चुनार।
स्वतंत्रता संग्राम सेनानी विश्राम सिंह राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालय चुनार में उत्तर प्रदेश संस्कृत संस्थान लखनऊ के तत्वावधान में आयोजित बाल्मीकि जयंती के अवसर पर विन्धयाचल मंडल की ऑफलाइन संस्कृत प्रतियोगिता धूमधाम से सम्पन्न हुई।
वाल्मीकि जयंती का शुभारंभ मुख्य अतिथि सुरेंद्र सिंह पटेल सदस्य राष्ट्रीय कार्यकारिणी भाजपा किसान मोर्चा ने मां सरस्वती एवं महर्षि वाल्मीकि की प्रतिमा पर माल्यार्पण कर किया।
इस अवसर पर आयोजित रामायण कथाकथन प्रतियोगिता में भागीरथी ट्रस्ट आदर्श संस्कृत महाविद्यालय के वेदांत मिश्रा ने प्रथम स्थान राजकीय पीजी कॉलेज की शालू पटेल द्वितीय स्थान एवं रामेश्वर संस्कृत महाविद्यालय उगापुर भदोही के जतिन पांडे ने तृतीय स्थान, श्लोक अंताक्षरी प्रतियोगिता में श्री भागीरथी संस्कृत महाविद्यालय चुनार के अभिजीत शुक्ला प्रथम स्थान श्री रामेश्वर संस्कृत महाविद्यालय उगापुर भदोही के जतिन पांडे द्वितीय स्थान एवं श्रीमती भागीरथी ट्रस्ट आदर्श संस्कृत महाविद्यालय चुनार के हर्ष उपाध्याय तृतीय स्थान एवं आशुभाषण प्रतियोगिता में राजकीय पीजी कॉलेज चुनार की स्नेहा दुबे प्रथम स्थान जीडी बिनानी पीजी कॉलेज मिर्जापुर की तनु पांडे द्वितीय स्थान एवं श्री रामेश्वर संस्कृत महाविद्यालय उगापुर भदोही के जतिन पांडे तथा हरिहर संस्कृत उच्चतर महाविद्यालय महाराजगंज कछवा के बालदत्त चौबे ने तृतीय स्थान प्राप्त किया।
इस अवसर पर छात्र छात्राओं ने बाल्मीकि रामायण के राम विवाह की कथा, शबरी की कथा, जटायु की कथा, एवं राम दरबार में लव कुश की कथा, को सुनाकर उपस्थित सभी विद्वानों का मन मोह लिया। आशुभाषण प्रतियोगिता के माध्यम से प्रतिभागियों ने संस्कृत भाषा एवं वाल्मिकी रामायण के महत्व को अपने शब्दों में रेखांकित किया। मुख्य अतिथि सुरेश सिंह पटेल ने कहा कि वाल्मीकि रामायण न केवल एक ग्रंथ है बल्कि वह हमारे जीवन शैली का एक माध्यम है जिसके आधार पर हम सुखमय जीवन व्यतीत कर सकते हैं। मर्यादा पुरुषोत्तम राम का जीवन चरित्र संपूर्ण जनमानस के लिए सदैव अनुकरणीय है और आगे भी रहेगा।
निर्णायक के रूप में काशी नरेश राजकीय पीजी कालेज ज्ञाननपुर भदोही की संस्कृत विभागाध्यक्ष डा० रिचा यादव राजकीय डिग्री कॉलेज धनूपुर हण्डिया प्रयागराज के डा० सुनील विश्वकर्मा राजकीय पीजी कॉलेज मगरहा के डॉ० दिनेश कुमार यादव जीडी बिनानी पीजी कॉलेज के संस्कृत विभागाध्यक्ष डा० अखिलेश नारायण मिश्र रहे। अध्यक्षीय संबोधन में प्राचार्य डॉ अशर्फीलाल ने कार्यक्रम की प्रशंसा करते हुए कहा कि वाल्मीकि रामायण आज मानव के कण कण में बसा हुआ है। प्रातः से लेकर सायंकाल तक हम लोग उस रामायण का अनुकरण करते हैं। कार्यक्रम का संचालन विंध्याचल मंडल के संयोजक डॉ प्रभात कुमार सिंह व धन्यवाद ज्ञापन डॉ शेफालिका राय ने किया। इस अवसर पर महाविद्यालय के सभी प्राध्यापक एवं कर्मचारी उपस्थित रहे।