0 चार दिन शत प्रतिशत जीवो टैगिंग कराने का निर्देश
0 खण्ड विकास अधिकारी मझंवा के निलम्बन हेतु प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को पत्राचार
मिर्जापुर @ विन्ध्य न्यूज.
जिलाधिकारी अनुराग पटेल के अध्यक्षता में आज कलेक्ट्रेट सभागार में गांवंश आश्रय स्थलों की स्थापना व संचालन हेतु जिला स्तरीय अनुश्रवाण एवं मूल्याकन समिति की बैठक सम्पन्न की गयी। बैठक में जनपद के निरीश्रित पशुओं के के लिये विभिन विकास खण्डों व नगर पालिकाओं में बनाये गये अस्थाई प्शु आश्रय स्थलों में सभी पशुओं की जीवो टेगिंग व इयर टेैगिंग शत प्रतिशत न होने पर जिलाधिकारी ने कडी नाराजगी व्यक्त करते हुये मुख्य पशु चिकित्साधिकारी ए0के0सिंह का इस वेतन रोकने का निर्देश देते हुये कहा कि यदि चार दिन के अन्दर शत प्रतिशत जीवो टैगिंग व इयर टेगिंग का कार्य पूरा नहीं होता है तो आगे भी कडी कार्यवाही के लिये विचार किया जायेगा। कई बैठकों में बिना सूचना के अनुपस्थित होने पर जिलाधिकारी ने मझंवा विकास खण्ड के खण्ड विकास अधिकारी अमीर राम का वेतन रोकने का निर्देश देते हुये इनके द्वारा बार-बार लापरवाही बरतने व आदेशों का अनुपालन न करने पर निलम्बन के लिये प्रमुख सचिव ग्राम्य विकास को पत्राचार करने का निर्देश परियेजना निदेशक डी0आर0डी0ए0 को दिया।
स्मीक्षा बैठक में तहसील सदर के विकास खण्ड पडरी के ग्राम पंचायत सिंधौरा में बन रहे वृहद गो संरक्षण केन्द्र के निर्माण के प्रगति के बारे में जानकारी करते हुये जिलाधिकारी ने कार्यदायी संस्था को निर्देशित किया कि किसी भीदशा में 30 जून तक कार्य पूर्ण कराकर हैण्डओवर की कार्यवाही करें। उनहोंने बाउड््रीवाल के निर्माण में देरी पर भी कार्यदायी संस्था को कडी फटकार लगाते हुये कहा कि तत्कल प्रारम्भ्। कर कार्य पूर्ण किया जाये। इसके अलावा एक अतिरिक्त् नवीन गौ संरक्षण केन्द्र की स्िापना के लिये उपजिलाधिकारी को निर्देशित किया कि स्थल चिन्हित कर अवगत करायें। मुख्य प्शु चिकित्साधिकारा को निर्देशित किया कि सभी अस्थाई गांवंश आश्रय स्थलों पर पेयजल व प्रकाश की व्यवस्था सुनिष्चित करें। यह भी कहा कि मनरेगा से वर्मी कम्पोस्ट पिट/तालाब निर्माण/वृक्षारोपण हेतु गढ्ढे किसी भी दशा में 30 जून तके खोद लिये जाये। जिलाधिकारी ने कहा कि गां वंश संरक्षण एक पुनीत का कार्य है अतः क्षेत्र के मानिंद लोगों से गांशाला में पशुओं के लिये भूसा दान के लिये भी अपील की जाये तिा भूसा संरक्षण के लिये उपयुक्त स्थल का चयन कर भूसा एकंत्रित कर लिया जायें जिलाधिकारी ने यह भ्ज्ञी कहा कि संरक्षित प्शुओं को हरा चारा उनलब्ध कराने हेतु स्थानीय चारागाह के भूमि का उपयोग किया जाये। संरक्षित प्शुओं की संख्या के सापेक्ष यथा मॉ।ग धनराश्ज्ञि की स्व्ीकृति पर भी विचार विमर्श किया गयां ।
बैठक में बताया गया कि जनपद में कुल गांवंश आश्रय स्थल पर रखे गये निराश्रित प्शुओं के भर पोषण हेतु प्शु संख्या के सापेक्ष अन्तरित धनराशि की मांग की गयी है जिसमें अधिशासी अभियन्ता नगर पालिका के द्वारा 255 प्षु के 120 दिन चारा के लिये 30 रू0 प्रति प्शु की दर से कुल रू0 918000, नगर पिलका चुनार के द्वारा 18 प्शु के 60 दिन के भरण पोषण के लिये रू0 32400, नगर पंचायत कछंवा में 45 प्शुओं के 60 दिन के लिये रू0 81000, खण्ड विकास अधिकारी लालगंज के द्वारा 322 प्शु के 60 दिन के लिये स्0 579600, हलिया के द्वारा 117 प्शु के लिये 60 दिन के भरण पोषण के लिये रू0 210600, सीख डमें 73 प्शु 60 दिन के लिये रू0 131400, जमालुपर में 26 प्शु 60 दिवस के लिये रू0 46800, राजगढ में 50 प्शु 60 दिन के भरण पोषण के लिये रू0 90000 रूपये की मांग की गी है इस प्रकार से जिले में कुल 906 प्शुओं के लिये 2089800-00 रूपये की मांगी की गयी है जिसे सर्वसम्मति से स्वीकृत किया गया। इस अवसर पर प्रभागीय वनाधिकारी चौधरी, उप जिलाधिकारी आशुतोशदूबे, मुख्य प्शु चिकित्साधिकारी ए0के0सिंह, सभी खण्ड विकास अधिकारी व अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।