अदालत

वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से हो रहा जमानत के प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, कर सकते हैं ईमेल के जरिए आवेदन

0 न्यायालय के ई-मेल पर दर्ज किए गए 93 जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण, 154 जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई हेतु अग्रिम तिथि मुकर्रर

डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर।
जनपद के विभिन्न न्यायालयों में ईमेल के माध्यम से जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण और सुनवाई किया जा रहा है। प्रभारी जनपद एवं सत्र न्यायाधीश भगवती प्रसाद सक्सेना ने बताया गया कि 8 मई से ही यह प्रक्रिया शुरू है और अब तक न्यायालय के ई-मेल पर दर्ज किए गए 93 जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण करने के साथ ही 154 जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई हेतु अग्रिम तिथि मुकर्रर की जा चुकी है।
न्यायालय कार्य वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से दीवानी न्यायालय के ईमेल आईडी dcmir@nic.in पर पंजीकृत दाखिल जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई के लिए संचालित न्यायालयों द्वारा कार्य किया जा रहा है। इसके लाए न्यायालय सत्र न्यायाधीश प्रातः 8:00 से 9:00 बजे तक, न्यायालय विशेष न्यायाधीश एससी एसटी एक्ट 9:00 बजे से प्रातः 9:30 बजे तक, न्यायालय विशेष न्यायाधीश पीसी एक्ट प्रातः काल 9:30 से 10:00 बजे तक, न्यायालय विशेष न्यायाधीश गैंगस्टर एक्ट प्रातः 10:00 बजे से प्रातः 10:30 बजे तक, विशेष न्यायालय न्यायाधीश सवेरे 11:00 बजे से 11:30 बजे सुबह तक, न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश प्रथम 11:30 से 11:45 तक, न्यायालय अपर सत्र न्यायाधीश एक्टिविटी 11:45 से दोपहर 12:00 बजे तक, न्यायालय मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट दोपहर 12:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक अभियुक्तों की जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई दीवानी न्यायालय की ईमेल आईडी dcmir@nic.in पर मुकदमा अपलोड होने पर संबंधित न्यायालय में सुनवाई वर्चुअल कोर्ट के माध्यम से प्रतिदिन न्यायाधीश द्वारा किया जाएगा।
बताया गया है कि 8 मई 2020 से 18 मई तक कुल 247 प्रार्थना पत्र दीवानी न्यायालय के ईमेल आईडी पर दर्ज किए गए और 93 जमानत प्रार्थना पत्रों का निस्तारण किया गया शेष 154 जमानत प्रार्थना पत्रों की सुनवाई हेतु अग्रिम तिथि न्यायालय द्वारा नियत की गई है। दीवानी न्यायालय के डिस्ट्रिक्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष सचिव एवं अन्य अधिवक्ता संघों के सम्मानित अधिवक्ता गणों से अनुरोध किया गया है कि अधिकारियों के जमानत प्रार्थना पत्रों को दीवानी न्यायालय की ईमेल आईडी वर्चुअल कोर्ट में अपने-अपने मुकदमों जमानत प्रार्थना पत्रों को पंजीकृत कराए और अधिवक्ता अपना अथवा अपने अधिकारी का मोबाइल नंबर अनिवार्य रूप से अंकित करें ताकि अग्रिम सुनवाई हेतु जानकारी एसएमएस के जरिए मोबाइल पर भेजा जा सके उपरोक्त सभी जानकारी दीवानी न्यायालय की वेबसाइट पर यह जानकारी जनपद न्यायाधीश के द्वारा दिया गया है।

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