0 वाराणसी में 13 वे वर्ष लगा मेला
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
भारत सरकार के तत्वाधान में मंगलवार 10 अक्टूबर से 13 अक्टूबर, 2017 तक वाराणसी में सम्पूर्णानन्द संस्कृत विश्वविद्यालय ग्राउण्ड में अपने 34वें भारतीय कालीन एक्सपो (वाराणसी में 13वें) का आयोजन कर रहा है जिसका उद्देश्य वहां आने वाले विदेशी कालीन क्रेताओं के बीच भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों और अन्य फ्लोर कवरिंग की सांस्कृतिक विरासत तथा बुनाई कौशल को बढ़ावा देना है। ‘‘भारतीय कालीन एक्सपो अंतरराष्ट्रीय कालीन क्रेताओं, क्रेता घरानों, क्रेता एजेंटों, वास्तुविदों तथा भारतीय कालीन विनिर्माताओं तथा निर्यातकों के लिए एक आदर्श मंच है जहां वे दीर्घकालिक व्यापारिक रिश्ते स्थापित कर सकते हैं।
भारतीय कालीन एक्सपो एशिया में सबसे बड़े हस्तनिर्मित कालीेन मेंलों में से एक है जहाँ क्रेता एक ही छत के नीचे बेहतरीन हस्तनिर्मित कालीन, गलीचे और अन्य फ्लोर कवरिंग खरीद सकते हैं। यह विश्वभर में हस्तनिर्मित कालीनों के लिए एक लोकप्रिय गंतव्य बन चुका है। ग्राहकों की विशिष्टताओं के अनुसार किसी भी प्रकार की डिजाइन, रंग, गुणवत्ता तथा आकार के साथ अनुकूलन स्थापित करने की भारत की अनोखी क्षमता की वजह से यह अंतरराष्ट्रीय बाजार में घरेलू नाम बन गया है। इस उद्योग में भारत के विभिन्न बंदरगाहों से प्राप्त विविध प्रकार की कच्ची सामग्री अर्थात् ऊन, रेशम, मानव निर्मित रेशे, जूट, काॅटन तथा अलग-अलग धागों के विभिन्न मिश्रणों का इस्तेमाल होता है। इस उद्योग में उत्पादन और निर्यात दोनों की वृद्धि की अपार संभावना है। यह उद्योग पर्यावरण हितैषी है तथा इसमें दुर्लभ और नाशवान ऊर्जा संसाधनों का इस्तेमाल नहीं होता है।
वर्षोंपरांत, भारतीय कालीेन एक्सपो ने विश्वभर के कालीन क्रेताओं के लिए एक बड़े स्रोत मंच के रूप में स्वयं को स्थापित किया है। बड़ी कालीन उत्पादक पट्टी वाराणसी में भारतीय कालीन एक्सपो का आयोजन करने का परिषद का मुख्य उद्देश्य एक्सपो में आने वाले समस्त विदेशी कालीेन क्रेताओं को ‘विशेष चयन’ का व्यापारिक अवसर मुहैया कराना है। परिषद का प्रयास है कि कालीन आयातकों और निर्माताओं तथा निर्यातकों को खास तरह का व्यापारिक परिवेश मुहैया कराया जाए। परिषद ने भारतीय कालीन एक्सपो, 2017 में 274 प्रतिभागियों को 6631 वर्ग मी. का सबसे बड़ा संभावित स्टैंड क्षेत्रफल आवंटित किया है।
भारतीय कालीेन एक्सपो का उद्घाटन मंगलवार, 10 अक्टूबर, 2017 को श्री अजय टम्टा, माननीय कपड़ा राज्य मंत्री, भारत सरकार द्वारा श्री शान्तमनु, आईएएस, विकास आयुक्त(हथकरघा) तथा क्रेन्द्र और राज्य सरकारों के अन्य वरिष्ठ अधिकारियों के सााथ-साथ व्यापार और मीडिया के प्रतिनिधियों की गरिमामय उपस्थिति मंे किया जाएगा।
उम्मीद है कि 58 देशों मुख्य रूप से आॅस्ट्रेलिया, बेल्जियम, ब्राजील, कनाडा, चीन, चिली, डेनमार्क, मिस्त्र, फ्रांस, जर्मनी, ईरान, इजरायल, इटली, जापान, लेबनान, मेक्सिको, रूस, सिंगापुर, दक्षिण अफ्रीका, तुर्की, इंग्लैण्ड, अमरीका आदि से लगभग 500 प्रतिष्ठित विदेशी कालीन क्रेताओं ने एक्सपों मंे भाग लेने के लिए अपना पंजीकरण कराया है। यहाँ उल्लेखनीय है कि बुल्गारिया, इजरायल, माॅरीशस, ताइवान, वियतनाम जैसे नए देशों के खरीददार भी भारतीय निर्यातकों/विनिर्माताओं के साथ गंभीर व्यापार करने के इरादे से इस मेगा एक्सपो में भाग ले रहे हैं। इससे अधिक श्रम वाले ग्रामीण आधारित काॅटेज उद्योग वाले इस क्षेत्र में रोजगारशुदा 2 मिलियन से अधिक बुनकर/कारीगर लाभान्वित होंगे।
भारत अब चीन में हस्तनिर्मित कालीनों का निर्यात कर रहा है जो पहले इन चीजों के लिए भारत का प्रतिद्वंदी था और अब भारतीय हस्तनिर्मित कालीनों के लिए केन्द्रित बाजार के रूप में स्थापित हो चुका है।
कलीन निर्यात संवर्धन परिषद न केवल थोक खरीददारों को आमंत्रित और प्रोत्साहित कर रही है बल्कि भारतीय कालीन एक्सपो मंे भाग लेने के लिए वाराणसी में 2 रात्रियों का सम्मानार्थ प्रवास भी मुहैया करा रही है।
श्री महावीर प्रताप शर्मा, अध्यक्ष ने कहा कि यह प्रदर्शनी और क्रेता-विक्रेता सम्मेलन हस्तनिर्मित कालीनों के भारतीय निर्यातकों को नई उचाइंयों तक लेकर जाएगा।
श्री सिद्ध नाथ सिंह, प्रथम उपाध्यक्ष, श्री उमर हमीद, द्वितीय उपाध्यक्ष तथा सीओए, कालीन निर्यात संवर्धन परिषद के सभी सदस्य आश्वस्त हैं कि इस एक्सपो से व्यापार के अच्छे अवसर पैदा होंगे इसलिए मीडिया को इस आयोजन के संवर्धन के लिए अपना पूर्ण सहयोग प्रदान करने का अनुरोध किया ताकि प्रतिभागियों को शानदार व्यापार के लिए प्रोत्साहित किया जा सके।
वाराणसी में 10-13 अक्टूबर, 2017 को आयोजित भारतीय कालीेन एक्सपो की विशेषताएं
कुल क्षेत्रफल 11,600 वर्ग मी.
स्टैंड क्षेत्रफल 6631 वर्ग मी.
प्रतिभागियों की संख्या 274
पंजीकृत खरीददार 353
अनुमानित व्यापार 350-400 करोड़ रूपये