0 मीरजापुर ईट भट्ठा समिति के सदस्यों की अपील पर रेल विभाग को पत्र लिख डीएम ने उपलब्ध कराया ट्रेन
0 ईट भट्ठा समिति ने भुगतान किया सभी श्रमिकों का 6 लाख 82 हजार 380 रूपया किराया
डिजिटल डेस्क, चुनार/मिर्जापुर।
चुनार तहसील क्षेत्र के विभिन्न ईट भटठों पर काम करने वाले झारखंड राज्य के 1574 श्रमिकों को गुरुवार की शाम 5 बजे श्रमिक स्पेशल ट्रेन से घर भेजा गया। उल्लेखनीय है कि कोरोना महामारी को देखते हुए क्षेत्र के ईट भटठों पर काम कर रहे श्रमिकों को उनके गृह राज्य भेजने के लिए मीरजापुर ईट भट्ठा समिति के सदस्यों ने जिलाधिकारी से मुलाकात कर ट्रेन की व्यवस्था कराने का आग्रह किया था और श्रमिकों पर आ रहे खर्च का भुगतान समिति द्वारा देने की बात कही गयी थी। समिति के अनुरोध पर जिलाधिकारी सुशील कुमार पटेल ने रेलवे बोर्ड को पत्र लिखते हुए वार्ता किया, जिस पर रेलवे बोर्ड ने 1574 श्रमिकों का किराया 6 लाख 82 हजार 380 रूपया जमा कराने को कहा गया।समिति द्वारा धनराशि जमा करने के बाद रेलवे बोर्ड ने 22 बोगी वाली 14164 श्रमिक स्पेशल ट्रेन जिसमें 17 स्पीलर व पांच जनरल कोच के साथ दो लगेज बोगी की ट्रेन को उपलब्ध कराया। स्थानीय प्रशासन द्वारा प्रत्येक स्पीलर कोच में 72 श्रमिक व जनरल कोच में 70 श्रमिकों के बैठने की व्यवस्था करायी गयी। गुरुवार की दोपहर क्षेत्र के ईट भट्ठा संचालकों द्वारा बच्चों सहित 1808 परिवार के कुल 1574 श्रमिकों को प्राइवेट साधन से रेलवे स्टेशन लाया गया। ट्रेन पर सवार होने से पूर्व उन्हें संचालकों ने टिकट उपलब्ध कराया उसके बाद प्रवेश द्वार पर मौजूद चिकित्सकीय टीम ने थर्मल स्कैनिंग कर उनका परीक्षण किया। तत्पश्चात उन्हें नाश्ता पैकेट, पानी का पैकेट दिया गया और उसके बाद प्लेटफार्म नंबर एक से ओवर ब्रिज होते हुए प्लेटफार्म नंबर पांच पर खड़ी ट्रेन में सवार हुए और शाम -17- बजे ट्रेन चुनार जंक्शन से गन्तव्य के लिए रवाना हुई। इस दौरान व्यवस्था में अपर पुलिस अधीक्षक अजय कुमार सिंह, उपजिलाधिकारी सुरेन्द्र बहादुर सिंह, नायब तहसीलदार नूपुर सिंह, नायब तहसीलदार नटवर सिंह, पुलिस उपाधीक्षक सुशील कुमार यादव, रेलवे सुरक्षा बल प्रभारी वी0के0यादव, कोतवाल राजीव कुमार मिश्रा सहित चार इंस्पेक्टर, 24 सब इंस्पेक्टर, महिला सहित 105 कांस्टेबल व क्राइम ब्रांच की टीम लगी रही।
श्रमिकों के घर वापसी से भट्ठा संचालकों को कोई क्षति नहीं होगी
चुनार। चुनार तहसील क्षेत्र के विभिन्न ईट भटठों पर काम कर रहे श्रमिकों के घर वापसी से भट्ठा संचालकों को कोई क्षति नहीं होगी। श्रमिकों ने बताया कि बरसात शुरू होते ही ईट बनाने व पकाने का काम र्पूर्णतः बंद हो जाता है और अधिकांश श्रमिक अपने घरों को वापस हो जाते हैं। दीपावली के बाद वापसी होने पर पुनः उत्पादन शुरू होता है। हालांकि बरसात के दिनों में भी कुछ श्रमिक रूकते थे जिनके भरण पोषण की व्यवस्था संचालकों द्वारा किया जाता था लेकिन इस बार संपूर्ण श्रमिकों को अपने घर वापसी होने से संचालकों को भारी भरकम बचत होगी। साथ ही पूर्व में उत्पादित ईट को बरसात के मौसम में बेचकर अच्छी खासी कमाई की उम्मीद है।