कि पर्रिकर को जो बीमारी हुई है, उसका कोई इलाज नहीं है। भगवान की कृपा से वह अब भी जीवित हैं। भगवान ने उन्हें काम करने का आशीर्वाद दिया है। बता दें कि इस साल 30 जनवरी को मनोहर पर्रिकर ने नाक में ट्यूब लगाकार गोवा का बजट पेश किया था। इस दौरान उन्होंने कहा था, ‘आज मैं एक बार फिर वादा करता हूं कि मैं पूरी ईमानदारी, निष्ठा और समर्पण के साथ और अपनी अंतिम सांस तक गोवा की सेवा करूंगा। मुझमें काफी जोश है और मैं पूरी तरह होश में हूं। बता दें कि देश के पूर्व रक्षामंत्री और गोवा के वर्तमान सीएम मनोहर पर्रिकर कैंसर से पीड़ित थे। लंबे वक्त से उनका इलाज चल रहा था।

पर्रिकर ने तीन बार गोवा की कमान संभाली

गोवा के मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर (63) का रविवार शाम निधन हो गया। भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता पर्रिकर ने अस्पताल में आखिरी सांस ली। राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने ट्वीट कर उनके निधन पर शोक जताया है। वे फरवरी 2018 से अग्नाशय कैंसर से पीड़ित थे। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक शनिवार को हालत बिगड़ने पर बेहद नाजुक स्थित में उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया था। मनोहर पर्रिकर की पहचान ईमानदार और सादगी भरा जीवन जीने वाले नेताओं में होती है। आईआईटी बॉम्बे से ग्रेजुएट पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सक्रिय प्रचारक रहे हैं। पर्रिकर ने तीन बार गोवा की कमान संभाली।

विश्व कैंसर दिवस पर मनोहर पर्रिकर ने कहा था, ‘मानव मस्तिष्क किसी भी बीमारी पर जीत पा सकता है।’ दिवंगत नेता के घर के बाहर सुरक्षा के मद्देनजर बड़ी संख्या में पुलिस बल को तैनात किया गया है। इससे पहले मुख्यमंत्री मनोहर पर्रिकर के करीबी सहयोगी सिद्धार्थ कुनकोलियेंकर ने कहा था कि राज्य सरकार के डॉक्टर उनके स्वास्थ्य पर नजर बनाए हुए हैं।

13 दिसंबर, 1955 में जन्मे मनोहर पर्रिकर नरेन्द्र मोदी सरकार में रक्षा मंत्री रहे हैं। वे उत्तर प्रदेश से राज्यसभा सदस्य चुने गए। उन्होंने 1978 में आईआईटी मुंबई से स्नातक परीक्षा उत्तीर्ण की। पर्रिकर देश के किसी राज्य के मुख्यमंत्री बनने वाले पहले ऐसे नेता हैं, जिन्होंने आईआईटी से स्नातक किया। 2001 में आईआईटी मुंबई ने उन्हें विशिष्ट भूतपूर्व छात्र की उपाधि प्रदान की थी।

राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने उनके निधन पर शोक व्यक्त किया है। अपने शोक संदेश में ट्वीट कर राष्ट्रपति ने कहा कि वह सार्वजनिक जीवन में ईमानदारी और समर्पण के प्रतीक थे। सार्वजनिक जीवन में उनका योगदान भुलाया नहीं जा सकेगा।

आईआईटी मुंबई से थे ग्रेजुएट, संघ से था अटूट नाता

पर्रिकर का जन्म साल 1955 में गोवा के मापुसा गांव में हुआ। उन्होंने लोयोला हाई स्कूल से शुरुआती शिक्षा हासिल की। 1978 में उन्होंने आईआईटी मुंबई से इंजीनियरिंग में ग्रेजुएट डिग्री हासिल की. छात्र जीवन से ही मनोहर पर्रिकर राष्ट्रीय स्वयंसेवक में सक्रिय थे। शुरू से ही उनका संघ की ओर झुकाव था। वह पढ़ाई के दौरान संघ की शाखा में जाने लगे थे। पढ़ाई पूरी करने के बाद भी वह संघ से जुड़े रहे और बाद में वह बीजेपी में शामिल हो गए और उन्होंने बीजेपी पार्टी की तरफ से पहली बार चुनाव भी लड़ा।

1994 में पहली बार जीते पर्रिकर
1994 में पर्रिकर ने बीजेपी की सीट से गोवा की पणजी सीट से विधानसभा चुनाव लड़ा और उन्हें इसमें जीत भी मिली। 24 अक्टूबर, 2000 में गोवा में हुए विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने जीत हासिल करते हुए सत्ता तक पहुंच बना ली और पर्रिकर को मुख्यमंत्री बनाया गया। हालांकि मुख्यमंत्री बनने की खुशी पर्रिकर के लिए ज्यादा समय तक नहीं रह सकी क्योंकि निजी जिंदगी में उनका संघर्ष जारी थी।

पत्नी मेघा की भी हुई कैंसर से मौत

इसे विडंबना ही करेंगे कि मनोहर पर्रिकर की पत्नी मेघा का निधन पर कैंसर से हुआ। फरवरी, 2002 में उन्हें यह पद भी छोड़ना पड़ा. जून, 2002 में फिर से वह मुख्यमंत्री बने और फरवरी 2005 तक इस पद पर रहे। 2005 में विधानसभा चुनाव में हार के बाद बीजेपी 2012 में फिर से सत्ता में लौटी और पर्रिकर एक बार फिर मुख्यमंत्री बने। 2014 में केंद्र में मोदी सरकार में रक्षा मंत्री बनने के लिए नवंबर, 2014 में इस्तीफा दे दिया। हालांकि वह रक्षा मंत्री के रूप में ज्यादा समय तक पद पर नहीं रहे क्योंकि खराब तबीयत का हवाला देते हुए गोवा लौट गए और फिर से मुख्यमंत्री बन गए।

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