एजुकेशन

मीरजापुर के कला के विविध अनछुये पहलुओं को उदघटित करने पर सत्य प्रकाश को मिली डाक्टरेट उपाधि

मीरजापुर। 

मीरजापुर के ग्राम हरदहा, डोमनपुर, ब्लाक मझवा निवासी डा0 सत्य प्रकाश उर्फ धीरज को उनके शोध प्रबन्ध ’’मीरजापुर-परिक्षेत्र कलावशेषो का अध्ययन’’ पर काशी हिन्दू विश्वविद्यालय के प्राचीन भारतीय इतिहास, संस्कृति एवं पुरात्तव विभाग द्वारा डाक्टरेट (पी0एच0डी0) की उपाधि मिलने पर जनपदवासियों ने हषर् व्यक्त किया। ज्ञातव्य है कि मीरजापुर में जन्में एवं पले बढ़े डा0 सत्य प्रकाश सिंह ने क्षेत्रीय ऐतिहासिक कला एवं परम्परा की सरंक्षण एवं संवधर्न हेतु अपनी जन्म भूमि को ही चुना। इलाहाबाद विश्वविद्यालय से स्नातक एवं परास्नातक के पश्चात काशी हिन्दू विश्वविद्यालय से प्रसिद्ध पुराविद् इतिहासकार डा0 प्रभाकर उपाध्याय के मागर्दशर्न में शोध कायर् पूरा किया। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग की जे0आर0एफ0 एवं एस0आर0एफ0 परीक्षा उत्तीर्ण कर अब आगे पोस्ट डाक्टोरल फेलोशिप के लिये प्रयासरत हैं। डा0 सत्य प्रकाश ने मीरजापुर मण्डल के विश्व प्रसिद्ध सलखन जीवाश्म पाकर्, अशोक के अहरौरा अभिलेख सहित ऐतिहासिक पयार्वरणीय दृष्टिकोण एवं कला, संस्कृति, अमूर्त धरोहर एवं परम्परा पर मौलिक लेखन कायर् करते हुये कला के कई अनछुये पहलुओं को उदघाटित किया हैं। उन्होंने बताया कि मीरजापुर के विविध आयामों को समेटे हुये लेखन कायर् जारी है जिसका प्रकाशन एवं विमोचन जल्द ही मीरजापुर को समपिर्त होगा।

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