एजुकेशन

तमाम शिक्षकों के गृह जनपद वापसी का सपना हुआ चकनाचूर

० जिन्होंने एक विकल्प भरा उन्हें अपना जनपद मिला, जिन्होंने 5 विकल्प भरे फिर करेंगे दूसरे जनपद की यात्रा
मिर्जापुर
शासन द्वारा अंतर्जनपदीय स्थानांतरण के लाभ बाद बाद भी प्रदेश के तमाम जनपदों से प्राथमिक शिक्षकों का गृह जनपद वापसी का सपना धरा का धरा रह जाएगा। दरअसल तमाम शिक्षकों को गृह जनपद स्थानांतरण के आवेदन में भरे गए प्रथम विकल्प को आवंटित ना करके किसी जनपद में दूसरे तो किसी जनपद में तीसरे विकल्प को आवंटित कर दिया गया है ऐसे में गृह जनपद वाले प्रथम विकल्प में तमाम शिक्षक स्थानांतरित नहीं हो पाएंगे। मिर्जापुर जनपद के शिक्षकों ने कहां है कि शासन यदि उसमें सुधार नहीं करती है तो शिक्षक न्यायालय की शरण लेने को बाध्य होंगे।
   शिक्षकों का आरोप है कि अंतर्जनपदीय ट्रांसफर में अन्याय करते हुए  द्वितीय वरीयता वाले जनपद में स्थान दिया गया है पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक दिलीप कुमार जिन्होंने प्रथम वरीयता में अपने गृह जनपद जौनपुर का ऑनलाइन आवेदन में आवेदन किया था लेकिन उनको गृह जनपद की बजाय भदोही जनपद मिला है। इसी तरह पूर्व माध्यमिक विद्यालय के शिक्षक सुनील कुमार भास्कर ने प्रथम वरीयता में जनपद जौनपुर भरा था उन्हें मिर्जापुर से जौनपुर ना भेजकर भदोही जिला आवंटित कर दिया गया। बताया गया है कि जन्मतिथि के आधार पर इन लोगों को जौनपुर का आवंटन होना चाहिए था। दरअसल नियमानुसार भारांक बराबर होने पर जन्मतिथि के नियम का पालन किया जाना चाहिए, लेकिन संभवत स्थानांतरण प्रक्रिया में जन्मतिथि का पालन न करते हुए आवंटन सूची जारी की गई है।  ऑनलाइन आवेदन के समय पांच विकल्प अनिवार्य ना भरने वालों को जिन लोगों ने केवल एक जनपद भरा था उन्हें उनका ही जनपद एलाट किया गया है जबकि जिन लोगों ने पांच विकल्प भरे उन लोगों को वरिष्ठता ना देकर दूसरा जनपद एलाट कर दिया गया। दिलीप कुमार और सुनील कुमार भास्कर जैसे तमाम शिक्षक प्रदेश के विभिन्न जनपदों से गृह जनपद में पहुंच न पाने का मलाल लिए बैठे हैं और शीघ्र ही न्यायालय के शरण में जाने के लिए जुट गए हैं।
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