बेचूवीर मेला होगा सकुशल सम्पन्न – जिलाधिकारी
0 बिजली, पानी, यातायात और प्रशासनिक व्यवस्था रहेगी जनता के अनुकूल
हरिकिशन अग्रहरि
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर (अहरौरा)। बरही वेचूवीर मेला क्षेत्र में पानी की कमी,खराब सड़क व्यवस्था को देखते हुए डी एम मिर्जापुर विमल कुमार दूबे ने सम्बन्धित विभागों के अधिकारियों को दिशा निर्देश देने लगे। मेले में प्रशासन व्यवस्था को चुस्त दुरुस्त रखने के लिए एसपी मिर्जापुर आशीष तिवारी भी अपने मातहमों को दिशानिर्देश देने लगे और सीसी कैमरे लगवाने तथा यातायात व्यवस्था बनाये रखने के साथ ही साथ अपराधी तत्वों पर पैनी नज़र रखने के लिए कहा। बेचूवीर मेला सैकड़ों वर्षों लगती है जहाँ नि:सन्तान दम्पती आते हैं जिन्हें लगातार पांच वर्ष तक यहाँ दर्शन करने पर संतान की प्राप्ति होती है। भूत प्रेतों से पीड़ित लोग भी यहाँ आते हैं जिन्हें बेचूवीर के दर्शन मात्र से शांति मिलती है। यहाँ पहुँचने के लिए अहरौरा आना पड़ता है फिर यहीं से एक पश्चिम दिशा में एक सड़क बरही को जाती है।
अहरौरा और बरही के बीच की दूरी लगभग तेरह किलोमीटर है जिसमें से अधिकांश सड़क मार्ग खराब है जिसको बनवाने का आदेश जिलाधिकारी महोदय ने दिया है लेकिन मात्र चार दिन में यह सड़क पूरी हो जाएगी, संशय है। मेले का स्थलीय निरीक्षण करने के लिए जिलाधिकारी व एसपी मिर्जापुर संग जिले के आला अधिकारी यहाँ पधारे थे। चिकित्सा पर विशेष बल देते हुए जिलाधिकारी ने मेले में डाक्टरों की उपस्थिति अपरिहार्य बताया। पानी की व्यवस्था टैंकरों से पूर्ति की जाएगी। प्रकाश की कमी नहीं होने दी जायेगी।मेले की सफलता के लिए जिला प्रशासन शख्त है।अहरौरा से लगभग सात किलोमीटर दूर भख्सी नदी पड़ती है जहाँ भूत प्रेत पीड़ित स्थान करके घर से पहनकर आये कपड़े वहीं छोड़ देते हैं। फिर इसके बाद भूत प्रेतों का आगमन उनके शरीर पर हो जाता है। इसके बाद शेष छ किलोमीटर की यात्रा भूत प्रेत पीड़ित व्यक्ति इन्हीं के साये में करता है और तरह तरह की आवाजें भी निकालता है जिससे शेष छ किलोमीटर की यात्रा का माहौल भयावह हो जाती है। रात्रि में यात्रा करने वाले इस अजीब अनुभवों से सिरह जाते हैं। एक तरफ मान्यताओं के दौर में लगभग दस लाख व्यक्तियों का मेला फलता फूलता है वहीं दूसरी प्रशासनिक सपोर्टिंग भूमिका भी होती है। गाड़ियां इतनी हो जाती है कि पार्किंग का स्थान नहीं बचता जिसके समस्या खड़ी हो जाती है जिसको जिलाधिकारी ने मुख्यतः ध्यान दिया है। बेचूवीर मेला पारम्परिक अंधविश्वास का जीता जागता प्रमाण है जहाँ सांप और नेवले की तरह विज्ञान और अंधविश्वास की सीधी तथा नंगी लड़ाई होती है। इस मेले में महाराष्ट्र, बंगाल, बिहार, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़ आदि प्रदेशों से भी लोग आते हैं।
मेला सर्वे दौरा में एसडीएम चुनार व मड़िहान के साथ जनपद के आला अधिकारी व पंकज उपाध्याय जिला पंचायत सदस्य मुख्य रूप से थे। सभी अधिकारियों की पैरेटिंग एसओ अहरौरा प्रवीण कुमार सिंह ने किया।