सामाजिक सेवा में अग्रणी भूमिका निभाने वाली ’’राउण्ट टेबिल इण्डिया’’ की मीरजापुर की कार्यकारिणी का गठन दिनांक 16.03.2019 को जंगीरोड स्थित होटल ग्रैण्ड कोनार्क में किया गया जिसमे पदाधिकारियों समेत 14 चार्टड सदस्यों की टीम गठित की गई। इस कार्यक्रम में कानपुर, लखनऊ, वाराणसी व भदोही के सदस्यों ने षिरकत की।
कार्यक्रम का शुभारम्भ नेषनल टेजरार आषीश गुप्ता व एरिया चेयरमैन रिशभ जैन ने दीप प्रज्जवलित कर किया व सभी सदस्यों को राउण्ड टेबल इण्डिया की पिन लगाकर व किट देकर औपचारिक तौर सदस्या दी। नई चार्टेड कार्यकारिण का गठन किया गया जिसमें सर्वसम्मति से शुभम् अग्रवाल को चार्टेड चेयरमैन, शशांक टण्डन को वाइस चेयरमैन, कुशाग्र बंसल को सचिव और वैभव भुटानी को कोषाध्यक्ष चुना गया। इसके अलावा सुमित अग्रवाल, तरनजीत सिंह, कृष्णा सिंघानियां, गुनीत सरना, राहुल बरनवाल, रोहित बरनवाल, यशवर्धन अग्रवाल, सिरमदीप वालिया, गुरप्रीत सिंह एवं आदित्य खेतान सदस्य नामित किये गये। मीरजापुर राउण्ड टेबिल के लोगों का औपचारिक अनावरण सीतापुर टेबिल के अध्यक्ष आशीष सिंघानिया व ध्रुव भेजवानी ने किया। मुख्य अतिथि ने राउण्ड टेबिल के उद्देश्य व इतिहास के बारे में सदस्यों को बताया। उन्होंने बताया कि राउण्डटेबिल की षुरूआत नाॅरविच (इंग्लैण्ड) में लुइस मार्थस ने की थी और भारत में राउण्ड टेबिल की स्थापना सर्वप्रथम जोन वाल्टन ने मद्रास में 14 नवम्बर, 1962 में की थी। राउण्ड टेबिल का मुख्य उद्देष्य सभी बच्चों को शिक्षित करना रहा।
उन्होने बताया कि भारत में स्थापना के बाद राउण्ड टेबिल के सदस्यों ने समाज सेवा में इतिहास रच दिया। देश के 2588 स्कूलों में 6189 कक्षाओं का निर्माण करने में 245 करोड़ रूपये व्यय किये गये। इसका लाभ देश के 68 लाख बच्चों तक पहुंचा है। गुजरात में आये भीषण भूकम्प के बाद राउण्ड टेबिल के सदस्यों ने कच्छ व सुरेन्द्र नगर (भुज) में 4 माह के भीतर 20 स्कूलों का निर्माण कराया। इसके लिए 24 करोड़ रूपये व्यय किये गये जिसमें 80 लाख रूपये अजीम प्रेमजी फाउण्डेशन द्वारा दिये गये। 1999 में उड़ीसा में आये चक्रवात के बाद भुवनेश्वर व कटक में 20 लाख रूपये की लागत से 4 स्कूलों का निर्माण कराया गया। बाद में यहां 6 अन्य स्कूल बनाये गये। अंत में वाइस चेयरमैन शशांक टण्डन ने सभी को धन्यवाद ज्ञापित किया।