• टेलीमेडिसिन के जरिये आवश्यक चिकित्सीय परामर्श
• सोमवार से शनिवार सुबह 9 से शाम 4 बजे तक मिलेगी सेवा
डिजिटल डेस्क, चंदौली।
कोरोना के बढ़ते संक्रमण को कम करने के लिए सरकार प्रत्येक स्तर पर प्रयास कर रही है। कोविड काल में अस्पताल जाने में असमर्थ मरीजों की सुविधा के मद्देनजर सरकार द्वारा ई-संजीवनी ओपीडी एप की शुरुआत की गयी है। एप के माध्यम से घर बैठे ही मरीजों को निःशुल्क चिकित्सीय परामर्श एवं स्वास्थ्य सुविधा प्रदान कराई जा रही है। कोरोना काल में यह एप जीवन दायिनी के रूप मे कार्य कर रहा है।
मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आरके मिश्रा ने बताया कि जनपद में सामान्य एवं अन्य बीमारियों के इलाज के लिए आए दिन अस्पताल जाना पड़ता है लेकिन वर्तमान परिस्थिति को देखते हुये लोग अस्पताल आने से कतरा रहे हैं । कोरोना काल में अस्पतालों में भीड़ के मद्देनजर ई संजीवनी एप बहुत ही मददगार साबित हो रहा है। इसके अलावा अप्रशिक्षित डॉक्टरों के चक्कर में न पड़कर लोग अस्पताल के विशेषज्ञ व डॉक्टर के परामर्श की सलाह से घर पर ही इलाज करवा रहे हैं। ई संजीवनी एप पर लोग हर बीमारी के इलाज के लिए अपना पंजीकरण करा रहे हैं। साथ ही सरकार द्वारा पूरे समय काम करने वाली हेल्पलाइन नंबर 1800-180-5145 की सुविधा भी जारी की गयी है।
जिला कम्यूनिटी प्रोसेस मैनेजर (डीसीपीएम) सुधीर राय ने बताया कि कोरोना के कारण अस्पताल जाने में असमर्थ मरीजों के परिवार के सदस्य नजदीकी सेंटर से संपर्क कर ई संजीवनी एप से ऑनलाइन ओपीडी के जरिये डॉक्टर से बात कर अपनी समस्या बता कर दवा ले सकते हैं। उन्होने बताया कि कोरोना काल में अन्य बीमारी से परेशान मरीजों के लिए बहुत ही बेहतर सुविधा साबित हो रही है। लोग घर बैठे ऑनलाइन ओपीडी का लाभ ले रहे हैं। एप के जागरूकता के लिए हेल्प लाइन व कम्यूनिटी हेल्थ ऑफिसर (सीएचओ) के माध्यम से सेवा दी जा रही है। जिले को प्रदेश में 26 वां स्थान प्राप्त हुआ है। अब तक 593 लोगो ने ऑनलाइन पंजीकरण के द्वारा ओपीडी से सलाह के माध्यम से उपचार कराया है।
जापाईगो संस्था के प्रोग्राम ऑफिसर डॉ सुदीप सरकार ने बताया कि ग्रामीण क्षेत्रों में जिन लोगों के पास मोबाइल नहीं है वह घर के नजदीक हेल्थ एंड वैलनेस सेंटर पर जाकर सीएचओ की मदद से ई संजीवनी एप पर अपना पंजीकरण करा सकते हैं और अपनी बीमारी का पूरा विवरण विशेषज्ञ व डॉक्टर को बताकर घर बैठे ही पूरी तरह से ठीक हो सकते हैं।
बरहनी ब्लॉक की भुजना उपकेंद्र पर सीएचओ मनीषा गौड़ बताती हैं कि उनके पास सभी प्रकार के मरीज आते हैं। डायरिया, टाइफ़ाइड, हड्डियों में दर्द व शरीर में खुजली, इन्फ़ैकशन नींद न आना, मधुमेह जैसे आदि। मनीषा ने बताया कि एक दिन केंद्र पर सिधाना गाँव का अनुज पाल (12) आया और वह लगभग 2 साल से फंगल इन्फेक्शन से पीड़ित था। लॉकडाउन के कारण पूरे शरीर मे फैल चुका था। यह इन्फ़ैकशन उसके पूरे परिवार को भी हो गया। अनुज के घर के पास अस्पताल नहीं था। तब मनीषा ने उसे और परिवार को ई संजीवनी एप की जानकारी दी और उनको भरोसा दिलाया कि अस्पताल के विशेषज्ञ व डॉक्टर से बातकर अपनी समस्या बताने से इलाज मिल जाता है। मनीषा ने बताया कि उसके बाद एप के जरिये उनकी डॉक्टर से बात करायी और डॉक्टर के दवा लिखने के बाद बताया कि दवा कैसे खाना है। पाँच दिन बाद मरीज ने कहा फायदा हो रहा है और लगभग 15 दिन बाद बिल्कुल ठीक हो गया। वर्तमान में परिवार के सभी लोग स्वस्थ हैं।
शहीदगाँव की सीएचओ दीपिका गुप्ता ने कहा कि ई संजीवनी एप का पता चलते ही इसकी जानकारी एएनएम को दी और एएनएम ने सभी को बताया। दीपिका ने बताया कि गाँव की ही 54 वर्षीय शशिकला आयी जिन्हे दो साल से बवासीर की दिक्कत थी। इन्हे ई संजीवनी के जरिए ऑनलाइन डॉक्टर से बात करायी। अब उन्हे घर बैठे बहुत आराम मिल रहा है। साथ ही 10 वर्ष की रोशनी कान में मवाद आने की दिक्कत से बहुत परेशान थी। उसका ई संजीवनी एप के द्वारा इलाजा करवाया और वर्तमान में वह भी स्वस्थ है।