ब्यूरो रिपोर्ट, मिर्जापुर।
आशीष तिवारी पुलिस अधीक्षक द्वारा गुरूवार को पुलिस लाईन स्थित मनोरंजन कक्ष में सायं अपराध गोष्ठी का आयोजन कर जनपद के कानून-व्यवस्था की समीक्षा की गयी। अपराध गोष्ठी के आयोजन के क्रम में सर्वप्रथम अभियोजन अधिकारी जय गुरु उपाध्याय ने सभी थाना प्रभारीगण को अभियोजन के सम्बन्ध में कुछ आवश्यक उपाय बताये और सभी थाना प्रभारीगण से इस सम्बन्ध में आने वाली समस्याओँ की जानकारी ली। उन्होंने समस्त थाना प्रभारीगण को बताया कि जो भी अभिलेख न्यायालय में प्रेषित किये जाते हैं उन्हें प्रापर चैनल और सम्बन्धित अधिकारीगण से हस्ताक्षरित कराने के बाद ही भेजें।
पुलिस अधीक्षक द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि निस्तारण योग्य मालों को चिन्हित कर शीघ्र निस्तारण करायें।
पुलिस अधीक्षक द्वारा जनपद के समस्त थाना प्रभारियों एवं शाखा प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि अपने अधीनस्थों के साथ रात्रि के समय बैठकर थानाक्षेत्र में चल रही गतिविधियों, जनसमस्याओं, अपराध एवं अपराधियों पर नियन्त्रण हेतु योजना तथा क्षेत्र में चल रहे अवैध धन्धों आदि के सम्बन्ध में प्रतिदिन परिचर्चा करंत तथा उनकी व्यक्तिगत/कार्य सम्बन्धी समस्याओं के बारे में भी बात करें व साथ बैठकर उनके निराकरण सम्बन्धी उपाय तलाशें। महत्वपूर्ण तथ्यों से मुझे भी समय-समय पर अवगत कराते रहें। महोदय द्वारा बताया गया कि बीट प्रणाली को सफल बनाये जाने हेतु इस प्रकार की कार्यवाही के सकारात्मक परिणाम प्राप्त होंगे एवं कर्मचारियों में अपने कार्य के प्रति निष्ठा,ईमानदारी तथा सहयोग की भावना बनी रहेगी।
महोदय द्वारा सभी थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि चिन्हित किये गये माफियाओं के विरूद्ध प्रभावी कार्यवाही आवश्यक रूप से करायी जाये व गैंगेस्टर के पंजीकृत मुकदमों में अभियुक्तों की गिरफ्तारी सुनिश्चित कराते हुये उनके विरूद्ध धारा 14(1) की कार्यवाही भी अवश्य करायी जाये तथा अवैधानिक कार्यों से अर्जित की गयी सम्पत्ति को जब्त करायें, ताकि इस प्रकार की प्रवृत्ति को प्रसारित होने से रोका जा सके।
महोदय द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि समस्त थाना प्रभारीगण अपने-अपने क्षेत्र में चलने वाली पुलिस मोबाईलों, रात्रिगश्त, पैदलगश्त एवं चेकिंग में प्रभावी रूप से कार्यवाही करायें तथा डियूटी में लगे कर्मचारियों द्वारा सक्रिय रहकर की जाने वाली कार्यवाही को पूर्ण मनोयोग, ईमानदारी, निष्ठा से निष्पादित किया जाये व कार्यवाही का बेहतर परिणाम प्राप्त हो सके। इसके लिए सभी थाना प्रभारी अपने-अपने थानाक्षेत्र में लगातार भ्रमणशील रहें, मुखबिरों को भी सक्रिय रखें एवं बीट आरक्षियों को अपने-अपने बीट में लगातार सक्रिय रहते हुये प्राप्त होने वाली लाभप्रद सूचनाओं से उच्चाधिकारीगण को अवगत कराने हेतु निर्देशित करें। थानाक्षेत्र में लगने वाली समस्त डिय़ूटियों को निरन्तर चेकिंग करते रहें, पुलिस मित्रों से निरन्तर सम्पर्क बनाये रहें, व बेहतर कार्य करने वाले कर्मचारियों का उत्साहवर्धन भी करते रहें। साथ ही क्षेत्र में होने वाली चोरी, लूट, छिनैती आदि की घटनाओं पर प्रभावी नियन्त्रण हेतु आवश्यक कदम उठाये जाने हेतु निर्देशित किया गया।
