मिर्जापुर।
शुक्रवार को स्थानीय विंध्यवासिनी महाविद्यालय में सेवा पखवाड़ा के अंतर्गत आत्म निर्भर भारत विषय पर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया, जिसमें महाविद्यालय के छात्र छात्राओं ने अपने अपने विचार व्यक्त किए। भाषण प्रतियोगिता के दौरान प्रतिभागियों ने भारत को कैसे आत्म निर्भर बनाया जा सकता है इसके लिए अपने विचार व्यक्त किए।
प्रतियोगिता के अन्त में महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ प्रवीण कुमार सेठी ने छात्र छात्राओं को सम्बोधित करते हुए कहाकि आत्म निर्भर भारत अभियान का उद्देश्य भारत की मांग क्षमता का दोहन करना और घरेलू आपूर्ति का उपयोग करके इसे पूरा करना है। इसका उद्देश्य भारत को एक निष्क्रिय बाज़ार से वैश्विक मूल्य श्रृंखलाओं के केंद्र में एक सक्रिय विनिर्माण केंद्र में बदलना है।
मांग बनाम आपूर्ति कोरोना महामारी के सबसे महत्वपूर्ण मुद्दों में से एक था। जैसे-जैसे देश लॉकडाउन में गए, फोकस वैश्विक से स्थानीय संसाधनों पर स्थानांतरित हो गया। समय की मांग स्थानीय विनिर्माण, स्थानीय मांग, स्थानीय आपूर्ति और प्रभावी स्थानीय आपूर्ति श्रृंखला बन गई। भारत ने ‘आत्मनिर्भर’ बनने का संकल्प लेकर इस चुनौती का सामना किया और ऐसा करते हुए वैश्विक स्तर पर भी योगदान दिया।
कार्यक्रम का सफल संचालन राजनीति विज्ञान की विभागाध्यक्ष डॉ श्रूति त्रिपाठी के द्वारा किया गया। इस भाषण प्रतियोगिता में प्रथम स्थान स्नातक प्रथम सेमेस्टर (कला एवं मानविकी वर्ग) की छात्रा हिमानी सिंह, द्वितीय स्थान सुमन पाल एवं तृतीय स्थान स्नातक प्रथम सेमेस्टर (विज्ञान वर्ग) की छात्रा ऋतु कुमारी ने प्राप्त किया।
उक्त प्रतियोगिता के सफल आयोजन के लिए महाविद्यालय के प्राध्यापक डॉ रामानन्द मौर्य, डॉ अजय सिंह चौहान, कृष्णकांत, आवेश श्रीवास्तव, डॉ प्रशान्त सिंह, इसराज अहमद, डॉ संजय पांडेय, श्रीमती अंजू दुबे, श्रीमती कमला देवी, कृष्ण कुमार सिंह, गर्वित व्यास, डॉ कैलाश नाथ यादव एवं आकाश चौधरी ने अपना अपना बहुमूल्य योगदान दिया।