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‘सर्वे भवन्तु सुखिन:’ और ‘अयं निज: परो वेति’ भाव का जागरण संघ संस्थापको का चिंतन रहा है: खंड संघचालक अशोक सिंह

बलिया।

विजय दशमी के पावन पर्व पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के 99 वर्ष पूरे होने के उपलक्ष्य मे स्थापना दिवस धूमधाम से मनाया गथा। शताब्दी वर्ष के प्रारंभ पर हर बर्ष की भांति इस वर्ष भी सर्वप्रथम मुरली छपरा खण्ड के खंड संघचालक डॉ अशोक सिंह जी, जिले के पालक कमला कांत जी, अनिल सिंह जी, बलिया के प्रचार प्रमुख उमेश जी द्वारा किया गया।  संस्थापक डा हेडगेवार एवं गुरू जी के चित्र के समक्ष पुष्पार्चन एवं प्रभु श्रीराम के चित्र के समक्ष रखे शस्त्रो का पूजन करते हुए किया।

    तत्पश्चात खंड संचालक अशोक सिंह जी ने अपने विचार रखकर आजादी के पहले संघ की प्रासंगिकता के साथ ही वर्तमान मे हिन्दू समाज के लिए कृतसंकल्पित संघ के विभिन्न आयामो पर चर्चा करते हुए स्व के जागरण का बोध कराया। कहाकि दुनिया मे कई राष्ट्र खडे हुए, पतन हुआ और वहा की संस्कृति समाप्त हो गयी। लेकिन अपना भारत जीवन मूल्यो के साथ आज भी खड़ा है, इसके पीछे महापुरुषो का संघर्ष है।

राष्ट्र के सर्वांगीण उन्नति के लिए स्व का बोध, स्वदेशी भाव, आचरण, व्यवहार, कर्म श्रेष्ठ परंपरा के लिए  कृणवंतो विश्वमार्यम का भाव सबके मन मे होना चाहिए। खुद को स्थापित करने का संघर्ष चल रहा है, लेकिन सबका ध्यान भारत पर है। क्योकि हमारे पास जीवन मूल्य है। सर्वे भवन्तु सुखिन:, अयं निज: परो वेति भाव का जागरण संघ संस्थापको का चिंतन रहा है।

संघ के शैशवकाल मे ही पहला प्रतिबंध लगा, लेकिन मानवता को श्रेष्ठ बनाने के संकल्प के साथ निरंतर आगे बढते हुए ‘दसो दिशाओ मे जाएं दल बादल से छा जाएं’ के भाव से आज 42 आनुषंगिक संगठन के साथ दुनिया का सबसे बडा स्वयंसेवी संगठन खडा है और आज समाज जीवन मे ऐसा कोई क्षेत्र नहीं, जहा स्वयंसेवक न हों। इस अवसर पर खण्ड कार्यवाह पवन मिश्रा एवं सह कार्यवाह पवन सिंह एवं अन्य आनुषंगिक संगठनों के कार्यकर्तागण भारी संख्या मे मौजूद रहे।

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