विमलेश अग्रहरि, मिर्जापुर।
बिन्ध्याचल थाना क्षेत्र के अरंगी सरपती ग्राम मे बस्ती से पांच सौ मीटर पश्चिम आम के बगीचे मे फांसी पेड़ की डाल से संदिग्ध परिस्थितियों मेनायलान से फांसी लगाकर प्रेमी जोड़े ने फांसी लगाकर जान दे दी। गांव निवासी दिलीप कुमार सोनकर (18) उसकी पड़ोसी ऊषा देवी (17) के रूप में पहचान हुई।
साथ जिएंगे – साथ मरेंगे यही है फंसाना का तराना गाते हुए यहां प्रेमी जोड़े ने नायलान की एक ही रस्सी मे दो फंदे लगाकर मौत को गले लगा लिया। यह सनसनीखेज मामला बिन्ध्याचल थाना क्षेत्र के अंरगी – सरपती ग्राम का है। दलित बस्ती से पांच सौ मीटर पश्चिम आम के बगीचे मे डाल से लटकते दो शवों को देखकर अल सुबह सीवान मे गए लोगों की घिग्घी बंध गई।
जंगल मे आग की तरह खबर फैलते ही भारी संख्या मे ग्रामीण पहुंच गए। परिजन दहाड़े मारकर रोने – बिलखने लगे। शव की पहचान गांव निवासी दिलीप कुमार 20 पुत्र बिजय सोनकर तथा ऊषा देवी 18 पुत्री राजकुमार सरोज के रूप मे हुई। सूचना पर पहुंची पुलिस ने एस पी सिटी प्रकाश स्वरूप पांडेय के आने का दो घंटे तक इंतजार किया। दस बजे दिन एस पी सिटी की मौजूदगी मे नायलान का फंदा काटकर शव को कब्जे मे लेकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया गया।
प्रेमिका के साथ एक ही रस्सी के सहारे मौत को गले लगाने वाला दिलीप कुमार तीन भाई बहनों मे सबसे बड़ा था। गांव के ही जेपी डिग्री कालेज मे स्नातक तृतीय वर्ष का छात्र था। पिता ने बिलखते हुए बताया कि अभी कुछ ही दिन पहले केन्द्रीय सुरक्षा बल मे उसका चयन हो गया था। इसी 11 जनवरी को मेडिकल जांच – परीक्षण होना था। रेनूकूट मे फल का ठेला लगाकर आजीविका चलाने वाले पिता को मलाल इस बात का है कि पाल पोस कर बड़ा किया पढ़ाया। जब सहारा देने का समय आया तो साथ छोड़कर चला गया।
पिता ने बताया कि 24 मई को इकलौती बेटी की शादी तय है। ऐसे मे बेटे की मौत से एक पल मे ही सब कुछ बिखर गया। वहीं प्रेमी के साथ ही मौत का फंदा चूमने वाली ऊषा देवी भटेवरा ग्राम स्थित एक इंटर कालेज मे इंटरमीडिएट की छात्रा थी।सात भाई – बहनों मे वह दूसरे नंबर पर थी। उसकी मौत को लेकर गमगीन परिजनों ने बताया कि शायद नियति को यही मंजूर था। बिजातीय युवक से प्रेम नहीं करने की बात अंततः उसने नहीं मानी। बताया जाता है किकाश परिजनों की सूचना पर पुलिस सक्रिय हुई होती तो शायद अनहोनी को टाला जा सकता था। रात्रि करीब 11 बजे प्रेमी जोड़े के एकसाथ गायब होने के तत्काल बाद दोनों परिवारों के लोगों ने पी आर वी को सूचना दी थी। बिन्ध्याचल थाना प्रभारी बेद प्रकाश राय ने माना कि तब पी आर वी वालों ने सुबह थाने पर पहुंचकर गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराने की सलाह दी थी। यदि उसी दौरान अष्टभुजा पुलिस चौकी अथवा थाने पर सूचना नहीं दी गई। वहीं परिजन भी पूरी रात खोजबीन करते रहे। तब उन्हें क्या मालूम था कि वे तो घर से कुछ ही दूरी पर अरहर की फसल के मध्य आम के बगीचे मे फांसी के फंदे पर लटक गए हैं।
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