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एडीएम शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में फसल अवशेष (पराली) प्रबन्धन के सम्बन्ध में आहूत की गयी बैठक

मीरजापुर।

अपर जिलाधिकारी वि0/रा0 शिव प्रताप शुक्ल की अध्यक्षता में कलेक्ट्रेट सभाकक्ष में फसल अवशेष (पराली) प्रबन्धन के सम्बन्ध में बैठक आहूत की गयी। बैठक में उप कृषि निदेशक विकेश कुमार द्वारा बताया गया कि खरीफ मौसम में धान की फसल तैयार हो गयी है तथा कटाई का कार्य चल रहा है। बड़ी संख्या में किसान कटाई के बाद पराली को खेत में ही जला देते है, जिससे वायु प्रदूषण होता है। यदि किसान पराली जलाते हुए जनपद में कहीं भी पाया जाता है तो उससे जुर्माने की धनराशि यथा- 2 एकड़ खेत जलाने पर रू0 5000, 2 एकड़ से 5 एकड़ खेत जलाने पर रू0 10000 एवं 5 एकड़ से अधिक पराली जलाने पर रू0 30000 का अर्थदण्ड वसूली की जायेगी तथा इसकी पुनरावृत्ति होने पर अर्थदण्ड की धनराशि दोगुनी होकर बढ़ती जायेगी।
अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारियों को निर्देशित करते हुए कहा गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में ग्र्राम प्रधानों, पंचायत सहायकों के माध्यम से पराली न जलाने के सम्बन्ध में अधिक से अधिक प्रचार प्रसार करें, तथा जनपद के विकास खण्ड लालगंज, हलिया, जमालपुर, नरायनपुर व राजगढ़ से पराली जलाने की घटनायें अधिक आती है इस सम्बन्ध में समस्त ग्रामों में ग्राम प्रधानों के माध्यम डुग्गी/मुनादी करा दी जाए। बैठक में उपस्थित किसानों को भी कहा गया कि वह अपने-अपने क्षेत्र में वाट्सएप ग्रुप के माध्यम से भी किसानों के बीच में अधिक से अधिक प्रचार-प्रसार करें। साथ ही अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा बताया गया कि प्रत्येक गांव के ग्राम प्रधान एवं क्षेत्रीय लेखपाल को निर्देशित किया गया है कि किसी भी दशा में अपने से सम्बन्धित क्षेत्र में परालीध्कृषि अपशिष्ट न जलाने दिया जाए यदि कही पर कृषि अवशेष जलाने की घटना प्रकाश में आने पर सम्बन्धित लेखपाल तथा जनपद स्तर पर सम्बन्धित नोडल अधिकारी जिम्मेदार होंगे। अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) द्वारा बैठक में उपस्थित सभी खण्ड विकास अधिकारी को निर्देशित किया गया कि अपने-अपने विकास खण्ड में शीघ्र ही पराली न जलाने के सम्बन्ध में एक बैठक बुलाकर किसानों को जानकारी प्रदान की जाए।

उप कृषि निदेशक द्वारा बताया गया कि जिलाधिकारी द्वारा जनपद स्तर पर एक सेल का गठन किया गया है। जिसमें अपर जिलाधिकारी (वि0/रा0) अध्यक्ष, अपर पुलिस अधीक्षक नक्सल एरिया सदस्य, उप कृषि निदेशक, सदस्य/सचिव, जिला कृषि अधिकारी सदस्य, जिला विद्यालय निरीक्षक सदस्य एवं जिला पंचायत राज अधिकारी, मीरजापुर को सदस्य नामित किये गये है तथा तहसील स्तर पर उड़नदस्तों का गठन जिलाधिकारी, मीरजापुर द्वारा किया गया है। उड़नदस्ता गठित टीम में तहसील सदर में उप जिलाधिकारी सदर, क्षेत्राधिकारी सदर एवं स0वि0अ0(कृषि) कोन व मझवा, तहसील- लालगंज में उपजिलाधिकारी लालगंज, क्षेत्राधिकारी लालगंज एवं स0वि0अ0(कृषि) हलिया व लालगंज, तहसील-’मड़िहान में उप जिलाधिकारी मड़िहान, क्षेत्राधिकारी मड़िहान एवं स0वि0अ0(कृषि) पटेहरा व राजगढ़ तथा तहसील- चुनार मंे उप जिलाधिकारी चुनार, क्षेत्राधिकारी चुनार एवं स0वि0अ0(कृषि) नरायनपुर व सीखड़ को सम्मिलित किया गया है। तहसील स्तर पर उप जिलाधिकारी तथा विकास खण्ड स्तर खण्ड विकास अधिकारी को नोडल नामित किया गया है।
उप कृषि निदेशक श्री विकेश कुमार द्वारा बताया गया जनपद में यदि कही पर हार्वेस्टर से कटाई हो रही हो तो यह भी ध्यान दें कि उसमें रीपर, एस0एम0एस0 व बेलर लगा होना चाहिए अन्यथा उस हार्वेस्टर से कटाई को रोक लगा देनी चाहिए तथा हार्वेस्टर मालिक के विरूद्ध प्राथमिकी भी दर्ज करा सकते है। साथ ही बताया गया कि कृषि विभाग द्वारा पराली को सड़ाने हेतु डी कम्पोस्ट का भी वितरण किसानों को कराया जायेगा।
बैठक में श्री आशाराम वर्मा, उप जिलाधिकारी लालगंज, श्री युगान्तर त्रिपाठी, उप जिलाधिकारी मड़िहान, समस्त खण्ड विकास अधिकारी व कृषकगण में श्री सुखनन्दन दूबे, श्री श्याम लाल मौर्य, राम किशुन बिन्द, फूलचन्द मौर्य, अनिल कुमार मौर्य, धीरज मौर्य, त्रिवेणी प्रसाद पाण्डेय व अन्य कृषकगण उपस्थित रहे।

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