लर्निंग लैब की स्थापना से ऑगनवाड़ी केन्द्र के बच्चों को सीखने में होगी सहूलियत
0 जिले के 70 केन्दों को लर्निंग लैब के रूप में किया गया है उच्चीकृत: सीडीओ
मिर्जापुर।
ऑगनबाड़ी केंद्रों में आने वाले बच्चों को भी शिक्षा का बेहतर माहौल देने की तैयारी शुरू हो गई है। जनपद में आंगनबाड़ी केंद्रों को लर्निंग लैब के रूप में विकसित किया जा रहा है। लर्निंग लैब में सुरक्षित पेयजल, नल-जल के साथ ओवरहेड टैंक, सभी शौचालयों में रनिंग वॉटर सप्लाई, बाल-मैत्रिक शौचालय, टाइलीकरण, पठन-पाठन हेतु ग्रीन बोर्ड, रसोईघर में रनिंग वॉटर की आपूर्ति के साथ सिंक की व्यवस्था, बैठने के लिए लो-हाइट डेस्क एवं बेंच, आँगनवाड़ी भवन की पुताई एवं बाला-पेंटिंग सहित कुल 18 पैरामीटर पर केन्द्र को संतृप्त किया जा रहा है। लर्निंग लैब में बच्चों को स्मार्ट-आकर्षक अंदाज में शिक्षा दी जाएगी, जिससे बच्चों सीखने में सुगमता होगी।
जनपद में प्रथम चरण के 12 लक्षित केन्दों को लर्निंग लैब के रूप में विकसित कर लिया गया है, द्वितीय चरण में कुल लक्षित 75 केन्द्र के सापेक्ष 58 केन्द्र को लर्निंग लैब के रूप में विकसित कर लिया गया है, शेष 17 पर कार्य प्रगति पर है।
मुख्य विकास अधिकारी विशाल कुमार ने बताया कि शासन की मंशानुरूप शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए जनपद में ऑगनवाड़ी केन्द्रों को लर्निंग लैब के रूप में उच्चीकृत किया जा रहा है, जिससे को बच्चों को सीखने-पढ़ने में सुविधा होगी। इससे जो बच्चे आसानी ने नहीं सीख-समझ पाते थे, उन्हें सीखने में सुगमता होगी तथा बच्चों को नियमित रूप से स्कूल आने में रूचि भी बढ़ेगी। अभी तक कुल 70 केन्दों को लर्निंग लैब के रूप में उच्चीकृत किया गया है, प्रयास होगा कि लक्ष्य से अधिक केन्द्रों को लर्निंग लैब के रूप में विकसित किया जाए ताकि ज्यादा से ज्यादा बच्चों को इसका लाभ प्राप्त हो सके।
सुरेन्द्र कुमार यादव ग्राम प्रधान चितांग विकास खण्ड लालगंज ने बताया कि ग्राम पंचायत चितांग में ऑगनवाड़ी केन्द्र को लर्निंन लैब में विकसित किया गया है। लर्निंग लैब विकसित होने से केन्द में आने वाले बच्चों की संख्या में वृद्धि हुई है तथा बच्चे जो गैप करके विद्यालय आते थे, उनकी उपस्थिति में भी सुधार हुआ है। वर्तमान में कुल 94 बच्चे पठन-पाठन कर रहे है।