जनपद में घटित होने वाले अपराधों के अनावरण हेतु समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि अपराध के पंजीकृत होने के उपरान्त उसके अनावरण हेतु सफल प्रयास करें, इसके लिये सर्वप्रथम घटना का मोटिव ज्ञात करने का प्रयास करें, जिससे घटना के अनावरण में आसानी होगी। इसके अतिरिक्त अभिसूचना संकलन, साक्ष्य संकलन, वीडियोग्राफी,फोटोग्राफी के साथ ही संदिग्धों पर भी सतर्क दृष्टि रखें तथा सर्विलांस व स्वाट टीम का भी सहयोग प्राप्त करते रहें। इस सम्बन्ध में समस्त थानों पर अलग से एस0ओ0जी0 का गठन किया गया है तथा प्रत्येक थानों पर कर्मचारियों को सर्विलांस का प्रशिक्षण दिया जा रहा है। इसके अतिरिक्त अपराध के अनावरण हेतु आधुनिक संसाधनों का भी बढ़-चढ़ कर प्रयोग करें।
निस्तारण हेतु शेष लम्बित विवेचनाओँ के निस्तारण के सम्बन्ध में समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया। इस क्रम में समस्त थाना प्रभारीगण को निर्देशित किया गया कि विवेचनाओं के निस्तारण में तेजी लायें व अभिसूचना संकलित कर साक्ष्य एकत्रित करते हुये गुण-दोष के आधार पर विवेचनाओं का समयबद्ध निस्तारण कराया जाना सुनिश्चित करें, क्योंकि विवेचनाओं के निस्तारण में लापरवाही बरतने वाले विवेचकों के विरूद्ध कार्यवाही की जायेगी। चोरी, वाहन चोरी एवं गुमशुदगी के अपराधों के सम्बन्ध में थाना प्रभारियों को निर्देशित किया गया कि सम्बन्धित बीट आरक्षी अपने क्षेत्र में जाकर संदिग्ध व्यक्तियों एवं अन्य व्यक्तियों के संदिग्ध हरकतों के सम्बन्ध में जानकारी कर घटना के खुलासे हेतु लाभप्रद सूचना प्राप्त करें। ग्रामीणों से पूछताछ करें, घटनास्थल का निरीक्षण करें सम्भव है कि अपराधियों के सम्बन्ध में सुराग मिल जाये। इसी प्रकार गुमशुदा लोगों की बरामदगी के सम्बन्ध में भी इसी प्रकार की कार्यवाही अमल में लाते हुये बरामदगी करायी जाये। संदिग्धों के नम्बर सर्विलान्स पर लगाकर आवश्यक जानकारी की जाये।
उनके द्वारा अपराध एवं अपराधियों पर नियन्त्रण व घटित घटनाओं के अनावरण के सम्बन्ध मे आवश्यक दिशा-निर्देश दिया गया। साथ ही प्राप्त होने वाले शिकायती प्रार्थना पत्रों, चरित्र प्रमाण पत्रों, शस्त्रों के सत्यापन आदि में समय का विशेष ध्यान रखें। इसके अतिरिक्त सभी थाना प्रभारियों को निश्चित रूप से बाडी वार्न कैमरों का प्रयोग किये जाने एवं आवश्यकता पड़ने या मांगे जाने पर सम्बन्धित फुटेज उपलब्ध कराये जाने हेतु निर्देशित किया गया। महोदय् द्वारा समस्त थाना प्रभारियों को निर्देशित करते हुये कहा गया कि अपने थाने में नियुक्त समस्त कर्मियों के कार्यों की समीक्षा भी समय-समय पर करते रहें व उनके वेलफेयर पर भी ध्यान दिया जाय।
उक्त गोष्ठी में अभियोजन अधिकारी, अपर पुलिस अधीक्षक नगर, क्षेत्राधिकारी नगर, क्षेत्राधिकारी सदर, क्षेत्राधिकारी चुनार, क्षेत्राधिकारी आपरेशन, मुख्य अग्निशमन अधिकारी, प्रतिसार निरीक्षक, आरआई रेडियो, स्वाट टीम प्रभारी, अपराध शाखा प्रभारी सहित समस्त थाना प्रभारी, चौकी प्रभारी, व शाखा प्रभारीगण उपस्थित रहे।