स्वास्थ्य

मुफ्त जीवन जीने की कला सिखाता है आयुर्वेद – शुचिस्मिता मौर्या

0 आरोग्य भारती ने मनाया धनवंतरी जयंती 
डिजिटल डेस्क, मिर्जापुर। 
 आरोग्यता सबसे बड़ा धन हैं जिसके आगे सारी सम्पत्ति बेकार है। इस धन का संरक्षण करके ही जीवन में खुशियों की अनुभूति की जा सकती हैं। उक्त उदगार आरोग्य भारती के तत्वावधान में आयोजित धनवंतरी जयंती पर मझवां विधायक शुचिस्मिता मौर्या ने व्यक्त किया। कार्यक्रम का आयोजन नगर के महंत शिवाला स्थित सरस्वती विद्या मंदिर में किया गया था।
विधायक ने कहा कि मानव जीवन में लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए स्वास्थ्य रूपी धन का होना आवश्यक है।
मुख्य वक्ता डॉ० गणेश प्रसाद अवस्थी ने कहा कि 85 प्रतिशत बीमारी के लिए हमारा खानपान रहन सहन जिम्मेदार हैं । सात्विक भोजन और सृजनशील रहकर तमाम रोगों से बचा जा सकता हैं। विशिष्ट अतिथि सोहन श्रीमाली ने कहा कि आरोग्य भारती अपनी प्राचीन पद्धति के माध्यम से बिना कोई खर्च के जीवन को स्वस्थ रखने का मंत्र दे रही हैं। इसके लिए सभी बधाई के पात्र है । डॉ० कुलदीप ने कहा कि अपनी प्राचीन परम्पराओं को रूढ़िवादिता के नाम पर छोड़कर आज हम रोगों के झंझावात में फंसे हैं। वैज्ञानिक तथ्यों से उपचार की पद्धति को छोड़ने के कारण आज स्वस्थ जीवन जीने की चर्चा करनी पड़ रही हैं । जो कभी हमारी दिनचर्या में समाहित था। कार्यक्रम में डॉ० दीपशिखा श्रीवास्तव, डॉ० कविता मिश्रा, डॉ० के के बरनवाल, वैद्य शोभनाथ, पूनम चन्द्र जैन को सम्मानित किया गया।
इस मौके पर डॉ० विवेक सिंह, डॉ० सी एल बिंद, डॉ० अदिति जैन, डॉ० कुलदीप, आचार्य सुनील कुमार तिवारी एवं डॉ० अविनाश पांडेय आदि प्रमुख रूप से उपस्थित थे। कार्यक्रम की अध्यक्षता डॉ० संदीप श्रीवास्तव एवं संचालन डॉ० टी० एन० द्विवेदी ने किया ।
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