जन सरोकार

जल संचयन-जीवन संचय अभियान के अन्तर्गत जलकुम्भी निकालने तालाब में उतरे जिलाधिकारी

0 डी0एम0 व सी0डी0ओ0 दो घंटे ग्रामीणों संग तालाब में किया श्रमदान
0 जनपद के 126 तालाबों में एक साथ की गयी जलकुम्भी की सफाई
मीरजापुर @ विन्ध्य न्यूज.

 जल संचय-जीवन संचय थीम के अन्तर्गत जनपद के 126 तालाबों को जलकुम्भी मुक्त अभियान के तहत आज जिलाधिकारी अनुराग पटेल व मुख्य विकास अधिकारी श्रीमती प्रियंका निरंजन के साथ ग्राम खराहरा में एक बडे तालाब जिस पर पूरे तालाब पर जलकुम्भी ने अपने धेरे में लिया था, जलकुम्भी के कारण पूरे तालाब में पानी होते हुये भी कहीं से पानी नहीं दिख रहा। ऐसे तालाब का चयन कर जिलाधिकारी अनुराग पटेल व मुख्य विकास अधिकारी पिंयंका निंरजन प्रातः 9 बजे तालाब के पास पहुॅच और जिलाधिकारी अपना कपडा उतारकर जब तालाब के जलकुम्भी निकालने के लिये कूदे तो जिलाधिकारी को देखते ही कई ग्रामीणों ने भी तालाब में उतर कर जलकुम्भी निकालने का कार्य प्रारम्भ कर दिया।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी किनारे रखे जलकुम्भियों को छौवा भरकर खोदे गये गड्ढे में डालना प्रारम्भ दिया। इस गन्दगी व कीचड भरे  तालाब में जिलाधिकारी को उतरकर जलकुम्भी को निकालते व मुख्य विकास अधिकारी को जलकुम्भी छौवा से उठाते देख गांव के महिलायें, पुरूष बच्चे दो वरिष्ठ अधिकारियों का जोश और लगन देख आश्चर्य चकित रह गये और देखते ही देखते ग्रामीणों ने भी तालाब में उतर कर जलकुम्भी निकालने का काम जिलाधिकारी के साथ प्रारम्भ कर दिया। तालाब के किनारे-किनारे चार-पॉंच गड्ढा खेदकर निकाले गये जलकुम्भी को उसमें गड्ढे में डानकर मिट्टी से पाट दिया गया ताकि जलकुम्भी सडकर खद बन जाये और दुबारा तालाब में न आयें।
      

  वहां पर उपस्थित मीडिया बन्धुओं से वार्ता करते हुये जिलाधिकारी ने कहा कि हम सभी भाग्यशाली है कि ईश्वर ने जनपद मीरजापुर को पर्याप्त जल प्रदान किया है । लेकिन ईश्वर की इस अमूल्य धरोहर का आदर करना हम सभी का कर्तव्य भी है । इस लिये बारिस का मौसम प्रारम्भ हो जाने के कारण हमें ऐसे इन्तजाम करने है कि हम बारिस के पानी को ज्यादा से ज्यादा संचय कर सकें। उन्होंने सभी से अपील करते हुंये कहा कि आइये’ जल संचय-तीवन संचय’’ अभ्यिन अभियान के अन्तर्गत ’’तालाबों से जलकुम्भी हटाना’’ एक अभियान के रूप में प्रारम्भ करें हम जनपद के तालाबों से जलकुम्भी को हटाकर तालाब को स्वच्छव साफा-सुथरा करें,जिससे तालाबों में सिल्टिंग न होऔर उसका पानी रिस कर नीचे जाकर भू-गर्भ जल स्तर को बढा सके एवं तालाब के स्वच्छ हो जाने पर उसका स्वच्छ जल पशुओं के पीने के लिये उपलब्ध रहे और सभी के कुछ दैनन्दिन जरूरतों को पूरा कर सकें। 

उन्होंने कहा कि तालाब से निकाली गयी जलकुम्भी को कम्पोस्ट पिट्स में डालकर उसे मिट्टी से ढककर खाद बनाने कर उपयोग में भी लाया जा सके। जिलाधिकारी ने कहा कि तालाबों, नदियों, नालों, कूओं के पटाव हो जाने व वृक्षों के कटान से जल स्तर जमीन में काफी नीचे चला जा रहा है यदि हम सभी अभी सचेत नहीं होगें तो आगे चलकर पानी का बडा संकट सामने आकर खडा होगा और पानी के लिये महायुद्ध भी हो सकता है। 

उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री जी भी जल संचय की दिशा में काफी चिंति है और इसके लिये एक अलग से जल शक्ति मंत्रालय का गठन भी कर दिया गया। हम सभी का कर्तव्य है कि जल संचय व उसके संवर्धन के लिये जन आन्दोलन चलायें और मृतप्राय तालाबों, कूओं नदियों को जीवंत कर उसके माध्यम से जल संचय किया जा सके। जिलाधिकारी ने बताया कि गत वर्ष जनपद 505 तालाबों की खोदाई एक साथ किया गया था उसी क्रम जल संचय-जीवन संचय पार्ट-2 अभ्यिन के तहत 126 तालाबों को जनपद एक साथ सफाई करने का कार्य किया जा रहा है और प्रत्येक ताबाल पर एक-एक जिला स्तरीय अधिकारी जाकर श्रमदान कर रहे हैं। सभी ग्रामीणों से भी अपील की कि तालाबों को बचायें उसे गन्दा न करें, यदि उनके ग्रामसभा में तालाब हो तो श्रमदान कर उसकी सफाई करें।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी ने कहा कि जनपद के ग्रामीणजल इस महाभियान में आगे आये उनके साथ जिला प्रशासन सहयोग के लिये हमेंशा साथ खडा रहेगा। उनहोंने जल संवर्धन का यही सबसे बडा तरीका है। हमारे पूर्वज जगह-जगह पर तालाब खोदवाते थे उसका जल संचय के साथ ही पशुओं के पानी पीने के लिये काम आता था। इस अवसर बी0एस0ए0,डी0पी0ए0पी0,जिला सूचना अधिकारी ओम प्रकाश उपाध्या, कोआडिनेटर विनोद कुमार श्रीवास्तव, ग्राम प्रधान, आस-पास के गांव के सभी सफाई कर्मी, ग्राम पंचायत अधिकारी व भरी संख्या में ग्रामीणों ने भी तालाब में उतरकर श्रमदान किया।

 
 
 
 

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