खास खबर

‘आत्म-बदलाव से समाज-बदलाव’ की यात्रा का मिर्जापुर में हुआ जोरदार स्वागत

० राष्ट्र निर्माण के प्रति जुनून, सेवा करने के लिए करुणा, सीखने और सीखाने की इच्छा, विपरीत दृष्टिकोणों को सुनने की क्षमता, तत्परता, जिम्मेदारी और ईमानदारी रखने वालों की टटोल रहे नब्ज 
चुनार।
          दिसोम की ‘आत्म-बदलाव से समाज-बदलाव’ की यात्रा मिर्जापुर में नरायनपुर विकासखंड के बरेवां गांव पहुंची। ‘दिसोम द लीडरशिप स्कूल’ का जत्था अपनी ‘आत्मबदलाब से समाज बदलाव’ की यात्रा में सामाजिक मुद्दों पर शोध की तीन-दिवसीय कार्यशाला में गुरुवार को मिर्जापुर के नरायनपुर विकासखंड अंतर्गत बरेवा गांव पहुंची।
 टीम का हिस्सा भोपाल से आपराधिक व मानवाधिकार मामलों के अधिवक्ता मोहन दीक्षित; बेलगाम से सामाजिक और शैक्षिक कार्यकर्ता दिलशाद ; महाराष्ट्र के मेलघाट क्षेत्र से उप-सरपंच ललिता बेथेकर; ओडिशा के कालाहांडी के एक सामाजिक कार्यकर्ता निरंजन धारुआ; झारखंड के हो समुदाय के नेता मनोज सोयऔर कर्नाटक के सामाजिक कार्यकर्ता अब्दुल खलीफा सम्मिलित रहे। गांव में पहुंचने पर ग्राम प्रधान किरन शुक्ला सहित ग्रामीणों ने सभी का स्वागत किया। दिसोम की टीम ने लोगों की समस्याएं, व समस्याओं के हल, समाज में नेतृत्व कैसा हो जैसे बुनियादी मुद्दों पर लोगों से गहराई से समझने और सीखने का प्रयास किया।
              यात्रा में यहां उन्होंने लोगों से मुलाकात कर जाना कि यहां लोगों के मुद्दे मंहगाई, बेरोजगारी व भ्रष्टाचार से जुड़े हुए हैं, नेता लोगों को जातियों में बांटकर अपनी रोटियां सेंकने का काम कर रहे हैं।लोगों ने बताया कि जाति की राजनीति ज्यादा दिन नहीं चलेगी, भविष्य में जनता के मुद्दों पर ही राजनीति होगी। सायं काल आरटीआई कार्यकर्ता प्रदीप शुक्ला सहित तमाम गांव के प्रबुद्धजन एवं नौजवानो के साथ टीम के सदस्यों ने बैठक की जन सरोकार से जुड़े समस्याओं पर चर्चा हुई।
दिसोम द लीडरशिप स्कूल ‘ इनिशिएटिव ऑफ चेन्ज नामक संस्था से जुड़ा हुआ है जिसकी भारत में शुरुआत महात्मा गांधी के पोते  राजमोहन गांधी जी ने की थी।दिसोम कोई कक्षा नहीं है; यह वास्तविक जीवन के निर्वाचन क्षेत्रों में मानव दिमाग और दिल के साथ काम करने का प्रयोग है जो कि जोशीले व प्रगतिशील भविष्य के नेताओं को पोषित करने के लिए काम करता है और स्वयं अंतरात्मा की आवाज द्वारा निर्देशित रहने का काम कर सकें।दिसोम उम्र, लिंग, शिक्षा, राजनीतिक विश्वास या वित्तीय क्षमता के मामले में कोई बाधा नहीं रखता। यह परिवर्तन करने वाले प्रत्येक व्यक्ति के साथ चलता है, जो जीवन भर नैतिक नेतृत्व के लिए प्रतिबद्ध है। जिनके पास राष्ट्र निर्माण के प्रति जुनून, सेवा करने के लिए करुणा, सीखने और सीखाने की इच्छा, विपरीत दृष्टिकोणों को सुनने की क्षमता, तत्परता, जिम्मेदारी और ईमानदारी है। टीम 12 नवम्बर शुक्रवार को प्रातः गंतब्य के लिए रवाना हो गयी।
Banner VindhyNews
error: Right Click Not Allowed-Content is protected !!