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गणेश गंभीर का “साफगोई” गजल संग्रह प्रकाशित

विमलेश प्रसाद (8299113438), मिर्जापुर।

मीरजापुर। नगर के घासगली, वासलीगंज निवासी वरिष्ठ साहित्यकार गणेश गंभीर का नया गजल संग्रह ” साफ़गोई” प्रकाशित हुआ है। इसमें समसामयिक विषय और तात्कालिक प्रश्नों के हल तलाशतीं गजलें शामिल हैं। कवि गणेश गंभीर की गजलों में चिंतन और कला दोनो का समावेश दिखाई पड़ता है। उनके 120 पृष्ठों वाले इस “साफ़गोई” गजल संग्रह में 84 बेहतरीन गजलें शामिल हैं। इस गजल संग्रह को ‘श्वेतवर्ण प्रकाशन, नयी दिल्ली’ ने छापा है। श्री गणेश गंभीर की इससे पूर्व कई काव्य कृतियाँ प्रकाशित हो चुकी हैं। इनमें तुम्हारे नाम के अक्षर ( कविता संग्रह ), फैसला दो टूक ( नवगीत संग्रह ), संवत् बदले ( नवगीत संग्रह ), रास्ता बर्फ है ( गजल संग्रह ), वंश वृक्ष का वन संकट में ( नवगीत संग्रह ) हैं। श्री गंभीर ने “विंध्य वैभव” और नवगीत पत्रिका “उत्तर” का संपादन भी किया है। वह कई साझा संकलनों के सहयोगी कवि भी रहे हैं। देश की सभी प्रमुख पत्र-पत्रिकाओं में उनकी रचनाएँ प्रकाशित होती रही हैं। उनकी रचनाएँ दूरदर्शन और आकाशवाणी से भी नियमितरूप से प्रसारित होती रहती हैं।

श्री गणेश गंभीर को उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान का “बलवीर सिंह रंग” पुरस्कार मिला है। इसके साथ ही वह लगातार अनेक साहित्यिक सम्मानों और पुरस्कारों से विभूषित होते रहे हैं। श्री गणेश गंभीर के गजल संग्रह “साफगोई” के प्रकाशन पर जनपद के साहित्यकारों सर्वश्री प्रभु नारायण श्रीवास्तव, शिव प्रसाद कमल, वृजदेव पांडेय, भोलानाथ कुशवाहा, भानु कुमार मुंतजिर, लल्लू तिवारी, शुभम श्रीवास्तव ओम, डॉ अनुराधा ओस, आनंद प्रजापति अमित आदि ने बधाई दी है।

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