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सेना के लिए हर व्यक्ति दस रूपये से दस लाख तक का कर सकता है योगदान: कर्नल अनिल कुमार

0 सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर कमिश्नर व अन्य अधिकारियो को लगाया प्रतीक 
ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर। 

जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल अनिल कुमार ने जनपदवासियो से सशस्त्र सेना झण्डा दिवस के अवसर पर शहीद के परिजन के लिए योगदान की अपील की है। कहा है कि आम जनमानस दस रूपये से लेकर दस लाख तक का योगदान कर उसकी रसीद प्राप्त कर सकता है। यह राशि केन्द्रीय सैनिक बोर्ड को भेज दी जाती है।  उन्होंने अपने कार्यालय से टीम के साथ निकलकर कमिश्नर मुरली मनोहर लाल, एडीएम विजय बहादुर, एसपी आशीष तिवारी, जिला विद्यालय निरीक्षक, मुख्य चिकित्सा अधिकारी सुरेंद्र उपाध्याय आदि के कार्यालय मे पहुंचकर झण्डा दिवस का प्रतीक बैच लगाकर सम्मानित किया और सशस्त्र सेना झण्डा दिवस की याद दिलाई।

कमिश्नर मुरली मनोहर ने कहा कि निश्चित रूप से सेना का त्याग और बलिदान अतुलनीय है।  कर्नल अनिल कुमार ने बताया कि जनपद में 01 से 07 दिसम्बर तक झण्डा दिवस सप्ताह मनाया गया। झण्डा दिवस के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि 23 अगस्त, 1947 को केन्द्रीय मंत्रीमण्डल की रक्षा समिति ने युद्ध दिग्गजों और उनके परिजनों के कल्याण के लिए 07 दिसम्बर को झण्डा  दिवस मनाने का फैसला लिया था। समिति ने यह तय किया कि यह दिन सैनिको के प्रति सम्मान प्रदर्शित करने का दिन होगा। तभी से 07 दिसम्बर को हम अपनी सैनिको की सेवा को याद करते हुए इस दिन को झण्डा दिवस के रूप में मनाते हैं। इन वीरों के कारण हम सभी अपने घरो में आराम से बैठ कर चैन की सांस ले पा रहे हैं। रक्षा करने वाले वीर जवानों का हम भारतवासी सदा ऋणी रहेंगे।

  अपने संबोधन में कर्नल अनिल कुमार ने कहा कि आम नागरिकों में सैनिकों के परिवारों के देखभाल की जिम्मेदारी की भावना को पैदा करना झण्डा दिवस का महत्वपूर्ण उद्देश्य है। सशस्त्र सेना झण्डा दिवस सप्ताह हम सभी लोग सैनिकों और उनके परिवारवालों के कल्याण के लिए 10 रूपये से लेकर 10 लाख रूपये तक दान स्वरूप में दे सकते हैं। इस दिन राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए सैनिकों के योगदान और उनके कोशिशों को सामने लाया जाता है। देश में केन्द्रीय सैनिक बोर्ड के तहत इस फण्ड को इकट्ठा किया जाता है और इसकी देख रेख होती है। केन्द्रीय सैनिक बोर्ड भी रक्षा मंत्रालय का ही एक हिस्सा है। कर्नल अनिल कुमार ने कहा कि हमे पूरी श्रद्धा एवं आदर के साथ सशस्त्र सेनाओं के सैनिकों का सम्मान करना चाहिए और इनकी कर्तव्यपरायणता और शहादत को नमन करना चाहिए। उनके साथ जवाहर लाल विश्वकर्मा, दशवंत सिंह, अरूण सिंह, असलम खान आदि रहे। 

पुनर्मिलन समारोह 23 को 
पूर्व सैनिको एवं उनके विधवाओ को एक साथ आमंत्रित कर उन्हे सम्मान प्रदान करने के लिए प्रत्येक वर्ष की भांति इस वर्ष भी 23 दिसंबर को पूर्व सैनिक पुनर्मिलन समारोह का आयोजन फतहा स्थित सैनिक पुनर्वास कल्याण कार्यालय के मैदान मे आयोजित होगा। जिला सैनिक कल्याण एवं पुनर्वास अधिकारी कर्नल अनिल कुमार ने बताया कि केन्द्रीय राज्य मंत्री अनुप्रिया पटेल मुख्य अतिथि होगी। इसमे द्वितीय विश्व युद्ध मे शहीद हुए सैनिको की अस्सी से नब्बे वर्षीय विधवाओ को सम्मान प्रदान किया जाएगा।                                                  

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