खेत-खलियान और किसान

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में जिला औद्यानिक मिशन समिति की बैठक सम्पन्न

मीरजापुर।  उद्यान विभाग के अन्तगर्त संचालित विभिन्न औद्यानिक मिशन  योजनाओ/कायर्क्रमो के भौतिक एवं वित्तीय प्रगति की समीक्षा के सम्बन्ध में जिलाधिकारी प्रवीण कुमार लक्षकार की अध्यक्षता में जिला औद्यानिक मिशन समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में सम्पन्न हुयी। बैठक में प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उद्योग उन्यनयन योजना के अन्तगर्त बताया गया कि योजनान्तगर्त बेकरी, पशु एवं मुगीर् चारा, दाल व चावल मील, मक्का उत्पाद, मशरूम उत्पाद, हनी प्रोसेसिंग उत्पाद, मसाला एवं मसाला उत्पाद, नमकीन व मिठाई उद्योग, अचार मुरब्बा सिरका, जूस सेक, फल व हबर्ल उत्पाद सहित कई उद्योगो को शामिल किया गया है। जिसमें लाभाथीर् एफ0एम0ई0 पोटर्ल पर आवेदन कर उद्योग लागत का 35 प्रतिशत अधिकतम 10 लाख रूपये तक के्रडिट लिंक्ड का कैपिटल सब्सिडी लाभ उठाकर आत्मनिभर्र बन सकते हैं।

जिलाधिकारी ने कहा कि भारत सरकार द्वारा आत्मनिभर्र भारत के अन्तगर्त असंगठित क्षेत्र की इकाईयो की समस्या के समाधान हेतु प्रधानमंत्री सूक्ष्म खाद्य उन्नयन योजना प्रारम्भ की गयी है।  उन्होने बताया कि इसका उद्देश्य कुशल प्रशिक्षण एवं तकनीकी जानकारी प्रदान कर सूक्ष्म उद्यमियो की क्षमता में वृद्धि करने के लिये जी0एस0टी0, एफ0एफ0एस0आई0 मानको के लिये पूजीगत निवेश हेतु सहायता देना तथा पूजी निवेश ब्राडिंग एवं विपणन सहायता के लियंे कृषक उत्पादक संगठनो एवं स्वयं सहायता समूहो तथा सहकारी समितियो को सहायता प्रदान करना हैं। उन्होने कहा कि इसका वृहद स्तर पर प्रचार प्रसार कराना सुनिश्चित करंे ताकि अधिक से अधिक लोग इसका लाभ उठा सके। जिला उद्यान अधिकारी एकीकृत बागवानी विकास मिशन की जानकारी देते हुये बताया कि योजनान्तगर्त फल-फूल, मसाला, मौन पालन, ग्रीन/पाली हाउस आदि कायर्क्रमो का क्रियान्वयन कराया जाता है जिसमें 50 प्रतिशन अनुदान अनुमन्य हैं।

बैठक में प्रधानमंत्री कृषि सिचाई, राष्ट्रीय आयुष मिशन, कृषि विकास योजना, अनुसूचित जाति/जन जाति कृषको हेतु औद्यानिक विकास योजना आदि के बारे में विस्तृत चचार् की गयी। शीत गृह सम्बन्धी आलू भण्डारण के सम्बन्ध जिलाधिकारी ने कहा कि यह सुनिश्चित करे कि किसानो के आलू भण्डारण व निकासी में किसी प्रकार की परेशानी न होने पायें। इस अवसर पर जनपद में ड्रैगन फूड की खेती के बारे में चचार् करते हुये उद्यान अधिकारी ने बताया कि एक एकड़ की खेती से प्रतिवषर् लगभग 05 लाख की आय 30 सालो तक की जा सकती हैं। जिलाधिकारी ने योजनाओ प्रचार प्रसार करने पर बल देते हुये कहा कि किसानो को इसका लाभ पहुँचाया जाये ताकि वे औद्यानिक खेती कर आत्मनिभर्र बन सकें।

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