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गीताश्री साहित्य भारती परिषद के अधिवेशन में घूमर एवं भरतनाट्यम की हुई आकर्षक प्रस्तुति

0 101 पुस्तकों के विमोचन के साथ कवियों ने फोड़ी हास्य फुलझडियां
जमालपुर (मीरजापुर)।

क्षेत्र के कैमारसूलपुर गांव में आयोजित गीताश्री साहित्य भारतीय परिषद के वार्षिक अधिवेशन में दूसरे दिन गुरुवार की देर शाम भरत नाट्यम एवं घूमर नृत्य एवं कवियों के हास्य रचनाओं ने लोगों का भरपूर मनोरंजन किया। जबलपुर मध्य प्रदेश की राजेश्वरी सर्राफ की भरत नाट्यम एवं जबलपुर की ही अनन्या सोनी के राजस्थान के घूमर नृत्य की दर्शकों ने जमकर सराहना की। दोनों की जानदार प्रस्तुति ने कार्यक्रम में चार चांद लगा दिया।

एक साथ हुआ 101 पुस्तकों का विमोचन
इससे पूर्व मंच पर 101 पुस्तकों का विमोचन एक साथ किया गया। मीरजापुर के राजनारायण गुप्त कवि कैमी की नटखट,पार्टी किसके नाम, हकीकत जो सत्य है, कैमा रसूलपुर गांव का इतिहास एवं संजीव कुमार के बेईमान जिंदगी, छतरपुर मध्यप्रदेश के सीताराम साहू के निर्मल हृदय,मंडला मध्यप्रदेश की दीप्ति खरे की अंतर्मन के भाव, जबलपुर की रजनी कटारे की हेमपुष्प बल्लरी एवं नीलू मुस्तजार की सृजन, देवरिया के सौदागर सिंह की कुसुमांजलि एवं पुष्पांजलि, बहराइच की शमा परवीन की हकीकी इश्क, इल्म की शमा, खूबसूरत बाला कहानियां, परवीन की कहानियां ईत्यादि कवियों की रचनाओ का विमोचन किया गया।

कवि सम्मेलन में श्रोताओं ने लगाई डूबकी
देर रात्रि आयोजित कवि सम्मेलन में दिल्ली के नरेश मलिक ने हमें जिंदगी ने सताया बहुत है, राज नारायण गुप्त कवि कैमी ने जिस धरा पर देवता भी जन्म लेने के लिए तरसते हैं, मध्यप्रदेश की प्रीति मनीष दुबे ने बेटी बहन पत्नी बहू बन हर रिश्ता वो निभाती है, मीरजापुर के मनोज द्विवेदी जमालपुरी ने घूम रहा है मन बंजारा बचपन के मस्ती के दिन, दिल्ली के सुधीर सिंह सुधाकर ने सोने की चिड़िया मेरी गौरईया, बहराइच की शमा परवीन ने लड़खड़ाते है कदम तो फिर संभालना सीखिए, चुनार की रंजना पांडेय मुक्ता ने करो सम्मान घंगा का पतित पावन निर्झरी है, देवरिया के कौशल किशोर मणि ने तेरे बगैर इश्क का मतलब नही, गाजीपुर के अखंढ गहमरी ने दिल जलने दो मेरा न रोको सनम, मध्य प्रदेश के सीताराम साहू ने चलो मन चलो गांव की ओर, मंडला मध्यप्रदेश की दीप्ति खरे ने सूखते हुए घाट की कहानी है ए,कटनी मध्यप्रदेश की रजनी कटारिया ने चली हमार बिटिया कर के आज श्रृंगार हो, वाराणसी के जगदीश सिंह ने बड़े सीधे सलोने है हमारे गांव वाले, गोरखपुर की कवियत्री प्रतिभा गुप्ता प्रबोधिनी ने बिछाकर फूल राहों में सदा कुचला नहीं जाता एवं बहराइच की शमा परवीन ने लड़खड़ाते है कदम तो फिर संभालना सीखिए सुनाकर वाहवाही लूटी।

इस दौरान मुख्य अतिथि सौरभ पांडेय, एशिया बुक आफ वर्ल्ड रिकॉर्ड के विनय श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान दयाराम सिंह, पत्रकार आलोक द्विवेदी, राधेश्याम गुप्ता, कविंद्र अकेला, सुनीता गुप्ता, अनिल गुप्ता ईत्यादि लोग मौजूद रहे।

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