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पीएम ने मन की बात में कहा- भारत की यह people driven लड़ाई की भविष्य में चर्चा होगी

डिजिटल डेस्क।

लॉकडाउन के बीच प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को मन की बात कार्यक्रम के जरिए लोगों को संबोधित किया। हर महीने के आखिरी रविवार को प्रसारित होने वाले ‘मन की बात’ रेडियो कार्यक्रम का यह 64 वां संस्करण रहा। इसके पूर्व ‘मन की बात’ के 63 वें एपिसोड में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कोविड-19 के कारण देश में व्याप्त स्थिति पर देशवासियों का ध्यान केंद्रित किया था। बता दे कि मन की बात कार्यक्रम का जिक्र करते हुए प्रधानमंत्री ने शनिवार को ट्वीट किया था कि इस महीने के मन की बात के लिए कई आनंददायक इनपुट मिल रहे हैं।  पीएम मोदी ने जनता से अपील किया कि आप सरकार द्वारा एक प्लेटफॉर्म पर जो भी चाहें उसमें योगदान कर सकते हैं। पीएम ने कहा कि आप covidwarriors.gov.in पर जाकर अपना योगदान दे सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि आज जब जबरा विश्व इस महामारी के संकट से जूझ रहा है। भविष्य में जब इसकी चर्चा होगी, उसके तौर-तरीकों की चर्चा होगी, मुझे विश्वास है कि भारत की यह people driven लड़ाई, इसकी ज़रुर चर्चा होगी।

आप सब लॉकडाउन में मन की बात सुन रहे हैं। इस समय फोन कॉल और लोगों की बातें बड़ी संख्या में मुझ तक पहुंच रही हैं। कोशिश है कि ज्यादा से ज्यादा पढ़ पाऊं और सुन सकूं। भारत जैसा विशाल देश, जो विकास के लिए प्रयत्नशील है, ग़रीबी से निर्णायक लड़ाई लड़ रहा है। उसके पास CORONA से लड़ने और जीतने का यही एक तरीका है और हम भाग्यशाली हैं कि, आज पूरा देश, देश का हर नागरिक, जन-जन इस लड़ाई का सिपाही है, लड़ाई का नेतृत्व कर रहा है।

पीएम ने कहा कि साथियो, भारत की कोरोना के खिलाफ़ लड़ाई सही मायने में  people driven है । भारत में CORONA के खिलाफ़ लड़ाई जनता लड़ रही है, आप लड़ रहे हैं, जनता के साथ मिलकर शासन, प्रशासन लड़ रहा है ।”

 शहर हो या गाँव, ऐसा लग रहा है, जैसे देश में एक बहुत बड़ा महायज्ञ चल रहा है, जिसमें, हर कोई अपना योगदान देने के लिये आतुर है ।”  

 हमारे किसान भाई-बहनों को ही देखिये – एक तरफ, वो, इस महामारी के बीच अपने खेतों में दिन-रात मेहनत कर रहे हैं और इस बात की भी चिंता कर रहे हैं कि देश में कोई भी भूखा ना सोये | हर कोई, अपने सामर्थ्य के हिसाब से, इस लड़ाई को लड़ रहा है |” हमारे किसानों की कड़ी मेहनत के कारण, हम सभी के पास अन्न के भंडार हैं; यदि हम अक्षय बने रहना चाहते हैं, तो हमें यह सुनिश्चित करना चाहिए कि हमारी पृथ्वी अक्षय हो।

हमारे Business, हमारे दफ्तर, हमारे शिक्षण संस्थान, हमारा Medical Sector, हर कोई, तेज़ी से, नये तकनीकी बदलावों की तरफ भी बढ़ रहें हैं।  

 ग़रीबों के लिए खाने से लेकर, राशन की व्यवस्था हो, lockdown का पालन हो, अस्पतालों की व्यवस्था हो, medical equipment का देश में ही निर्माण हो – आज पूरा देश, एक लक्ष्य, एक दिशा, साथ-साथ चल रहा है |”

साथियो, देश जब एक team बन करके काम करता है, तब क्या कुछ होता है – ये हम अनुभव कर रहें हैं । आज केन्द्र सरकार हो, राज्य सरकार हो, इनका हर एक विभाग और संस्थान राहत के लिए मिल-जुल करके पूरी speed से काम कर रहे हैं ।”

ताली, थाली, दीया, मोमबत्ती, इन सारी चीज़ों ने जो भावनाओं को जन्म दिया | जिस ज़ज्बे से देशवासियों ने, कुछ-न-कुछ करने की ठान ली – हर किसी को इन बातों ने प्रेरित किया है।

 आप में से शायद बहुत लोगों को मालूम होगा कि देश के हर हिस्से में दवाईयों को पहुँचाने के लिए ‘Lifeline Udan (लाइफ-लाइन उड़ान)’ नाम से एक विशेष अभियान चल रहा है |

 हमारे इन साथियों ने, इतने कम समय में, देश के भीतर ही, तीन लाख किलोमीटर की हवाई उड़ान भरी है और 500 टन से अधिक Medical सामग्री, देश के कोने-कोने में आप तक पहुँचाया है |

 इसी तरह, Railway के साथी, Lockdown में भी लगातार मेहनत कर रहें हैं, ताकि देश के आम लोगों को, जरुरी वस्तुओं की कमी न हो | इस काम के लिए भारतीय रेलवे करीब-करीब 60 से अधिक रेल मार्ग पर 100 से भी ज्यादा parcel train चला रही है |

इसी तरह दवाओं की आपूर्ति में, हमारे डाक विभाग के लोग, बहुत अहम भूमिका निभा रहें हैं | हमारे ये सभी साथी, सच्चे अर्थ में, कोरोना के warrior ही हैं |

इन सब कामों में, सरकार के अलग-अलग विभागों के लोग, बैंकिंग सेक्टर के लोग, एक team की तरह दिन-रात काम कर रहे हैं |”

पीएम मोदी ने कहा कि जब दुनिया इतने बड़े संकट का सामना कर रही है, तो इस बार रमजान को धैर्य, सद्भाव, संवेदनशीलता और सेवा का प्रतीक बनाने का एक अवसर है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यह भी कहा कि इस बार कोरोना वायरस लॉकडाउन के कारण लोग सादगी से अपने घर में त्योहार मना रहे हैं।

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