० किसान बिरोधी कानून का बिरोध जताते हुए भारतीय किसान सेना ने राष्ट्रपति को संबोधित ज्ञापन सौंपा
जितेन्द्र श्रीवास्तव
चुनार/मिर्जापुर।
किसान बिरोधी कानून का बिरोध जताते हुए भारतीय किसान सेना के राष्ट्रीय अध्यक्ष रामराज पटेल ने शनिवार को राष्ट्रपति को संबोधित पत्रक तहसीलदार अरुण कुमार गिरी को सौपा। पत्रक सौपते हुए कहा कि आजादी के 73 वर्ष बाद भी किसानों को अपने अधिकार के लिए अपने घरों से सैकडों किलोमीटर दूर खुले आसमान के नीचे कडाके ठंड मे सड़क पर संघर्ष करना पड रहा है। संघर्ष को दबाने के लिए सरकार किसानों के उपर पानी की बौछार, रास्ते में गड्ढा खुदवा रही है फर्जी मुकदमे लिखवा कर सरकार अंग्रेजी हुकूमत का याद दिला रही है।
पटेल ने कहा कि कान्ट्रेक्ट फर्मीग का प्रयोग अमेरिका ने 70 वर्ष पहले किया था। आज अमेरिका के किसान खेती छोड़ दिया और मात्र 16 प्रतिशत किसान खेती कर रहें है। जबकि वहा की सरकार हजारों डालर सब्सिडी देती है। भारत में 60/70 प्रतिशत किसान खेती करते है। नया कृषि कानून लागू होने से किसान कमजोर होगें और किसानों की माली हालत खराब होगी जब किसान खेती करना बंद कर देगें तो देश में भुखमरी फैलेगा इस लिए तीनों किसान बिरोधी कानून को वापस किया जाए, नहीं तो किसान अंगडाई लेगा तो भाजपा सरकार का देश से नामोनिशान खत्म हो जाएगा।
इस दौरान मुन्ना चौबे, अवधेश सिंह, अमरनाथ सिंह, विकास कुमार, दीनानाथ, सियाराम सिंह, हरिहर, कैलाश सिंह, जनमेजय सिंह सहित अन्य सदस्य मौजूद रहे।