0 आध्यात्मिक ज्ञान एवं लोक कल्याण के चिंतन में बचपन से ही डूबे रहते थे गुरूनानक देव जी: गुरमिंदर सिंह
मिर्जापुर।
रविवार, 10 नवंबर को नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के तत्वावधान में सिख धर्म के संस्थापक गुरूनानक देव जी के जयंती के उपलक्ष्य मे प्रकाश पर्व मनाते हुए नगर मे कीर्तन यात्रा निकाली गयी। इस दौरान सिख व अन्य धर्म के लोगों और छात्र छात्राओ ने शोभायात्रा निकालकर उनके पदचिन्हो पर चलते हुए मानव कल्याण का संदेश दिया।
गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के पूर्व अध्यक्ष सरदार गुरमिंदर सिंह सरना उर्फ बल्लू सरदार ने गुरूनानक देव के जीवन पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भारत की पावन धरती पर कार्तिक पूर्णिमा के दिन 1469 को लाहौर से करीब 40 मील दूर स्थित तलवंडी नामक गांव में हुआ था। उनके पिता का नाम कल्याणराय मेहता तथा माता का नाम तृपताजी था।
उनके मस्तक के पास तेज आभा फैली हुई थी। पुरोहित पंडित हरदयाल ने जब उनके दर्शन किए उसी क्षण भविष्यवाणी कर दी थी कि यह बालक ईश्वर ज्योति का साक्षात अलौकिक स्वरूप है। बचपन से ही गुरु नानक का मन आध्यात्मिक ज्ञान एवं लोक कल्याण के चिंतन में डूबा रहता। बैठे-बैठे ध्यान मग्न हो जाते और कभी तो यह अवस्था समाधि तक भी पहुंच जाती। श्री गुरू सिंह सभा के जसवीर सिंह ने कहाकि गुरुनानक देवजी का जीवन एवं धर्म दर्शन युगांतकारी लोकचिंतन दर्शन था। उन्होंने सांसारिक यथार्थ से नाता नहीं तोड़ा। वे संसार के त्याग संन्यास लेने के खिलाफ थे, क्योंकि वे सहज योग के हामी थे। उनका मत था कि मनुष्य संन्यास लेकर स्वयं का अथवा लोक कल्याण नहीं कर सकता, जितना कि स्वाभाविक एवं सहज जीवन में। इसलिए उन्होंने गृहस्थ त्याग गुफाओं, जंगलों में बैठने से प्रभु प्राप्ति नहीं अपितु गृहस्थ में रहकर मानव सेवा करना श्रेष्ठ धर्म बताया। ‘नाम जपना, किरत करना, वंड छकना’ सफल गृहस्थ जीवन का मंत्र दिया।
उन्होंने कहाकि यही गुरु मंत्र सिख धर्म की मुख्य आधारशिला है। यानी अंतर आत्मा से ईश्वर का नाम जपो, ईमानदारी एवं परिश्रम से कर्म करो तथा अर्जित धन से असहाय, दुखी पीड़ित, जरूरतमंद इंसानों की सेवा करो।
कीर्तन यात्रा नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा से निकलकर तेलियागंज, बेलतर, गिरधर चौराहा, वासलीगंज, घंटाघर, त्रिमोहानी, नारघाट, लालडिग्गी से मुकेरी बाजार होते हुए गुरूद्वारा पर पहुंचकर संपन्न हुई। गुरूनानक इंटर कालेज और गुरूनानक गर्ल्स इण्टर कालेज की छात्रा छात्राए और अपने हाथ मे ‘सतिगुरु नानक प्रगटिआ मिटी धुंधू जगि चानणु होआ’ और ‘सुनी पुकार दातार प्रभु गुरु नानक जग महि पठाइया’ आदि तखतिया लेकर चल रहे थे। वही रथ के आगे आगे पंच प्यारे लोगो के लिए आकर्षण और श्रद्धा का केन्द्र बने रहे।
नगर के रतनगंज स्थित गुरूद्वारा श्री गुरू सिंह सभा के सरदार गुरमिंदर सिंह सरना उर्फ बल्लू सरदार व रघुबर सिंह के नेतृत्व में किर्तन व गुरू दर्शन के बाद धार्मिक कार्यक्रम किये गये।
इस अवसर पर जसवीर सिंह मोंगा, गुरदीप सिंह, अवनीत सिंह, परभप्रीत सिंह, अमरिक सिंह, पलविंदर सिंह डंग, करमजीत सिंह, दलजीत सिंह राजू, महेन्द्र सिंह, हिमा सिंह, गुरूदीप सिंह, जसवन्त सिंह, रघुवीर सिंह, आदि ने सम्पूर्ण संगत व एक दूसरे को गुरूनानक जी के प्रकाश पर्व की हार्दिक बधाई भी दी। इस दौरान सुरक्षा मे पुलिस बल भी मौजूद रही।
वैश्य समाज के पदाधिकारियों ने नगर कीर्तन भ्रमण में वितरित किया प्रसाद
रविवार को लालडिग्गी स्थित पलविंदर सिंह डंग के आवास पर गुरू नानक जयंती के उपलक्ष्य में आयोजित नगर कीर्तन यात्रा में वैश्य समाज उत्तर प्रदेश मीरजापुर नगर मंडल के पदाधिकारियों के द्वारा प्रसाद का वितरण किया गया। प्रसाद वितरण के कार्यक्रम के मुख्य अतिथि नगरपालिका अध्यक्ष श्याम सुन्दर केशरी ने सभी को गुरु नानक जयंती की बधाई दी एवं इस आयोजन के लिए वैश्य समाज उत्तर प्रदेश के पदाधिकारियों को धन्यवाद दिया। कार्यक्रम का सफल आयोजन नगर मंडल अध्यक्ष मुकेश अग्रहरी, नगर महामंत्री प्रिंस केशरी, हिमांशु अग्रहरी, अतुल गुप्ता, शुभम अग्रहरी एवं नगर के पदाधिकारियों के द्वारा किया गया। कार्यक्रम में वैश्य समाज उत्तर प्रदेश मीरजापुर के जिलाध्यक्ष ई० विवेक बरनवाल, जिला महामंत्री प्रतिक अग्रवाल, जिला कोषाध्यक्ष राजेश केशरी, जिला उपाध्यक्ष सुशील झुनझुनवाला उपस्थित रहे।