मिर्जापुर।
पढ़ी लिखी जब होगी माता, घर की बनेगी भाग्य विधाता। इसी प्रेरणा के साथ गुडवीव इंडिया टीम ने अपने बालमित्र समुदाय के ज्यादा से ज्यादा महिलाओं को हस्ताक्षर करना सिखाने के लिए विश्व साक्षरता दिवस के अवसर पर विभिन्न समुदायों में हस्ताक्षर सीखो अभियान चलाया।
समुदाय को निरक्षरता के इस अभिशाप से बचाने के उद्देश्य से गुडवीव इंडिया टीम ने मिर्जापुर भदोही और वाराणसी जिले कई समुदायों में कोविड बचाव के नियम को ध्यान में रखते हुए व्यक्तिगत दूरी, मास्क, सेनिटाइजर आदि का उपयोग करते हुए हस्ताक्षर सीखो अभियान चलाया।
इस अभियान के अन्तर्गत समुदाय के लोगों को साक्षरता के महत्व को समझाया गया और उन्हें एक शिक्षित समाज की अच्छाइयों के बारे में बताते हुए हस्ताक्षर करना सिखाया गया, जिसमें से 250 से ज्यादा महिलाओं ने हस्ताक्षर करना सीख भी लिया, महिलाओं द्वारा खुद का नाम पहली बार लिखने के बाद उनके चेहरे पर एक अलग ही खुशी देखने को मिली। विमला देवी वनवासी बस्ती अनेई वाराणसी ने कहा कि मैं भी अपना हस्ताक्षर कर सकती हूं कभी सोचा भी नहीं था। पर आज मैने अपना नाम लिखना सीख लिया है।
बार बार लिखकर अभ्यास करके अब मैं भी अंगूठा की जगह हस्ताक्षर करूंगी। प्रतिभागियों को जमीन पर ही नाम लिखने का अभ्यास कराया गया। मां वसुंधरा को कॉपी बनाकर आज सब अपना नाम लिख रहे थे। जिसको नाम लिखना आ जाता था वह खुशी से फूला न समाता था।
इस हस्ताक्षर सीखो अभियान के अवसर पर बालमित्र समुदाय कार्यक्रम के सहप्रबंधक जयप्रकाश ने बताया कि शिक्षा ही हमारे समाज में फैली ज्यादातर समस्याएं जैसे गरीबी भ्रष्टचार, आतंकवाद, बाल विवाह आदि का इलाज है। अतः हम लोगों को जब भी समय मिले नई नई चीजें सीखते रहना चाहिए। साथ ही अपने बच्चों को भी बेहतर शिक्षा देने का हर संभव प्रयास करना चाहिए। इसके अलावा उन्होंने सभी पढ़े लिखे लोगों से अपील की कि कम से कम एक को जरूर शिक्षित करें।
गुडवीव इंडिया की 26 सदस्यों की टीम ने समुदाय को भी शिक्षा के प्रति निरंतर जागरूक करने का प्रयास करती रहती है। इस हस्ताक्षर सीखो अभियान में क्षेत्राधिकारी सुरेंद्र कुमार मौर्य, डॉ. भोलानाथ मौर्य, हीरामणी, शोएबा अंसारी सहित समुदाय कार्यकर्ता के रूप में इंदु देवी, अनीता मौर्या,नंदनी,बिंदु देवी, दीपा, संगीता बिंद, पंचदेव, रेनू देवी, प्रमिला पटेल, सरिता मौर्या, रिशु मौर्या, ज्योति पटेल, सरोज, मीरा देवी, निशा मौर्या, नीलम,निशा साहू, नीतू कुमारी, अजरा खातून, सुशीला देवी, सरिता एवम चंद्रभूषण आदि का पूरा सहयोग महत्वपूर्ण एवम सराहनीय रहा।