मिर्जापुर

मुगल आक्रमण के बाद समाज में फैला भेदभाव, अनुसूचित और जनजाति का हुआ सूत्रपात: विनायक राव देशपांडे

0 विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक समरसता संगोष्ठी में सैकड़ों ने दलित बस्ती में किया सहभोज

मिर्जापुर। वैदिक काल में छुआछुत का कोई भेदभाव नहीं था। इसका सूत्रपात मुगल आक्रमण के बाद हुआ और विदेशी आक्रांताओ ने समाज में भेदभाव का ज़हर घोलने का काम किया, जिसके बाद अनुसूचित, अनुसूचित जनजाति का प्रादुर्भाव हुआ, जिसे विश्व हिन्दू परिषद समाप्त करने की ओर सतत प्रयास कर रहा है। उक्त विचार विश्व हिंदू परिषद के केंद्रीय सह संगठन मंत्री विनायक राव देशपांडे ने शुक्रवार को व्यक्त किया। वह नगर के डंगहर मोहल्ला स्थित विश्व हिंदू परिषद के सामाजिक समरसता संगोष्ठी में बोल रहे थे।

उन्होने कहा कि छुआछुत की बीमारी अंग्रेजों की देन हैं। वैदिक काल में सभी बराबर थे। महाकुंभ में आज भी कोई किसी से जाति नहीं पूछता। सभी एक ही घाट पर स्नान करते हैं, जो सदियों से परम्परा चली आ रही है। जिसे डा. भीमराव अंबेडकर ने स्वीकार करते हुए अपनी पुस्तक में लिखा है। इसका उल्लेख उनके नाम पर राजनीति करने वाले इसलिए नही करते कि उनकी दुकान बंद हो जायेगी।

कहाकि वैदिक काल में छुआछुत का कोई भेद नहीं था। सभा में परस्पर लेन देन था। ब्रहमर्षि के लिए जाति प्रधान नहीं था। नारी शिक्षा अनिवार्य था। वेदों में 27 विदुषी महिलाओं का नाम आता हैं। कहा कि कोई अछूत नहीं है। सभी में परमेश्वर का वास हैं। भगवान किसी जाति में कम या अधिक नहीं है, हरि व्यापक सर्वत्र समाना। कहाकि कथनी करनी में अंतर आ गया, तो यही पाखंड और आडंबर है। लोग कुत्ता बिल्ली पालते हैं, उसे घर में प्रवेश देते हैं पर इंसान को नही। कहा कि विश्व हिंदू परिषद सभी को इंसान बनाने का काम कर रहीं है। देशपांडे ने कहा कि विश्वामित्र क्षत्रिय थे, महर्षि बन गए। दलित का बेटा भी ब्रहमर्षि बन सकता था। वेद काल में छुआछुत नही था। पांचवी सदी में छुआछुत की बीमारी आई, जिसकी चर्चा भीमराव अंबेडकर ने किया हैं। कहा है कि सभी जाति के सारे हिन्दू एक ही वंश के हैं। एक ही पिता के बेटे सवर्ण और दलित बन गए। आर्य अनार्य का भाव शत प्रतिशत झूठ है।

अंग्रेजों ने जाति की सूची बनाई। उनकी नीति थी “फूट डालो- राज करों” वही काम आज भी किया जा रहा है। कहाकि व्यक्ति जन्म से नहीं कर्म से महान होता है। जाति कोई भी हो भगवत भक्ति सभी का उद्धार करती हैं।

विहिप के पूर्व संगठन मंत्री मनोज श्रीवास्तव ने कहाकि इतिहास गवाह हैं कि भारत में जातिवाद का जहर बोकर अपने स्वार्थ की सिद्धि की गई है। मुगल काल में भारतीय संस्कृति और समाज पर जो कुठाराघात किया। उसे आज भी कुछ लोग खाद पानी देकर सींचने में लगे है। जबकि भारतीय परिवेश सदैव प्रेम, स्नेह एवं भाईचारे का रहा है। एक दूसरे के सुख दुःख में शामिल होता रहा है। कहा कि जीवन का आनंद प्रेम स्नेह में समाहित हैं, कटुता और लोभ में नहीं।

मुख्य वक्ता ने पाथेय से पूर्व रविदास मंदिर में वैदिक मंत्रोच्चार के साथ पूजन किया। पाश्चात् मंच  पर बैठे अतिथियों देशपांडे,  विष्णु हरि महाराज, पटेहरा प्राधान धर्मराज कोल, विहिप जिलाध्यक्ष माता सहाय मिश्र, ओपी गुप्ता का नारियल, अंगवस्त्र से सम्मानित किया गया। इसके बाद विभिन्न समाज के प्रतिनिधियों एवं विहिप कार्यकर्ताओं को भी सम्मानित किया गया। विभाग मंत्री रामचंद्र शुक्ला ने सभी का स्वागत किया।

कार्यक्रम में विभाग संगठन मंत्री अमित, पूर्व सांसद रामशकल, नगर विधायक रत्नाकर मिश्र, मड़िहान विधायक रमाशंकर सिंह पटेल, नगर पालिका परिषद अध्यक्ष श्याम सुन्दर केसरी, बालेंदुमणि त्रिपाठी, ओमप्रकाश गुप्ता, विभाग महिला प्रमुख श्रीमती मंजू लता चौबे, देव राम, पीडी द्विवेदी, रामचन्द्र शुक्ल, गोवर्द्धन त्रिपाठी, महेश तिवारी, जिला मंत्री श्रीकृष्ण कुमार पटेल, जिला सह मंत्री अभय मिश्र, परमेश्वर, नगर मंत्री बृजेश गुप्ता, बजरंग दल सहसंयोजक पवन उम्र, नगर सयोजक चन्द्र प्रकाश, शोभित, श्याम सोनी, उमेश सिंह,  गणेश, सुरेश सनातन, ज्ञानेंद्र सिंह, सन्तोष दुबे, विनय पाण्डे, रवि शंकर साहू, आनंद अग्रवाल, जाह्नवी तिवारी, पवन उमर, बृजेश गुप्ता, भाजपा नगर अध्यक्ष डाली अग्रहरि, अनिल गुप्त, राजेश सोनकर, राजेश सिन्हा, मनोज दमकल, मनोज श्रीवास्तव, वीरेंद्र श्रीवास्तव, शैलेश दुबे, दीपक श्रीवास्तव, जसवंत सिंह सरना, अतीन गुप्ता, जय शंकर सिंह पटेल, अखिलेश अग्रहरि, मनीष सिंह, संतोष सिंह संतु, सजन श्रीवास्तव, बबलू यादव, शोभित सोनकर, पवन अग्रहरि, विंध्यवासनी शुक्ल, कृष्ण चंद पटेल, अंकुर श्रीवास्तव, संतोषी निषाद, शंकर निषाद, सुजीत श्रीवास्तव, सतीश सिंहा आदि ने विचार व्यक्त किया। कार्यक्रम सयोजक राजेश भारती रहे और अध्यक्षता विष्णु जी महाराज ने की। यह जानकारी जिला मीडिया प्रभारी अरविन्द सारस्वत ने दी है।

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