0 वाहन और अग्यात वाहन चालक के खिलाफ रेलवे एक्ट के तहत मुकदमा दर्
0 अप्रैल लाईन पर आधे घंटे बाधित रहा रेलमार्ग यातायात
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
इलाहाबाद मुगलसराय रेल प्रखंड अंतर्गत गैपुरा और जिगना रेलवे स्टेशन के मध्य रविवार को अप लाईन पर चल रहो 3201 अप बाम्बे जनता एक्सप्रेस (पटना लोकमान्य तिलक एक्सप्रेस) मे फंसी बाईक आधा किलोमीटर तक फंसी रही ऐसे मे ट्रेन दुर्घटनाग्रस्त होने से बच गई। अन्यथा सही समय पर जानकारी न होती तो इंजन मे फंसे बाईक की वजह से कोई बडा रेल हादसा हो सकता था। दरअसल अंडर ब्रिज के ऊपर रेल्वे लाईन पर भयवश एक सवार बाईक छोडकर भाग गया और लगभग पाच सौ मीटर उक्त ट्रेन के इंजन मे घिसटते हुए आगे बढी। जानकारी होने पर ट्रेन रोक कर पर्चे उठे बाईक को निकाला गया तब जाकर ट्रेन अपने गंतव्य को रवाना हो सकी। इस दौरान लगभग आधे घंटे तक रेलगाड़ी यातायात लाईन पर बाधित रहा।
बताया जाता है कि रविवार को सुबह अप लाईन पर जैसे ही बाम्बे जनता एक्सप्रेस ट्रेन मिर्जापुर से रवाना होकर गैपुरा स्टेशन से आगे जिगना की ओर खंभा संख्या 760/1 के पास पहुची थी कि जिगना बारी गांव के सामने स्थित अण्डर ब्रिज के ऊपर कुछ लोग रेलवे लाईन पार कर रहे थे। उसी मे एक व्यक्ति अपनी बाईक रेलवे ट्रैक से ही पार्टी कर रहा था। जब उसने मेल ट्रेन देखा तो खुद को फसा देख डर सहम गये और अपनी बाइक ट्रैक पर ही छोडकर भाग निकला। इसके बाद उक्त बाईक बाम्बे जनता एक्सप्रेस ट्रेन के इंजन मे फंस गया। एक्सप्रेस ट्रेन मे फंसी यह बाइक 500 मीटर घिसटते हुए गयी। जैसे ही ट्रेन को स्कोर्ट कर रहे गार्ड को ट्रेन से आवाज सुनाई पडी। उसने वाकी टाकीज के जरिये चालक को सूचना दी और ट्रेन को रूकवाया। लगभग आधे घंटे तक ट्रेन खडी रही और किसी तरीके से परखचे उड़ चुके बाईक को निकाला गया तब जाकर ट्रेन अपने गंतव्य को रवाना हो सकी।
इस घटना के बाद अभी तक बाईक ओनर का कही पता नही चला है। जीआरपी और आरपीएफ बाईक की तस्दीक कर वाहन स्वामी का पता करने का प्रयास किया है। इस मामले मे बात किये जाने पर आरपीएफ इंस्पेक्टर चुनार और मिर्जापुर के प्रभारी इंस्पेक्टर अनिल कुमार दूबे ने बताया कि वाहन स्वामी की जानकारी नही हो पाई है। सोमवार को इलाहाबाद आरटीओ कार्यालय से जानकारी ली जाएगी। बाईक की पहचान हिरो स्प्लेंडर जिसका नंबर यूपी 70 डीके 1014 है, के रूप मे होने की बात बताई गई। बताया कि उक्त वाहन एवं अग्यात वाहन चालक के खिलाफ रेलवे एक्ट के अंतर्गत धारा 153, 147 के तहत मुकदमा पंजीकृत कर अग्रीम कार्रवाई की जा रही है।