मिर्जापुर।
समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के नेतृत्व में पिछड़ा प्रकोष्ठ के प्रदेशाध्यक्ष विधान परिषद सदस्य राजपाल कश्यप के निर्देशन में पिछड़ा वर्ग प्रकोष्ठ जिलाध्यक्ष धर्मेंद्र मौर्या, जिलाध्यक्ष मिर्जापुर देवी प्रसाद चौधरी के नेतृत्व में मंडल कमीशन एवं जातिगत जनगणना आरक्षण को लेकर जिलाधिकारी को पत्रक के माध्यम राष्ट्रपति को अवगत कराया गया।
देवी प्रसाद चौधरी ने कहाकि 7 अगस्त 1990 में मंडल आयोग का गठन किया गया था 1979 में “सामाजिक या शैक्षिक रूप से पिछड़े वर्ग की पहचान” के उद्देश्य से किया गया था। इस आयोग का नेतृत्व भारतीय सांसद बी.पी. मंडल द्वारा किया गया था। पिछड़ेपन का निर्धारण के लिये मंडल आयोग द्वारा ग्यारह सामाजिक, आर्थिक और शैक्षिक संकेतकों का इस्तेमाल किया गया। वर्ष 1980 में मंडल आयोग की रिपोर्ट में पिछड़े वर्ग के लोगों के लिये सरकारी नौकरियों में 27 फीसदी आरक्षण की सिफारिश की गई।
मंडल आयोग ने यह भी सिफारिश की कि केंद्र और राज्य सरकारों के अधीन चलने वाली वैज्ञानिक, तकनीकी तथा प्रोफेशनल शिक्षण संस्थानों में दाखिले के लिये ओबीसी वर्ग के छात्र-छात्राओं के लिये 27% आरक्षण लागू किया जाए।
वर्ष 1990 में मंडल आयोग की सिफारिशों को सरकार द्वारा लागू किया गया था। समाजवादी युवजन सभा के राष्ट्रीय सचिव चंदन यादव ने कहाकि आज हमारे देश के राष्ट्रीय गीत जन-गण मंगलदायक जय हे के लेखक नोबेल पुरस्कार से सम्मानित श्री स्व० रविन्द्र नाथ टैगोर की जयंती है और आज के दिन पिछड़े दलित बहुसंख्यक वर्ग को मुल अधिकार देश के उच्च सदन में पास किया गया था, किन्तु बीजेपी सरकार के शीर्ष नेतृत्व द्वारा देश के उच्च सदन में यह कहना पिछड़े वर्ग का जनगणना नहीं कराया जायेगा, जो असंवैधानिक और ग़लत है। जब जनगणना नहीं होगा, तो पिछड़े दलित बहुसंख्यक की आबादी कितनी है और सरकारी संस्थानों में भागीदारी कितनी है, यह कैसे पता चलेगा। इसलिए हम सब की राष्ट्रपति जी से मांग है जातिगत जनगणना कराएं।
कार्यक्रम में रत्नेश श्रीवास्तव, राकेश यादव, विजय मौर्या, राजकुमार प्रजापति, जवाहर लाल मौर्या, सुरेन्द्र सिंह पटेल, राजकुमार साहू, आकाश यादव, इलियास अंसारी अरसद खान, अतीक खान, इत्यादि उपस्थित रहे।