मिर्जापुर

हिंदी दिवस पर तीन जनपदों से ११ गांवों के १५० बच्चों ने कार्यशाला में किया प्रतिभाग

0 उच्च कोटि की रचना के लिए  प्रथम पांच और सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 बच्चों को पुरस्कृत किया जाएगा
मिर्जापुर।
१४ सितम्बर को हिंदी दिवस के अवसर पर गुडवीव इंडिया की ओर से बालमित्र समुदाय में डिजिटल लर्निंग माध्यम से समर्थित बच्चों के मध्य हिंदी भाषा के प्रति प्रेम और सम्मान बढ़ाने के उद्देश्य से  हिंदी: हमारी जीवन धारा विषयक वर्चुअल कार्यशाला आयोजित की गती। सह प्रबंधक जय प्रकाश ने कही क्षेत्राधिकारी भोलानाथ मौर्य ने बताया कि लोग अपने बच्चो को इंग्लिश मीडियम एवं कान्वेंट स्कूल में पढ़ाने के लिए परेशान है। ग्लोबलाईजेशन के दौर में अपनी पहचान और अस्मिता का मातृभाषा को भूलना मतलब अपने अस्तित्व को भूलना है, जो आने वाले समय में हमें कही का नहीं छोड़ेगा।
 इस कार्यशाला मे मीरजापुर,भदोही और वाराणसी के ११ गांवों के कुल १५० से अधिक बच्चों ने बड़े ही उत्साह के साथ भाग लिया और अपने भावपूर्ण रचनाओं से अपने शब्दों में कविता तथा कहानियो के माध्यम से बड़े ही मार्मिक ढंग से अपने विचारो को व्यक्त किया हैं। इसको देख कर लगता है कि यदि इन मासूमो का थोडा भी उत्साह बर्धन किया गया तो ये बच्चे आगे चलकर देश के बहुत बड़े कवि, रचनाकार और लेखक बन सकते है और अपनी मातृभाषा की पहचान को बनाए रखने के साथ साथ देश का गौरव भी स्थापित करेंगे|
 वर्चुअल कार्यशाला में रामापुर मिर्जापुर से करीना ने एक चीटी की कहानी और उसके संघर्ष को बड़े ही अच्छे शब्दों में व्यक्त किया है। रामापुर से ही आँचल बिंद की कविता की पहली पंक्ति में लिखा है की “जिंदगी खेलती भी उसके साथ है, जो खिलाडी बेहतरीन होता है।”  वही युवराज ने कहा,” मां की ममता है हिंदी, पिता का छाया है…..खुशनुमा बानो ने मैडम मैडम छुट्टी दो, मम्मी को बुखार है,,,कुकरौठी भदोही से दीपांशु ने…प्यारी जग से न्यारी मां, खुशियां देती सारी मां, करसड़ा से प्रियंका बिंद ने पुस्तक के महत्व पर, कामिनी सरोज ने यात्रानुभव, अपर्णा राव ने एक छोटा सा पिकनिक पर, सौरभ चौहान ने कोरोना पर, नीलम अहमलपुर भदोही ने महीनों विशेषता, रसूलहा वाराणसी से किरण ने सहित 150 से ज्यादा बच्चों ने कविता कहानी को व्हाट्सएप ग्रुप में साझा किया। जिसे बाल अखबार के रूप में प्रकाशित किया जाएगा।
उच्च कोटि की मौलिक रचना के लिए  प्रथम पांच और सांत्वना पुरस्कार के रूप में 20 बाल रचनाकारों को पुरस्कृत किया जाएगा। इस पूरे कार्यक्रम में सह प्रबंधक जय प्रकाश, क्षेत्राधिकारी भोलानाथ मौर्य, क्षेत्राधिकारी हीरामनी, शोएबा अंसारी  रिशु मौर्या, इंदू देवी, दीपा मौर्या, निशा कुमारी, ज्योति पटेल, चंद्रभूषण, बिंदु सरोज, रेनू देवी और पंचदेव का योगदान सराहनीय रहा। धन्यवाद ज्ञापन आज़रा खातून ने किया।
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